मुंबई October 16, 2011
खरीफ सीजन के दौरान दलहन फसलों का रकबा घटने की वजह से उत्पादन भी करीब 10 फीसदी कम होने का अनुमान है। त्योहारी सीजन के चलते मांग भी अच्छी है। ऐसे में उत्पादन घटने और मांग में तेजी के बावजूद पिछले एक महीने में लगभग सभी दालों की कीमतों में 10 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है। इसकी वजह सरकार द्वारा तय की गई स्टॉक सीमा और सटोरियों पर प्रशासन की तिरछी नजर को माना जा रहा है। उत्पादन कम होने की आशंका के बावजूद पिछले एक महीने से दलहन की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। एक महीने के अंदर हाजिर बाजार में चना करीब 10 फीसदी गिरकर 3188 रुपये प्रति क्विंटल पर आ चुका है। वायदा बाजार में तो हालात और भी खराब हैं। एनसीडीईएक्स में चना (अक्टूबर) करीब 14 फीसदी गिरकर 2969 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच चुका है। चने की तरह ही दूसरे प्रमुख दलहन में गिरावट देखी जा रही है। अरहर की कीमतें 10 फीसदी गिरकर 3000 रुपये प्रति क्ंिवटल और मूंग करीब 8 फीसदी गिरकर 2900 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास पहुंच चुका है। उत्पादन कम होने के बावजूद कीमतों में गिरावट की मुख्य वजह स्टॉक सीमा तय किया जाना बताया जा रहा है। ऐंजल ब्रोकिंग की नलिनी राव कहती हैं कि राजस्थान सरकार ने कुल दलहन की स्टॉक सीमा 500 टन से 550 टन कर दी, लेकिन इसमें चने का स्टॉक 250 टन और दूसरे दालों की स्टॉक सीमा 300 टन तय कर दी। जिसके कारण कारोबारियों को अपना माल बाजार में बेचना पड़ा रहा है। नई फसल भी बाजार में आने लगी है, जिससे कीमतें गिर रही हैं। हालांकि अभी भी कीमतें पिछले साल की अपेक्षा ज्यादा हैं।खरीफ सीजन की बुआई खत्म हो चुकी है और रबी सीजन की बुआई शुरू हो गई है। खरीफ सीजन में दलहन फसलों का रकबा करीब 9 फीसदी घटा है, जिससे उत्पादन में लगभग 10 फीसदी की कमी आने की आशंका है। कृषि मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इस बार खरीफ सीजन में दलहन फसलों का रकबा 110.14 लाख हेक्टेयर ही पहुंच सका है सरकार द्वारा जारी पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार खरीफ सीजन में दलहन का कुल उत्पादन 64.3 लाख टन रहने वाला है जबकि पिछले साल 71.2 लाख टन दलहनों का उत्पादन हुआ था। सरकार की निगाहें अब रबी सीजन पर लगी हैं। रबी सीजन में दलहन का रकबा बढ़ाने के लिए सरकार ने विशेष योजना भी शुरू किया है। जिसके तहत प्रमुख दलहन उत्पादक राज्यों में रबी सीजन में दलहनों का रकबा बढ़ाने के लिए सरकार ने 80 करोड़ रुपये का बजट बनाया है।दलहन फसलों पर नजर रखने वाली कृषि विशेषज्ञ वेदिका नार्वेकर मानती हैं कि अच्छी बारिश की वजह से रबी सीजन में चने और मटर जैसी प्रमुख दलहन फसलों का रकबा बढ़ेगा और फसल भी अच्छी रहेगी। पिछले साल रबी सीजन के दौरान दलहन का कुल रकबा 148.81 लाख हेक्टेयर था और उत्पादन 109 लाख टन हुआ था। लेकिन इस बार रकबे में बढ़ोतरी हो सकती है।दलहन वर्ष 2011-12 के दौरान सरकार ने कुल 170 लाख टन दलहन उत्पादन होने का अनुमान लगाया है जबकि पिछले साल 180.9 लाख टन दलहन का उत्पादन हुआ था। बाजार जानकार कहते हैं कि इस समय मंडियों में दलहनों का स्टॉक अधिक होने की वजह से फिलहाल कीमतें नहीं बढऩे वाली। साथ ही आने वाले समय में भी कीमतों में बहुत ज्यादा गरमी नजर आने वाली नहीं हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह अगले छह महीनों में कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सरकार सटोरियों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं क्योंकि कीमतें बढ़ाकर सरकार जनता को और नाराज नहीं करना चाह रही है। (BS Hindi)
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