13 दिसंबर 2013
दलहन में गिरावट रोकने के लिए आयात शुल्क की तैयारी
आयातित दलहन की ज्यादा सप्लाई से थोक में चना व अरहर एमएसपी से भी सस्ती
सुस्ती का आलम
2,800-2,900 प्रति क्विंटल रह गए चना के दाम घटकर
3,000 एमएसपी है रबी सीजन के लिए
3,000 प्रति क्विंटल बिक रहा है मुंबई में ऑस्ट्रेलियाई चना
4,200-4,300 प्रति क्विंटल थोक भाव अरहर का
4,300 प्रति क्विंटल एमएसपी निर्धारित है अरहर का
4,050- 4,150 प्रति क्विंटल आयातित अरहर का भाव मुंबई में
घरेलू बाजार में दलहन की थोक कीमतों में आई गिरावट को रोकने के लिए केंद्र सरकार दालों के आयात पर 10 फीसदी आयात शुल्क लगा सकती है।
किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कृषि मंत्रालय दालों के आयात पर शुल्क लगाने का नोट तैयार कर रहा है। उत्पादक मंडियों में चना और अरहर की कीमतें घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी नीचे आ गई हैं।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि उत्पादक मंडियों में चना और अरहर की कीमतें घटकर एमएसपी से नीचे आ गई हैं जबकि रबी सीजन में दलहन की पैदावार बढऩे का ही अनुमान है।
ऐसे में किसानों के हितों को देखते हुए मंत्रालय दलहन के आयात पर 10 फीसदी आयात शुल्क लगाने का कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है। इस पर अंतिम फैसला आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) को करना है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2013-14 में दलहन पैदावार का लक्ष्य 190 लाख टन का है जबकि वर्ष 2012-13 में देश में 184.5 लाख टन दालों का उत्पादन हुआ था। देश में दालों की सालाना खपत करीब 210-115 लाख टन की होती है। ऐसे में हर साल करीब 25 से 35 लाख टन दालों का आयात होता है।
उत्पादक मंडियों में चना के दाम घटकर 2,800 से 2,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए है जबकि केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2013-14 के लिए चने का एमएसपी 3,000 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। ऑस्ट्रेलिया से आयातित चना का भाव मुंबई में 3,000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है।
इसी तरह से प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में अरहर की कीमतें 4,200 से 4,300 रुपये प्रति क्विंटल चल रही है जबकि खरीफ विपणन सीजन 2013-14 के लिए केंद्र सरकार ने अरहर का एमएसपी 4,300 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। बर्मा से आयातित अरहर का भाव मुंबई में 4,050 से 4,150 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में दलहन की बुवाई बढ़कर 114.87 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 102.49 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। रबी दलहन की प्रमुख फसल चने की बुवाई बढ़कर 80 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है तथा अभी तक मौसम भी फसल के अनुकूल रहा है।
ऐसे में रबी सीजन में चने का उत्पादन वर्ष 2012-13 के 88.8 लाख टन से ज्यादा ही होने का अनुमान है। मंत्रालय के आरंभिक अनुमान के अनुसार खरीफ में दालों का उत्पादन 60.1 लाख टन होने का अनुमान है जो वर्ष 2012-13 के 59.1 लाख टन से ज्यादा है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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