समाप्त हो रहे वर्ष 2015 में लगातार तीसरे साल सोने की चमक कम हुई है।
इस दौरान सोने के दाम में1,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से भी अधिक की गिरावट
आई। सोने के दाम घटने से जहां निवेशक निवेश के लिए दूसरे विकल्पों की तरफ
देखने लगे हैं, वहीं सरकार घरों और विभिन्न संस्थानों में बेकार रखे सोने
के मुद्रीकरण पर पर जोर दे रही है। चांदी की स्थिति भी अच्छी नहीं रही। साल
के दौरान चांदी के मूल्य में 8 फीसदी गिरावट आई। वहीं सोने के दाम करीब
पांच फीसदी घटे। रुपये की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव और अमेरिका में ब्याज
दरों में वृद्धि को लेकर लंबी खिंची अनिश्चितता की वजह से सोना पूरे साल
ऊपर-नीचे होता रहा है।
चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती भी चिंता की वजह रही। साथ ही कमजोर
घरेलू मांग और वैश्विक खपत में कमी से भी सोने को लेकर धारणा प्रभावित हुई।
वहीं शेयर बाजारों के परिदृश्य में सुधार की वजह से निवेशक बेहतर प्रतिफल
पाने के लिए अन्य विकल्प तलाशते दिखे। वर्ष के ज्यादातर समय में सोने के
आयात पर अंकुश लगाने के उपाय जारी रहे। दूसरी तरफ सरकार की महत्त्वाकांक्षी
स्वर्ण मुद्रीकरण योजना का भी प्रभाव रहा। साल की शुरुआत में 26,700 रुपये
प्रति 10 ग्राम पर रहने के बाद सोना वर्ष भर उतार चढ़ाव को पार करता हुआ
साल के अंत में 25,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। हालांकि, अभी साल के
चार कारोबारी दिन बचे हैं।
वर्ष 2015 में चांदी भी 37,200 रुपये से घटकर 34,300 रुपये प्रति
किलोग्राम पर आ गई। पीली धातु की कीमतों में उतार-चढ़ाव की वजह से निवेश के
लिए मांग बुरी तरह प्रभावित हुई। वहीं कमजोर मॉनसून की वजह से ग्रामीण
परिवारों की आय घटने से भी इसकी मांग पर असर हुआ। गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड
फंड्स (ईटीएफ) से निवेश की भारी निकासी से भी सोने की कीमत तथा निवेशकों की
उम्मीदों पर असर हुआ। सरकार और रिजर्व बैंक ने साल के अंत में सोने के
कड़े आयात नियमों में कुछ ढील दी है, लेकिन इससे अभी तक मूल्यों को किसी
तरह का समर्थन नहीं मिला है। आमतौर पर चौथी तिमाही में शादी ब्याह और
त्योहारी सीजन में सोने की मांग में तेजी आती है, लेकिन इस बार घरेलू बाजार
में खास सुधार नहीं देखा गया।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में देश में सोने का
आयात 36.48 फीसदी घटकर 3.53 अरब डॉलर रह गया। वहीं चांदी का आयात 55 फीसदी
गिरकर 28.50 करोड़ डॉलर रह गया। साल की शुरुआत में सोना 28,000 रुपये के
स्तर को छूने में कामयाब रहा। जनवरी के मध्य में यह 28,215 रुपये प्रति 10
ग्राम तक गया। हालांकि यह तेजी कुछ समय के लिए ही रही। बाद में इसके प्रभाव
से चांदी के दाम भी नीचे आ गए। जुलाई तक सोने का भाव 25,000 रुपये के स्तर
से नीचे 24,590 रुपये के स्तर पर आ गया। यह 2011 के बाद सोने का सबसे
निचला स्तर है। अगस्त में हालांकि, सोना एक बार फिर 27,250 रुपये प्रति 10
ग्राम के ऊंचे स्तर तक चला गया। सोने के दाम 28 अगस्त, 2013 को 33,790
रुपये के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचे थे, उसके मुकाबले आज यह 25 फीसदी से
अधिक नीचे आ चुका है। (BS Hindi)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें