03 दिसंबर 2013
कॉफी निर्यात 29 फीसदी बढ़ा
चालू फसल वर्ष (अक्टूबर 2013 से सितंबर 2014) के पहले दो महीनों के दौरान देश के कॉफी निर्यात में 29 फीसदी की शानदार बढ़ोतरी रही है। देश से अक्टूबर और नवंबर 2013 के बीच 39,800 टन निर्यात हुआ, जो पिछले साल की इसी अवधि में 30,859 टन था। निर्यात में यह बढ़ोतरी काफी अहमियत रखती है, क्योंकि पिछले साल (अक्टूबर 2012 से सितंबर 2103) निर्यात 5.24 फीसदी गिरकर 2,99,582 टन रहा था।
कॉफी एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रमेश राजा ने कहा, 'रुपये में गिरावट और पुराने स्टॉक को बेचने की जल्दी से पहले दो महीनों के दौरान निर्यात में अचानक तेजी आई है। उत्पादकों, विशेष रूप से लघु और मझोले उत्पादकों को अपने कटाई पर होने वाले खर्च के लिए पैसे की जरूरत है। वर्तमान फसल में अरेबिका की कटाई शुरू हो चुकी है।Ó डॉलर के लिहाज से इन दो महीनों में भारतीय निर्यातकों की आमदनी 10 करोड़ डॉलर रही, जो पिछले वर्ष के समान महीने में 9.28 करोड़ डॉलर रही थी। रुपये के लिहाज से निर्यातकों की आय 620.53 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की इसी अवधि में 499.76 करोड़ रुपये थी। हालांकि प्रति टन मूल्य अक्टूबर और नवंबर के बीच 1.62 लाख रुपये से गिरकर 1.56 लाख रुपये पर आ गया है। इस तरह इसमें 3.72 फीसदी गिरावट रही। भारत का ज्यादातर कॉफी निर्यात इटली, जर्मनी, रूसी संघ, बेल्जियम और स्पेन को होता है। रोबस्टा किस्म की कॉफी का इस्तेमाल मुख्य रूप से इंस्टेंट ड्रिंक और एस्प्रेसो में होता है।
राजा ने कहा कि हालांकि रुपये में गिरावट से निर्यातकों को ज्यादा डॉलर की आमदनी अर्जित करने में मदद मिली है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में नीची कीमतों से यह लाभ बराबर हो गया है। पिछले एक साल के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में अरेबिका की कीमतें 45 फीसदी गिरकर 110 सेंट प्रति पाउंड पर आ गई हैं। ब्राजील में ऑफ ईयर के दौरान भारी उत्पादन से पिछले एक साल के दौरान कीमतों में भारी गिरावट आई है। कर्नाटक प्लांटर्स एसोसिएशन (केपीए) के पूर्व चेयरमैन निशांत आर गुर्जर ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान ग्रीन कॉफी का निर्यात लगभग स्थिर रहा है, जबकि भारत से इंस्टेंट कॉफी का निर्यात बढ़ रहा है। उन्होंंने कहा, 'छोटे उत्पादक अपने स्टॉक को रोके रखने की स्थिति में नहीं थे और उन्होंने अपना स्टॉक बेच दिया है। पहले दो महीनों के दौरान निर्यात मुख्य रूप से कंपनियों ने किया है।Ó राजा ने कहा कि वर्ष के बचे हुए समय में निर्यात में बढ़ोतरी की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, 'वास्तविक तस्वीर अप्रैल तक ही सामने आ सकेगी, जब तक वर्तमान फसल की कटाई पूरी हो चुकी होगी। हमें तभी पता चल सकेगा कि निर्यात के लिए कितना स्टॉक उपलब्ध होगा।' (BS Hindi)
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