24 दिसंबर 2013
मेंथा तेल में बिकवाली से कमाएं मुनाफा
आर एस राणा : नई दिल्ली... | Dec 24, 2013, 10:30AM IST
निर्यातकों के साथ ही घरेलू उद्योग की मांग कमजोर होने से मेंथा तेल की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। महीने भर में उत्पादक मंडियों में इसकी कीमतों में करीब 100 रुपये की गिरावट आई है और भाव 850 से 925 रुपये प्रति किलो रह गए।
उत्पादक मंडियों में मेंथा तेल का बकाया स्टॉक ज्यादा है, साथ ही सिंथेटिक तेल की खपत बढ़ रही है। ऐसे में घरेलू बाजार में मेंथा तेल की कीमतों में और भी 5 से 7 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है। इसलिए निवेशक मौजूदा कीमतों पर बिकवाली करके मुनाफा कमा सकते हैं।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर जनवरी महीने के वायदा अनुबंध में चालू महीने में मेंथा तेल की कीमतों में 5.1 फीसदी की गिरावट आई है।
दो दिसंबर को जनवरी महीने के वायदा अनुबंध में मेंथा तेल का भाव 889 रुपये प्रति किलो था जबकि शुक्रवार को भाव घटकर 843 रुपये प्रति किलो रह गया। एग्री विश्लेषक अभय लाखवान ने बताया कि उत्पादक मंडियों में मेंथा तेल का बकाया स्टॉक मांग के मुकाबले ज्यादा है। इसलिए स्टॉकिस्टों की बिकवाली बनी होने से मौजूदा कीमतों में और भी 75 से 100 रुपये प्रति किलो की गिरावट आने की संभावना है।
एसेंशियल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष जुगल किशोर ने बताया कि सिंथेटिक तेल की खपत ज्यादा होने से मेंथा क्रिस्टल बोल्ड में मांग कम है जबकि चालू सीजन में पैदावार ज्यादा हुई है। विश्व में कई बड़ी कंपनियों ने मेंथा तेल के बजाए सिंथेटिक तेल का उपयोग शुरू कर दिया है क्योंकि मेंथा तेल के मुकाबले सिंथेटिक तेल की कीमतें करीब 200 से 250 रुपये प्रति किलो कम है। कुल खपत में करीब 15 से 20 फीसदी सिंथेटिक तेल की खपत हो रही है।
ग्लोरियस केमिकल के प्रबंधक अनुराग रस्तोगी ने बताया कि मांग के मुकाबले स्टॉक ज्यादा होने से मेंथा तेल में बिकवाली बराबर बनी हुई है। इस समय मेंथा तेल की दैनिक आवक 350 से 400 ड्रम (एक ड्रम-180 किलो) की हो रही है इसके अनुपात में मांग कमजोर है। चंदौसी मंडी में शुक्रवार को मेंथा तेल का भाव घटकर 850-925 रुपये प्रति किलो रह गया।
उत्तर प्रदेश मेंथा उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष फूल प्रकाश ने बताया कि चालू सीजन में मेंथा तेल का उत्पादन बढ़कर 65,000 से 70,000 टन होने का अनुमान है जो पिछले साल की तुलना में 15 से 20 फीसदी अधिक है।
उत्पादन तो ज्यादा हुआ ही था, साथ ही नई फसल के समय स्टॉकिस्टों के पास बकाया स्टॉक भी बचा हुआ था जिससे कुल उपलब्धता मांग से कही ज्यादा है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2013-14 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) के दौरान 10,650 टन मेंथा उत्पादों का निर्यात हुआ है जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 158 फीसदी ज्यादा था। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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