18 दिसंबर 2013
चीनी उत्पादन 15 दिसंबर तक पिछले साल से आधा
गन्ने की कीमत को लेकर करीब एक महीने तक बने रहे गतिरोध के बाद अब गन्ने की पेराई धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही है। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में 15 दिसंबर तक 24.2 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जो पिछले साल इस अवधि के दौरान हुए उत्पादन से करीब आधा है। फिर भी 30 नवंबर तक उत्पादन में 66 फीसदी कमी को देखते हुए यह अच्छा सुधार है।
देश में चीनी का सीजन अक्टूबर से सितंबर तक होता है। वर्ष 2012-13 के दौरान देश में करीब 251 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था, जबकि 2013-14 में उत्पादन करीब 244 टन रहने का अनुमान है। इस्मा ने 2013-14 में 250 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान जताया है। इस्मा ने आज जारी बयान में कहा, 'इस साल 15 दिसंबर तक करीब 426 चीनी मिलों ने पेराई शुरू कर दी है, जबकि पिछले साल इस समय तक 457 मिलों ने पेराई चालू कर दी थी।'
देशभर की चीनी मिलों ने इस साल अपनी पेराई में देरी कर दी है, क्योंकि उनका अपने ऊपर बढ़ते बकाये को लेकर किसानों के साथ गतिरोध बना हुआ था। मिलों ने कहा था कि वे गन्ने की कीमत पिछले साल से ज्यादा देने की स्थिति में नहीं हैं, जबकि किसानों ने ज्यादा कीमत की मांग की थी। इस्मा ने कहा है कि 15 दिसंबर तक महाराष्ट्र ने करीब 1.28 करोड़ टन गन्ने की पेराई कर 12 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जो पिछले साल से करीब 35 फीसदी कम है। राज्य में करीब 150 मिलों ने पेराई शुरू कर दी है, जिनमें से करीब 56 मिलें निजी क्षेत्र की हैं। पिछले साल राज्य में 155 मिलों ने पेराई चालू कर दी थी।
उत्तर प्रदेश में 110 चीनी मिलों ने पेराई चालू कर दी है, जबकि पिछले साल इस समय तक 116 मिलों ने पेराई चालू कर दी थी। राज्य ने 15 दिसंबर तक 2.3 लाख टन चीनी उत्पादित की है, जो पिछले साल से करीब 78 फीसदी कम है। इस्मा ने कहा कि एक अक्टूबर, 2013 से 30 नवंबर 2013 तक भारत ने करीब 27,000 टन चीनी का आयात किया है, जबकि 2.2 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया है। (BS HIndi)
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