केंद्र ने आनुवांशिक परिवर्तन से तैयार कपास (बीटी कपास) के बीजों और अन्य किस्मों की कीमत नियंत्रित करने का फैसला किया है। इसके लिए मार्च 2016 से समान रूप अधिकतम बिक्री मूल्य (एमआरपी) का निर्धारण किया जाएगा। यह कदम मोनसैंटो जैसी वैश्विक हाइब्रिड बीज कंपनी के लिए बड़ा झटका मना जा रहा है। कृषि मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार बीज का मूल्य और रॉयल्टी या प्रजाति मूल्य (ट्रेट वैल्यू) समेत लाइसेंस शुल्क का निर्धारण एवं नियमन करने का भी फैसला किया है। फिलहाल देश के विभिन्न भागों में बीटी कपास के बीज अलग-अलग दरों पर बेचे जाते हैं। पंजाब और हरियाणा में 450 ग्राम के पैकेट का मूल्य 1,000 रुपये है जबकि महाराष्ट्र में 830 रुपये और आंध्र प्रदेश समेत छह राज्यों में 930 रुपये है।
सात दिसंबर को जारी अधिसूचना में कृषि मंत्रालय ने कहा कि जीन संवद्र्धित मौजूदा और भविष्य के कपास बीजों एवं अन्य कपास बीजों के बिक्री मूल्य का एक समान नियमन करने के लिए कपास बीज कीमत (नियंत्रण) आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि इसका मकसद किसानों को कपास बीज निष्पक्ष, उचित और सस्ते मूल्य पर उपलब्ध कराने के साथ देश भर में कपास बीजों की कीमत एक समान रखना है। इससे पहले इस बारे में किसानों और भारतीय राष्ट्रीय बीज संगठन ने बीटी कपास और अन्य किस्मों के बिक्री मूल्य के नियमन के लिए मंत्रालय को ज्ञापन दिया था। अधिसूचना के अनुसार कपास बीज का एमआरपी हर साल 31 मार्च या उससे पहले सरकारी राजपत्र में अधिसूचित किया जाएगा और यह अगले वित्त वर्ष के लिए लागू होगा।
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