मध्य दिसंबर के बाद फिर तेजी आने का अनुमान
आर एस राणा
नई दिल्ली। निर्यातकों की मांग कमजोर होने के साथ ही स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ने से जीरा की कीमतों में गिरावट आई है। गुजरात की उंझा मंडी में सप्ताहभर में जीरा की कीमतों में 400-500 रुपये की गिरावट आकर मंगलवार को भाव 14,500 से 14,750 रुपये प्रति क्विंटल रहे गए।
स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ने से जीरा की कीमतों में गिरावट तो आई है लेकिन आगामी दिनों में निर्यात मांग बढ़ने का अनुमान है। सीरिया और टर्की के राजनैतिक हालात दिन प्रति दिन खराब हो रहे हैं जिससे आयातक देष भारत से ही खरीद ज्यादा करेंगे। चालू सीजन में देष में जीरा की बुवाई में भी 10 से 15 फीसदी की कमी आने की आषंका है। ऐसे में आगामी दिनों में घरेलू बाजार में जीरा की कीमतों में फिर से तेजी आने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के अनुसार 2014-15 में जीरा की पैदावार 5.14 लाख टन होने का अनुमान है जबकि वर्ष 2013-14 में इसकी पैदावार 4.45 लाख टन की हुई थी।
जानकारों के अनुसार उत्पादक राज्यों में इस समय जीरा का केवल 8 से 10 लाख बोरी (एक बोरी-45 किलो) का ही स्टॉक बचा हुआ है जबकि नई फसल की दैनिक आवक फरवरी महीने के बाद बनेगी। ब्याह-षादियों के सीजन के कारण इस समय घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग बराबर बनी हुई है ऐसे में मध्य दिसंबर के बाद निर्यात मांग में भी तेजी आने का अनुमान है। उंझा मंडी में मंगलवार को जीरा के भाव घटकर 2,900 से 2,950 रुपये प्रति 20 किलो रहे।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले तीन महीनों अप्रैल से जून के दौरान जीरा के निर्यात में 49 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 27,000 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में 49,000 टन का निर्यात हुआ था। मसाला बोर्ड ने चालू वित वर्ष में निर्यात का लक्ष्य एक लाख टन का रखा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय जीरा का भाव 3.19 डॉलर प्रति किलो है जबकि पिछले साल इस समय भाव 2.87 डॉलर प्रति किलो था।......आर एस राणा
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