आर एस राणा
नई दिल्ली। निर्यातकों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान जीरा का निर्यात 30 फीसदी बढ़कर 88,000 टन होने का अनुमान है। अन्य उत्पादक देषों टर्की और सीरिया में जीरा का स्टॉक काफी कम है, साथ ही इन देशों में राजनीतिक गतिरोध भी बना हुआ है, इसलिए भारत से जीरा की निर्यात मांग अच्छी है।
वित्त वर्ष 2015-16 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान 67,300 टन जीरा का निर्यात हुआ था। निर्यातकों के अनुसार नवंबर महीने में 8,000 से 10,000 टन जीरा का निर्यात हुआ है जबकि दिसंबर में अभी तक 5,000 टन का निर्यात हो चुका है। जीरा के निर्यात सौदे इस समय 2,450 से 2,550 डॉलर प्रति टन (एफओबी) की दर से हो रहे हैं। जानकारों के अनुसार इस समय बंगलादेष और चीन की आयात मांग सबसे ज्यादा बनी हुई है।..............आर एस राणा
नई दिल्ली। निर्यातकों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान जीरा का निर्यात 30 फीसदी बढ़कर 88,000 टन होने का अनुमान है। अन्य उत्पादक देषों टर्की और सीरिया में जीरा का स्टॉक काफी कम है, साथ ही इन देशों में राजनीतिक गतिरोध भी बना हुआ है, इसलिए भारत से जीरा की निर्यात मांग अच्छी है।
वित्त वर्ष 2015-16 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान 67,300 टन जीरा का निर्यात हुआ था। निर्यातकों के अनुसार नवंबर महीने में 8,000 से 10,000 टन जीरा का निर्यात हुआ है जबकि दिसंबर में अभी तक 5,000 टन का निर्यात हो चुका है। जीरा के निर्यात सौदे इस समय 2,450 से 2,550 डॉलर प्रति टन (एफओबी) की दर से हो रहे हैं। जानकारों के अनुसार इस समय बंगलादेष और चीन की आयात मांग सबसे ज्यादा बनी हुई है।..............आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें