26 दिसंबर 2013
जिंस बाजार पर भारी पड़ा एनएसईएल घोटाला
जिग्नेश शाह की अगुवाई वाले नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) के 5,600 करोड़ रुपये के घोटाले में फंसने की वजह से देश के जिंस वायदा बाजार की गाड़ी 2013 में पटरी से उतर गई। वर्ष के दौरान गैर कृषि उत्पादों पर लेनदेन कर लगाए जाने से भी जिंस एक्सचेंजों का कारोबार प्रभावित हुआ और जिंस एक्सचेंजों का कारोबार 30 फीसदी घटकर 125 लाख करोड़ रुपये पर आने का अनुमान है।
इस साल की शुरुआत वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा बजट में गैर कृषि उत्पादों व प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों पर 0.01 फीसदी जिंस लेनदेन कर (सीटीटी) लगाने के साथ हुई। हालांकि, उद्योग जगत ने इस घटनाक्रम को अच्छे से नहीं लिया। यह कर जुलाई से लागू हुआ और इससे दो सबसे बड़े एक्सचेंजों एमसीएक्स व एनसीडीईएक्स सहित 21 जिंस वायदा बाजारों में मात्रा के हिसाब से कारोबार प्रभावित हुआ। जुलाई का महीना इस दृष्टि से भी अहम रहा कि बिना नियमन वाले नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) में एक बड़ा घोटाला सामने आया, जिससे दशक भर पुराने वायदा बाजार की प्रतिष्ठा को चोट पहुंची।
केंद्र ने पिछले साल एनएसईएल को कानून का उल्लंघन कर वायदा अनुबंध चलाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया। बाद में इस एक्सचेंज पर अंतत टे्रडिंग रोक दी गई। एनएसईएल का 5,600 करोड़ रुपये का घोटाला हर्षद मेहता प्रतिभूति घोटाले से भी बड़ा माना जा रहा है। कुल मिलाकर 24 एनएसईएल सदस्यों को 13,000 निवेशकों का बकाया चुकाना है, जबकि भंडारगृह में जमानत के रूप में कोई भंडार नहीं है। अभी तक निवेशकों को 265 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान किया गया है। साप्ताहिक भुगतान के मामले में एनएसईएल लगातार 18 सप्ताह भुगतान में चूक कर चुका है।
एनएसईएल में अनियमितताओं की कई एजेंसियों द्वारा जांच की जा रही है और इस मामले में उसके प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी अंजनी सिन्हा सहित कई शीर्ष अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। इस घोटाले की प्रकृति ऐसी थी कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के पास इसकी जांच के लिए साधन नहीं थे। जांच की निगरानी के लिए नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) को वित्त मंत्रालय को स्थानांतरित किया गया।
इस साल जिग्नेश शाह को शेयर बाजार शुरू करने की अनुमति मिली थी, जिसके बाद वह काफी चर्चा में थे। लेकिन वह इस भारी भुगतान संकट की जिम्मेदारी से बच नहीं पाए और उन्होंने दो एक्सचेंजों एमसीएक्स और एमसीएक्स एसएक्स से इस्तीफा दे दिया। शाह ने ही इन एक्सचेंजों की स्थापना और आगे बढ़ाने का काम किया। एक प्रमुख ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि 2013 में निवेशकों का भरोसा अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया। एनएसईएल घोटाले व सीटीसी लगाने का जिंस बाजार का काफी प्रतिकूल असर हुआ। एसएमसी कॉमटे्रड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक डी के अग्रवाल ने कहा, 'जिंस बाजार से रिटर्न शेयर बाजार की तुलना मेंं काफी कम रहा। साल के दौरान सोने, चांदी व कुछ कृषि जिंसों का प्रदर्शन काफी खराब रहा। (BS HIndi)
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