04 दिसंबर 2013
खाद्य तेलों पर आयात शुल्क वृद्धि टल सकती है चुनाव तक
आर एस राणा नई दिल्ली | Dec 03, 2013, 02:27AM IST
विदेश में तेजी
आयातित खाद्य तेल पिछले तीन महीनों में महंगे हुए
आरबीडी पामोलीन का भाव अगस्त में 809 डॉलर प्रति टन था
अक्टूबर में इसका भाव बढ़कर 935 डॉलर प्रति टन हो गया
क्रूड पाम तेल 809 डॉलर से बढ़कर 830 डॉलर प्रति टन हो गया
चुनाव से पहले सरकार उपभोक्ताओं की नाराजगी मोल लेने को तैयार नहीं
रिफाइंड खाद्य तेलों पर आयात शुल्क को 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी करने का प्रस्ताव लोकसभा चुनाव तक टलने की संभावना है। आयात शुल्क बढऩे से देश में खाद्य तेलों के मूल्य बढ़ सकते थे। चुनाव के चक्कर में सरकार उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ नहीं डालना चाहती है। घरेलू उद्योग को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने क्रूड पाम तेल और रिफाइंड खाद्य तेलों के आयात शुल्क में अंतर बढ़ाने के लिए कैबिनेट नोट तैयार किया है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रिफाइंड खाद्य तेलों के आयात शुल्क में बढ़ोतरी की जाती है तो इससे घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के दाम बढऩे की आशंका है। हालांकि रिफाइंड खाद्य तेलों पर आयात शुल्क को 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी करने के लिए कैबिनेट नोट तैयार हो चुका है लेकिन लोकसभा चुनाव तक इसे टाला जा सकता है।
वैसे भी पिछले तीन महीनों से आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि उद्योग और किसानों के साथ ही उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए कृषि मंत्रालय ने आयात शुल्क को अंतरराष्ट्रीय भाव से लिंक करने की सिफारिश की है।
उन्होंने बताया कि इस समय रिफाइंड खाद्य तेलों के आयात पर शुल्क 7.5 फीसदी है जबकि क्रूड पाम तेल पर आयात शुल्क 2.5 फीसदी है। अत: रिफाइंड और क्रूड खाद्य तेलों के आयात शुल्क में 5 फीसदी का अंतर है। आयात शुल्क में अंतर कम होने से रिफाइंड खाद्य तेलों के आयात में बढ़ोतरी हुई है। इससे घरेलू खाद्य तेल रिफाइनरी उद्योग प्रभावित हो रहा है।
उन्होंने बताया कि हमें सालाना कुल खपत के करीब 50 फीसदी से ज्यादा खाद्य तेलों का आयात करना पड़ता है।
सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार तेल वर्ष 2012-13 (नवंबर-12 से अक्टूबर-13) के दौरान खाद्य तेलों के आयात में 4.77 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल 106.56 लाख टन का आयात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 101.92 लाख टन का आयात हुआ था।
अभी तक हुए कुल आयात में रिफाइंड खाद्य तेलों की हिस्सेदारी 22.23 लाख टन है जो कुल आयात का 21 फीसदी है जबकि वर्ष 2011-12 में कुल खाद्य तेलों के आयात में रिफाइंड खाद्य तेलों की हिस्सेदारी केवल 16 फीसदी और वर्ष 2010-11 में 13 फीसदी थी।
आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में पिछले तीन महीनों में तेजी आई है। आरबीडी पामोलीन का भाव भारतीय बंदरगाह पहुंच अगस्त में 809 डॉलर प्रति टन था जबकि अक्टूबर में इसके भाव बढ़कर 935 डॉलर प्रति टन हो गए। इसी तरह से आयातित क्रूड पाम तेल की कीमतें इस दौरान 809 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 830 डॉलर प्रति टन हो गई।
(Business Bhaskar....R S Rana)
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