जम्मू कश्मीर सरकार ने कहा है कि आवश्यक कदम नहीं उठाए गए तो राज्य में केसर की खेती खतरे में पड़ सकती है। एक दशक के दौरान केसर का रकबा और उत्पादन घटकर लगभग आधा रह गया है। हालांकि सरकार ने केसर की खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय मिशन चालू किया है।
राज्य के कृषि विभाग के अनुसार वर्ष 1997-98 के दौरान राज्य में 5,707 हेक्टेयर में केसर की खेती की गई थी। दस साल बाद 2006-07 में केसर का रकबा घटकर 3,010 हेक्टेयर रह गया। कृषि मंत्री गुलाम हसन ने राज्य विधानसभा में बताया कि सबसे कीमती मसाला केसर की खेती पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने बताया कि आलोच्य अवधि के दौरान केसर का कुल उत्पादन भी 16 टन से घटकर 8.5 टन रह गया। कश्मीर में केसर की प्रति हेक्टेयर पैदावार 2.32 किलो है।
सरकार ने बताया है कि जम्मू कश्मीर में केसर की खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय केसर मिशन चलाया जा रहा है। अगर यह मिशन सफल रहता है कि केसर की पैदावार बढ़कर लगभग दोगुनी पांच किलो प्रति हेक्टेयर हो सकती है। मिशन के तहत 2010-11 से चार वर्षों के दौरान कुल 372.18 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। कश्मीर के बडगाम, पुलवामा और श्रीनगर और जम्मू के किश्तवाड़ जिलों में केसर की खेती ज्यादा होती है। (Business Bhaskar)
06 अक्तूबर 2011
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