31 अक्तूबर 2011
महंगाई को लेकर सोनिया चिंतित, थामस से की मुलाकात
दिल्ली (ब्यूरो)। खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों ने अब संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की भी चिंतित कर दिया है। पांच राज्यों में होने वाले चुनावों में विपक्षी महंगाई को बड़ा मुद्दा न बना लें, इससे पहले ही उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप किया है। शनिवार को सोनिया ने खाद्य मंत्री केवी थॉमस के साथ इस पर अंकुश लगाने के उपायों पर विचार विमर्श किया। साथ ही प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा कानून की प्रगति की भी समीक्षा की।मुलाकात के बाद थॉमस ने बताया कि खाद्य महंगाई के साथ उन क्षेत्रों पर भी चर्चा की गई, जहां सरकार को ध्यान देना चाहिए। दूध और सब्जियों के दाम बढ़ने के कारण 15 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 11.43 प्रतिशत हो गई। यह छह माह का ऊंचा स्तर है। सोनिया को बताया गया कि अनाज के मामले में कीमत में तेजी नहीं है और भाव स्थिर हैं। खाद्य तेल के मामले में कीमत थोड़ी चढ़ी है, क्योंकि इसका आयात किया जाता है। थॉमस ने कहा कि दूध, मांस और सब्जियों के दाम इसलिए बढ़े हैं, क्योंकि आय बढ़ने के साथ लोगों के खानपान के तौर-तरीके बदले हैं। वर्ष 2006-07 में खाद्य मुद्रास्फीति की औसत दर 7 प्रतिशत के करीब थी।थामस ने प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा कानून के मुद्दे पर कहा कि उन्होंने संप्रग चेयरपर्सन से कहा कि खाद्य मंत्रालय अगले सप्ताह विधयेक के मसौदे को अंतिम रूप देना शुरू कर देगा। उन्होंने कहा, हमें राज्य सरकारों से प्रतिक्रिया मिल गयी है। कुछ बदलाव किये गये हैं। हम विधेयक को अंतिम रूप देने का काम अगले सप्ताह शुरू करेंगे। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने इससे पहले राज्यों से कहा था कि वह प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक पर अपनी प्रतिक्रियाएं जल्द से जल्द भेज दें ताकि केन्द्र विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने के लिये अंतिम रुप दे सके। प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक से ऐसा कानून तैयार होगा जिससे देश की करीब 70 प्रतिशत आबादी को सस्ता अनाज पाने का कानूनी अधिकार मिल जायेगा।
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