19 दिसंबर 2013
खाद्यान्न का बफर स्टॉक दोगुना करने की तैयारी
आर एस राणा : नई दिल्ली | Dec 19, 2013, 11:42AM IST
एक्स्ट्रा बर्डन : इस कदम से सरकारी खजाने पर 9,719 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी का पड़ेगा बोझ
ज्यादा स्टॉक क्यों
<+> मंत्रालय का मत, सभी राज्यों में खाद्य सुरक्षा कानून लागू होने के बाद बढ़ेगा खाद्यान्न आवंटन
<+> पीडीएस और कल्याणकारी योजनाओं में भी लगातार बढ़ रहा है खाद्यान्न का उठाव
<+> इसी के मद्देनजर केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का बफर स्टॉक बढ़ाने का लिया गया है निर्णय
333 लाख टन अनाज का बफर स्टॉक होगा पहली जनवरी को 129.6 लाख टन चावल व 203.4 लाख टन गेहूं को मिलाकर
2005 के बाद से ही खाद्यान्न के बफर स्टॉक में बढ़ोतरी नहीं की गई है, जबकि इस दौरान पीडीएस में बढ़ा है खाद्यान्न आंवटन
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं में बढ़ते आवंटन को देखते हुए केंद्रीय पूल में खाद्यान्न के बफर स्टॉक को दोगुना करने की तैयारी है। खाद्य मंत्रालय द्वारा तैयार नोट के अनुसार, इससे सरकारी खजाने पर लगभग त्र9,719 करोड़ की अतिरिक्त सब्सिडी का बोझ पड़ेगा। आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की गुरुवार को प्रस्तावित बैठक में इस पर फैसला होने की संभावना है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'बिजनेस भास्कर' को बताया कि देश के सभी राज्यों में खाद्य सुरक्षा कानून लागू होने के बाद खाद्यान्न आवंटन बढ़ेगा।
इसके अलावा पीडीएस और कल्याणकारी योजनाओं में भी खाद्यान्न का उठाव लगातार बढ़ रहा है। इसलिए सरकार ने केंद्रीय पूल में खाद्यान्न के बफर स्टॉक को बढ़ाने का फैसला किया है। इससे सरकार पर करीब 9,719 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी का भार पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 के बाद से खाद्यान्न के बफर स्टॉक में बढ़ोतरी नहीं की गई है जबकि इस दौरान पीडीएस में खाद्यान्न का आंवटन बढ़ा है। खाद्यान्न के बफर स्टॉक का इस्तेमाल गैर उत्पादक राज्यों में खाद्यान्न की सप्लाई सुगम बनाने के साथ-साथ सूखे जैसी आपदा से निपटने में किया जाता है।
वर्ष 2005 के आधार पर पहली अप्रैल को केंद्रीय पूल में 122 लाख टन चावल और 40 लाख टन गेहूं को मिलाकर 162 लाख टन खाद्यान्न का बफर स्टॉक होना चाहिए। इसी तरह पहली जुलाई को केंद्रीय पूल में 98 लाख टन चावल और 171 लाख टन गेहूं को मिलाकर केंद्रीय पूल में 269 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक होना चाहिए।
अधिकारी ने बताया कि पहली अक्टूबर को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों में 52 लाख टन चावल और 110 लाख टन गेहूं को मिलाकर कुल 162 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक होना चाहिए तथा पहली जनवरी को 118 चावल और 82 लाख टन गेहूं को मिलाकर कुल 200 लाख टन खाद्यान्न का बफर स्टॉक होना चाहिए।
इसके अलावा आपदा जैसी स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने 20 लाख टन चावल और 30 लाख टन गेहूं को मिलाकर कुल 50 लाख टन खाद्यान्न का रिजर्व भंडार भी बनाया हुआ है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय द्वारा तैयार प्रस्ताव के अनुसार पहली अप्रैल को केंद्रीय पूल में 190.4 लाख टन चावल और 133 लाख टन गेहूं को मिलाकर 323.4 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक होना चाहिए।
इसी तरह पहली जुलाई को एफसीआई के गोदामों में 194.6 लाख टन चावल और 340.7 लाख टन गेहूं को मिलाकर कुल 535.3 लाख टन खाद्यान्न का बफर स्टॉक होना चाहिए। पहली अक्टूबर को 161.9 लाख टन चावल और 274.4 लाख टन गेहूं को मिलाकर 436.3 लाख टन होगा। इसी तरह पहली जनवरी को 129.6 लाख टन चावल और 203.4 लाख टन गेहूं को मिलाकर कुल 333 लाख टन खाद्यान्न का बफर स्टॉक होगा। (Business bhaskar....R S Rana)
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