आर एस राणा
नई दिल्ली। विष्व बाजार में कीमतें कम होने से देष में वनस्पति तेलों के आयात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिसका असर घरेलू बाजार में तिलहनों की कीमतों पर पड़ रहा है। नवंबर महीने में देष वनस्पति तेलों के आयात में 13 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 1,342,435 टन का हो चुका है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्षन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार इंडोनेषिया और मलेषिया में वनस्पति तेलों के निर्यात पर षून्य षुल्क कर रखा है, जबकि विष्व बाजार में भाव नीचे बने हुए हैं। विष्व बाजार में वनस्पति तेलों के भाव पिछले आठ साल के न्यूनतम स्तर पर हैं। यहीं कारण है कि देष में खाद्य तेलों के आयात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिसका खामियाजा उद्योग के साथ ही किसानों को भी उठाना पड़ रहा है। खरीफ तिलहन की प्रमुख फसल सोयाबीन के भाव उत्पादक मंडियों में घटकर 3,200 से 3,500 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गए हैं जबकि सरसों की कीमतो में पिछले दो महीने में करीब 1,000 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है।
भारतीय बंदरगाह पर आयातित आरबीडी पॉमोलीन का भाव अक्टूबर महीने में 599 डॉलर प्रति टन था जोकि नवंबर में घटकर 556 डॉलर प्रति टन रह गया। इसी तरह से क्रुड पॉम तेल का भाव इस दौरान 562 डॉलर से घटकर 526 डॉलर प्रति टन रह गया।.........आर एस राणा
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