मुंबई October 05, 2011
इस साल अप्रैल से अगस्त के दौरान मसालों के निर्यात में 23 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है क्योंकि इस दौरान मिर्च का निर्यात घटा है। कुल मिलाकर मसालों का निर्यात पिछले साल समान अवधि के 2,55,100 टन के मुकाबले घटकर 1,95,000 टन रह गया है।कीमत के लिहाज से हालांकि मसालों के निर्यात में 26 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है और यह 3365.20 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। डॉलर में अगर इसे आंका जाए तो मसालों के निर्यात में 29 फीसदी की उछाल आई है और यह 7515.2 लाख डॉलर हो गया है जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 5811.5 लाख डॉलर था। मिर्च के निर्यात में पिछले पांच महीने में 39 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है और यह 68,000 टन रह गया है जबकि कीमत के लिहाज से मिर्च केनिर्यात में 3 फीसदी की गिरावट आई है। कोटक कमोडिटी सर्विसेज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक फैयाज हुडानी ने कहा - पिछले साल से अगर तुलना की जाए तो मिर्च के निर्यात में काफी तेज गिरावट दर्ज की गई है क्योंकि पिछले साल मुख्य रूप से निर्यात मांग चीन की तरफ से निकली थी।विश्लेषकों ने कहा कि इस अवधि में धनिये का निर्यात 47 फीसदी घटकर 12,750 टन रह गया है और कुल मसालों के निर्यात के आंकड़े को नीचे लाने में इसका भी योगदान रहा है। जीरे के निर्यात में भी 39 फीसदी की कमी आई है और यह 9,500 टन रह गया है जबकि कीमत के लिहाज से यह गिरावट 28 फीसदी की रही है।दूसरी ओर छोटी इलायची का निर्यात 517 फीसदी बढ़कर 1450 टन पर जा पहुंचा है, वहीं बड़ी इलायची के निर्यात में 153 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है और यह 240 टन पर पहुंच गया है। काली मिर्च के निर्यात में 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है और यह 8750 टन पर जा पहुंचा है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 7800 टन काली मिर्च का निर्यात हुआ था। कीमत के लिहाज से भी काली मिर्च के निर्यात में 74 फीसदी की उछाल आई है। फैयाज हुडानी ने कहा - निर्यात बाजार में काली मिर्च की अच्छी खासी मांग थी क्योंकि वैश्विक बाजार में काली मिर्च की उपलब्धता सीमित थी।इस अवधि में हल्दी के निर्यात में 52 फीसदी की उछाल आई है और इस दौरान 36,500 टन हल्दी का निर्यात हुआ है। एक निर्यातक ने कहा कि पिछले एक साल में हल्दी की कीमतों में काफी ज्यादा नरमी देखने को मिली है, इसी वजह से निर्यात में बढ़त आई है। (BS Hindi)
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