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06 अक्टूबर 2011

प्याज और सस्ती होने पर निर्यात मूल्य घटा सकती है सरकार

खुदरा बाजार - प्याज का मौजूदा फुटकर भाव 22-23 रुपये प्रति किलोनिर्यात की स्थितिअंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय प्याज का दाम ज्यादा है इसीलिए निर्यात सीमित मात्रा में हो रहा है। सरकार ने 20 सितंबर को निर्यात रोक तो हटा ली थी लेकिन एमईपी 475 डॉलर प्रति टन तय कर दिया।दिल्ली में आवकदिल्ली में प्याज की दैनिक आवक 50 से 60 ट्रकों की हो रही है। राजस्थान के प्याज का भाव 400 से 450 रुपये और कर्नाटक के प्याज का भाव 500 से 650 रुपये प्रति 40 किलो चल रहा है।सरकार प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) में कमी कर सकती है। प्याज का दाम खुदरा बाजार में घटकर 20 रुपये प्रति किलो से नीचे आने के बाद एमईपी में कमी करने की सरकार योजना बनाएगी। सरकार ने इस समय प्याज का एमईपी 475 डॉलर प्रति टन तय कर रखा है तथा इन भावों में पड़ते नहीं होने के कारण प्याज का निर्यात बहुत कम हो रहा है।
उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि इस समय खुदरा बाजार में प्याज का दाम 22 से 23 रुपये प्रति किलो चल रहा है।
खुदरा बाजार में इसकी कीमतें घटकर 20 रुपये से नीचे आने के बाद एमईपी में कमी करने की योजना है। उन्होंने बताया कि घरेलू बाजार में प्याज की सप्लाई बढ़ाने के लिए एमईपी ज्यादा तय किया गया था। नवंबर महीने में राजस्थान और गुजरात की नई फसल आने के बाद कीमतों में कमी आने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय प्याज का दाम चीन और पाकिस्तान के मुकाबले ज्यादा है इसीलिए भारत से निर्यात सीमित मात्रा में ही हो रहा है। सरकार ने 20 सितंबर को प्याज के निर्यात पर से रोक तो हटा ली थी लेकिन एमईपी 475 डॉलर प्रति टन तय कर दिया था। भारत से प्याज का सबसे ज्यादा निर्यात खाड़ी देशों के अलावा मलेशिया, इंडोनेशिया और श्रीलंका को होता है।
पोटेटो ऑनियन मर्चेंटस एसोसिएशन (पोमा) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में प्याज की दैनिक आवक 50 से 60 ट्रकों की हो रही है। राजस्थान के प्याज का भाव 400 से 450 रुपये और कर्नाटक के प्याज का भाव 500 से 650 रुपये प्रति 40 किलो चल रहा है।
नासिक मंडी में प्याज का भाव 1,100 से 1,250 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है। इस समय प्याज की दिल्ली में दैनिक आवक राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक से हो रही है। नवंबर महीने में राजस्थान की अलवर लाइन और गुजरात के भावनगर की नई फसल की आवक शुरू होने की संभावना है।
राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन के अनुसार वर्ष 2011-12 में प्याज का उत्पादन बढ़कर 151.35 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल देश में 145.6 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ था। (Business Bhaskar......R S Rana)

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