आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान 27.48 लाख टन दलहन का आयात हो चुका है। पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में कुल आयात 57.97 लाख टन का हुआ था।
खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष में कुल दलहन के आयात में पिछले साल की तुलना में कमी आयेगी, क्योंकि फसल सीजन 2015-16 में खरीफ और रबी को मिलाकर दालों की कुल पैदावार 200 लाख टन होने का अनुमान है। ऐसे में अगर 40 लाख टन दालों का आयात होता है, तो कुल उपलब्धता 240 लाख टन की होगी, जबकि देष में सालाना दालों की खपत 220 से 225 लाख टन की ही होती है। कृषि मंत्रालय के अनुसार खरीफ में दलहन की पैदावार 87 लाख टन होने का अनुमान है जबकि रबी में 130 लाख टन होने का अनुमान है। चालू रबी में चना की बुवाई में जहां 36 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वहीं मसूर की बुवाई भी अभी तक 13 फीसदी ज्यादा है।
जानकारों के अनुसार दिसंबर में दलहन का आयात ज्यादा मात्रा में होगा, लेकिन आगे जनवरी से दलहन के आयात के सौदों में कमी आ सकती है। इसलिए आगामी दिनों में सभी दलहन चना, अरहर, मसूर और उड़द तथा मटर के साथ ही मूंग की कीमतों पर दबाव रहेगा।
सार्वजनिक कंपनियां एमएसटीसी और एसटीसी अभी तक 4.06 लाख टन दलहन के आसात सौदे कर चुकी हैं, तथा इसमें से 81,985 टन दलहन का आयात भी हो चुका है। यह दलहन केंद्र सरकार 20 लाख टन बफर स्टॉक के लिए आयात कर रही है, तथा इसमें से जहां 10 लाख टन दलहन की खरीद घरेलू मंडियों से की जायेगी, वहीं 10 लाख टन का आयात किया जायेगा।..............आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान 27.48 लाख टन दलहन का आयात हो चुका है। पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में कुल आयात 57.97 लाख टन का हुआ था।
खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष में कुल दलहन के आयात में पिछले साल की तुलना में कमी आयेगी, क्योंकि फसल सीजन 2015-16 में खरीफ और रबी को मिलाकर दालों की कुल पैदावार 200 लाख टन होने का अनुमान है। ऐसे में अगर 40 लाख टन दालों का आयात होता है, तो कुल उपलब्धता 240 लाख टन की होगी, जबकि देष में सालाना दालों की खपत 220 से 225 लाख टन की ही होती है। कृषि मंत्रालय के अनुसार खरीफ में दलहन की पैदावार 87 लाख टन होने का अनुमान है जबकि रबी में 130 लाख टन होने का अनुमान है। चालू रबी में चना की बुवाई में जहां 36 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वहीं मसूर की बुवाई भी अभी तक 13 फीसदी ज्यादा है।
जानकारों के अनुसार दिसंबर में दलहन का आयात ज्यादा मात्रा में होगा, लेकिन आगे जनवरी से दलहन के आयात के सौदों में कमी आ सकती है। इसलिए आगामी दिनों में सभी दलहन चना, अरहर, मसूर और उड़द तथा मटर के साथ ही मूंग की कीमतों पर दबाव रहेगा।
सार्वजनिक कंपनियां एमएसटीसी और एसटीसी अभी तक 4.06 लाख टन दलहन के आसात सौदे कर चुकी हैं, तथा इसमें से 81,985 टन दलहन का आयात भी हो चुका है। यह दलहन केंद्र सरकार 20 लाख टन बफर स्टॉक के लिए आयात कर रही है, तथा इसमें से जहां 10 लाख टन दलहन की खरीद घरेलू मंडियों से की जायेगी, वहीं 10 लाख टन का आयात किया जायेगा।..............आर एस राणा
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