सरकार की ओर से प्याज को न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) के दायरे से हटाने की घोषणा के बाद से कीमतों में तेजी दिखने लगी है। हालांकि महाराष्टï्र के अधिकांश दुकान क्रिसमस और अन्य त्योहारों के कारण बंद रहीं, लेकिन दिल्ली में प्याज के दाम 100 रुपये बढ़कर 1,250 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए। अमृतसर मंडी में भी प्याज के दाम 200 रुपये बढ़कर 1,400 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए।
इस साल प्याज की बंपर उपज की उम्मीद में विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 24 दिसंबर को प्याज पर एमईपी खत्म करने की घोषणा की थी। इससे पहले 12 दिसंबर को डीजीएफटी ने प्याज निर्यात का न्यूनतम मूल्य 700 डॉलर प्रति टन से घटाकर 400 डॉलर प्रति टन करने की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य निर्यातकों को बड़े पैमाने पर विदेशों में प्याज निर्यात सौदे से रोकना था।
लासलगांव के प्याज व्यापारी एवं एस ट्रेडर्स के मालिक संजय सनप ने कहा, 'प्याज के दाम बढऩे लगे हैं। प्याज पर एमईपी खत्म करने संबंधी सरकार की घोषणा के बाद थोड़े समय के लिए कीमतों में तेजी दिख सकती है, लेकिन बाद में जबरदस्त आवक होने पर उसमें गिरावट आएगी।' पिछले दो दिनों में लासलगांव मंडी में प्याज के दाम 100 से 500 रुपये प्रति क्विंटल बढ़कर 1,100 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुके हैं।
नए सीजन की फसल की आवक शुरू हो चुकी है, लेकिन अगले कुछ सप्ताह में आवक कई गुना बढऩे की उम्मीद है क्योंकि संभवत: जनवरी के अंतिम सप्ताह तक खरीफ और देर-खरीफ फसलों की कटाई शुरू हो जाएगी। इस साल मॉनसूनी बारिश में देरी की वजह से खरीफ की बुवाई में भी देरी हुई थी। लेकिन खरीफ में देर वाली फसलों की बुवाई समय पर हुई थी। इसलिए दोनों किस्मों की फसल की आवक अगले कुछ सप्ताह में एक साथ होने की उम्मीद है।
राष्टï्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठïान (एनएचआरडीएफ) के निदेशक आरपी गुप्ता ने कहा, 'सरकार ने प्याज पर एमईपी खत्म करने की घोषणा की है। यह कदम किसानों के लिए सकारात्मक रहेगा और जैसा पहले भी उम्मीद की जा रही थी कि कीमतों में तेजी आएगी। प्याज के दामों में मौजूदा स्तर से ज्यादा कमी होने की संभावना नहीं दिखती।' भारत में प्याज का सालाना उत्पादन करीब 1.9 करोड़ टन होता है जिसमें दोनों खरीफ मौसम का कुल हिस्सा 40 फीसदी होता है। मॉनसूनी बारिश में देरी के बावजूद इस साल अच्छी उपज की संभावना है। पहले प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 700 डॉलर प्रति टन था और बाद में इसे 400 डॉलर प्रति टन किया गया। इसका उद्देश्य भारतीय निर्यातकों को विदेश में कारोबार करने से रोकना था। चूंकि विदेशी बाजार में प्याज का मूल्य 275 से 300 डॉलर प्रति टन चल रहा था, इसलिए निर्यातकों ने बाजार से कन्नी काट ली थी।
हॉर्टिक्चलर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित शाह ने कहा, 'लेकिन अब भारतीय निर्यातक बाजार में आ जाएंगे, जिससे निश्चित रूप से प्याज के दाम गिरने बंद हो जाएंगे। अब भारतीय निर्यातक विदेशों से सौदे शुरू कर देंगे।' भारत सऊदी अरब, श्रीलंका और कुछ अन्य पूर्वी देशों को बड़ी मात्रा में प्याज निर्यात करता है। एक अनुमान के अनुसार यह निर्यात 15 लाख टन प्रतिवर्ष होता है। (BS Hindi)
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