बेंगलुरु October 09, 2011
देश में कॉफी की बेहतर फसल, अनुकूल कीमतें और वैश्विक बाजार में मजबूत मांग की बदौलत सितंबर 2011 में समाप्त कॉफी वर्ष में इसका निर्यात 41 फीसदी बढ़कर 3,58,278 टन पर पहुंच गया। भारतीय कॉफी क्षेत्र के लिए यह अनोखा साल रहा, जब निर्यात सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया। पिछले कॉफी वर्ष में कुल 2,53,715 टन कॉफी का निर्यात हुआ था।हालांकि कीमत के मामले में निर्यातकों की आय 87 फीसदी बढ़कर 4,794 करोड़ रुपये पर पहुंच गई जबकि सितंबर 2010 में समाप्त कॉफी वर्ष में उन्हें निर्यात से 2,564 करोड़ रुपये हासिल हुए थे। अक्टूबर 2010 से सितंबर 2011 की अवधि में कॉफी निर्यात की औसत कीमत 32 फीसदी बढ़कर 1,33,804 रुपये प्रति टन पर पहुंच गई जबकि एक साल पहले की समान अवधि में औसत कीमत 1,01,058 रुपये प्रति टन थी।कॉफी बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा - पिछले कॉफी वर्ष में निर्यात सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया, इसकी वजह लगातार दो साल के कॉफी की बेहतर पैदावार के अलावा बढिय़ा प्रबंधन व कॉफी बागानों पर कीटों का न्यूनतम हमला है। उन्होंने कहा कि निर्यातकों के हाथ में निर्यात के लिए ज्यादा कॉफी उपलब्ध था। उन्होंने कहा कि इस साल भी वैश्विक बाजार में कीमतें काफी अनुकूल थीं, खास तौर से जनवरी से सितंबर की अवधि में।भारत मुख्य रूप से इटली, जर्मनी, रूस, बेल्जियम और स्पेन को कॉफी का निर्यात करता है। पिछले फसल वर्ष में एक महत्वपूर्ण प्रवृत्ति यह उभरकर सामने आई कि जर्मनी कॉफी आयात के मामले में दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया और इस तरह से इसने रूस को पीछे छोड़ दिया। जर्मनी को कॉफी निर्यात 2.63 गुना बढ़कर 34,664 टन पर पहुंच गया जबकि इससे पहले कुल निर्यात 13,171 टन रहा था। रूस को हुए कॉफी निर्यात में भी 23 फीसदी की उछाल आई और यह 33,965 टन पर पहुंच गया जबकि इससे पिछले साल कुल 27,482 टन कॉफी का निर्यात हुआ था।साल के दौरान भारतीय कॉफी का सबसे बड़ा बाजार इटली बना रहा। इटली को हुए निर्यात में 78 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 83,811 टन पर पहुंच गया जबकि एक साल पहले की समान अवधि में कुल 47,094 टन कॉफी का निर्यात हुआ था।कॉफी एक्सपोट्र्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश राजा ने कहा - पिछले साल वैश्विक कॉफी बाजार में जर्मनी काफी सक्रिय था क्योंकि यूनान की आर्थिक चिंताओं की वजह से यूनान व पुर्तगाल को हुए कॉफी निर्यात में गिरावट दर्ज की गई, हालांकि भारतीय कॉफी के लिए यह बड़ा बाजार नहीं है। रूसी संघ की बदौलत जर्मनी को बढ़त हासिल हुई और इस साल भी यह प्रवृत्ति जोर पकड़ सकती है। उन्होंने कहा कि इटली हमारे लिए सबसे बड़ा बाजार बना हुआ है और कुल निर्यात में इसकी अच्छी खासी भागीदारी रही। मौजूदा कैलेंडर वर्ष के पहले नौ महीने में कुल 2,95,269 टन कॉफी का निर्यात हुआ जबकि पिछले साल की समान अवधि में कुल 2,28,399 टन कॉफी का निर्यात हुआ था। (BS Hindi)
10 अक्तूबर 2011
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