11 दिसंबर 2013
भारी आयात होने से खाद्य तेल सस्ते
क माह के दौरान खाद्य तेल के दाम त्र300-400 प्रति क्विंटल तक गिरे
महंगाई के दौर में खाद्य तेलों की कीमतों में आई गिरावट से उपभोक्ताओं को राहत मिली है। घरेलू बाजार में महीने भर में खाद्य तेलों की कीमतों में 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। ब्याह-शादियों का सीजन चल रहा है, जिससे खाद्य तेलों में मांग तो अच्छी है लेकिन कुल उपलब्धता मांग के मुकाबले ज्यादा होने के कारण कीमतों में और भी गिरावट आने की संभावना है।
दिल्ली वेजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता ने बताया कि ब्याह-शादियों का सीजन चल रहा है इसलिए खाद्य तेलों में मांग तो बराबर बनी हुई है लेकिन मांग के मुकाबले उपलब्धता ज्यादा होने के कारण खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट बनी हुई है।
घरेलू बाजार में महीने भर में खाद्य तेलों की कीमतों में करीब 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। हरियाणा के दादरी में सरसों तेल का भाव घटकर 720 रुपये, आरबीडी पामोलीन का 600 रुपये, क्रूड पाम तेल का 560 रुपये, राजकोट में मूंगफली तेल का 820-825 रुपये, इंदौर में सोया रिफाइंड तेल का भाव 705 रुपये और बिनौला तेल का 610 रुपये प्रति दस किलो रह गया।
सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार तेल वर्ष 2012-13 (नवंबर-12 से अक्टूबर-13) के दौरान खाद्य तेलों के आयात में 4.77 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 106.8 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष के दौरान 101.9 लाख टन का हुआ था।
पहली नवंबर को भारतीय बंदरगाहों पर आयातित खाद्य तेलों का 5.20 लाख टन का स्टॉक है जबकि 8.80 लाख टन खाद्य तेल पाइपलाइन में है। अत: कुल आयातित खाद्य तेलों का स्टॉक 14 लाख टन का है। अक्टूबर 2013 में आरबीडी पामोलीन का भाव भारतीय बंदरगाह पर 935 डॉलर प्रति टन है जबकि अक्टूबर 2012 में भाव 841 डॉलर प्रति टन था।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में तिलहनी फसलों की बुवाई बढ़कर अभी तक 74.74 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 72.18 लाख हैक्टेयर में ही तिलहनी फसलों की बुवाई हुई थी। मंत्रालय के अनुसार पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2012-13 में 353 लाख टन तिलहनों की पैदावार होने का अनुमान है। (Business Bhaskar,....R S Rana)
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