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11 अक्टूबर 2011

नए सीजन में 70 लाख गांठ कपास निर्यात का अनुमान

आशा - पूरे देश में अच्छी बारिश होने से पैदावार में होगी बढ़ोतरीखरीफ की पैदावारकपास:-वर्ष 2011-12 में कपास की पैदावार बढ़कर 361.02 लाख गांठ होने का अनुमानचावल:- चालू खरीफ में 870 लाख टन उत्पादन हो सकता है चावल कादलहन:- कुछ क्षेत्रों में बारिश न होने से रकबा घटा। फिर भी 64.3 लाख टन उत्पादनचालू कपास सीजन वर्ष 2011-12 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान देश से 70 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) से ज्यादा निर्यात होने की संभावना है। कृषि सचिव पी. के. बसु ने सोमवार को दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि पूरे देश में मानसूनी वर्षा अच्छी हुई है जिससे रबी फसलों की पैदावार में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है। देश में खाद्यान्न का बंपर स्टॉक मौजूद है जबकि वर्ष 2011-12 में खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन 24.5 करोड़ टन होने की संभावना है। इसीलिए गेहूं और चावल का निर्यात ओपन जरनल लाइसेंस (ओजीएल) के तहत जारी रहना चाहिए।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2011-12 में देश में कपास की पैदावार बढ़कर 361.02 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि इस समय निर्यात मांग अच्छी बनी हुई है। ऐसे में चालू फसल सीजन में कपास का निर्यात बढ़कर 70 लाख गांठ से ज्यादा होने की संभावना है। वर्ष 2010-11 में देश में गेहूं का बंपर उत्पादन 859.3 लाख टन का हुआ था जबकि इस बार मानसूनी वर्षा अच्छी हुई है। मौसम फसल के अनुकूल रहा तो रबी में गेहूं का उत्पादन बढ़कर 860 लाख टन होने की संभावना है।
पिछले साल यलो रेस्ट बीमारी से गेहूं की 20 से 30 लाख टन फसल प्रभावित हुई थी लेकिन इस बार यैलो रेस्ट बीमारी से निपटने के लिए राज्यों को पहले ही आगाह कर दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत गेहूं, चावल, दलहन और तिलहनों का उत्पादन बढ़ाने की भरपूर कोशिश की जा रही है तथा इसके सार्थक परिणाम भी सामने आ रहे हैं।
रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बारे में उन्होंने बताया कि मामला केबिनेट कमेटी के पास गया हुआ है। खरीफ में दालों की बुवाई में कमी आने के बारे में उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के कुछेक क्षेत्रों में समय पर बारिश न होने के कारण किसानों ने दलहन के बजाय कपास और सोयाबीन की बुवाई की थी।
बुवाई में कमी के बावजूद भी खरीफ में दालों का उत्पादन 64.3 लाख टन होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि चने का देश में बंपर उत्पादन हुआ था, इसकी कीमतों में तेजी सटोरिया प्रवृति के कारण आई है। चालू खरीफ में देश में चावल का उत्पादन बढ़कर 870 लाख टन टन होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि महंगाई दर में कमी लाने के लिए उत्पादकता बढ़ाना जरूरी है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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