28 दिसंबर 2013
एफएमसी ने घटाया मार्जिन
कारोबारियों को नए वर्ष का तोहफा देते हुए वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने एक जिंस के विभिन्न महीनों के अनुबंधों में मार्जिन 60 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी कर दिया है। इसका मकसद वायदा बाजार में और मजबूती लाना है। वर्तमान में एक्सचेंज किसी जिंस की खरीद और बिक्री अनुबंधों पर 60 फीसदी शुरुआती मार्जिन लेते हैं। इसके अलावा विशेष और नकदी मार्जिन भी वसूला जाता है।
उदाहरण के लिए अगर एक कारोबारी फरवरी के लिए कोई जिंस खरीदता है और इसे मार्च के लिए बेचता है तो वर्तमान नियमों के मुताबिक दोनों तरफ (खरीद व बिक्री) पर 5 फीसदी शुरुआती मार्जिन लगता है और इसके बाद ट्रेडिंग के लिए केवल 6 फीसदी मार्जिन देना होता है। अब 1 जनवरी से लागू होने वाले संशोधित नियमों के मुताबिक कारोबारी को केवल 5 फीसदी मार्जिन ही देना होगा। नियामक ने स्प्रैड ट्रेडिंग को भी उदार बना दिया है।
एफएमसी के सर्कुलर में कहा गया है, 'पुनर्गठित जोखिम प्रबंधन समूह (आरएमजी) की सिफारिशों के मद्देनजर आयोग ने यह फैसला किया है कि एक ही जिंस के विभिन्न महीनों के अनुबंधों और इसी जिंस के दो अनुबंध वैरिएंट में स्प्रैड मार्जिन लाभ की स्वीकृति होगी। इसलिए एक्सचेंज पॉजिशनों पर 50 फीसदी शुरुआती मार्जिन (एक्सपोजर व उतार-चढ़ाव मार्जिन सहित) वसूल करेगा।'
नियामक ने यह स्पष्ट किया है कि दो अलग-अलग जिंसों के अनुबंधों में स्पै्रड मार्जिन का लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि दोनों जिंसों के बीच जोखिम में भारी बदलाव होता है। अतिरिक्त, विशेष और नकदी मार्जिन की मंजूरी देने के समय के पूर्व दिशानिर्देशों से इतर एफएमसी के सर्कुलर में कहा गया है कि ये अतिरिक्त मार्जिन एक ही जिंस के विभिन्न अवधियों के अनुबंधों में नहीं लगेंगे। कारोबारी सूत्रों के मुताबिक ये सभी मार्जिन स्प्रैड अनुबधों में बाधक साबित हो रहे थे।
ऐंजल ब्रोकिंग के सहायक निदेशक (जिंस एवं मुद्रा) नवीन माथुर ने कहा, 'यह बाजार के लिए तीन तरह- शुरुआती मार्जिन में कमी, नकदी व विशेष मार्जिन में छूट और जरूरत पडऩे पर ज्यादा मार्जिन वसूलने का एक्सचेंजों को अधिकार के लिहाज से फायदेमंद हैं।' हालांकि एफएमसी ने एक्सचेंजों को यह स्वीकृति दी है कि अगर उन्हें ज्यादा जोखिम लगे तो वे 50 फीसदी से ज्यादा मार्जिन वसूल सकते हैं। एफएमसी के ये दिशानिर्देश 1 जनवरी से लागू होंगे और ये बदलाव इस समय चल रहे अनुबंधों पर भी लागू होंगे। हालांकि एफएमसी ने विभिन्न जिंसों में स्प्रैड ट्रेडिंग पर रोक बरकरार रखी है। एमके कॉमट्रेड लिमिटेड के सीईओ अशोक मित्तल ने कहा, 'यह स्वागतयोग्य कदम है, क्योंकि इससे जिंस वायदा बाजार में और मजबूती आएगी।' (BS Hindi)
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