नई दिल्ली October 10, 2011
कृषि रसायन बनाने वाली स्विटजरलैंड की कंपनी सिनजेंटा की भारतीय इकाई को कृषि मंत्रालय जल्द ही कीटनाशक इमामेक्टिन बेनजोएट का आयात रोकने और इसका विपणन बंद करने का निर्देश देगा। मंत्रालय के अधिसूचना जारी करने से पिछले चार वर्ष से कंपनी और मंत्रालय के बीच चला आ रहा टकराव खत्म हो जाएगा। कृषि मंत्रालय ने 2007 में सिनजेंटा पर आरोप लगाया था कि यह कृषि मंत्रालय की पंजीकरण समिति से ली गई कीटनाशकों की स्वीकृति से अधिक खेप का आयात बिना वैध मंजूरी के कर रही है। हाल के वर्षों तक घरेलू कंपनियों द्वारा कम कीमत वाले संस्करण की बाजार में बिक्री शुरू नहीं करने तक 'एमामेक्टिन बेन्जोएट 5 परसेंट' की बिक्री में सिनजेंटा की एकाधिकारात्मक स्थिति बनी हुई थी। उद्योग ने सिनजेंटा ब्रांड की कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान लगाया है। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री शरद पवार पहले ही अपना आदेश जारी कर चुके हैं और कानून मंत्रालय द्वारा इसकी जांच के बाद इसकी अधिसूचना जल्द ही जारी की जा सकती है। कई बार कोशिश के बावजूद सिनजेंटा के अधिकारी इस पर टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो सके। कंपनी ने यह कहते हुए अपनी गलती स्वीकार कर ली है कि उसने इस उम्मीद के साथ उत्पाद का आयात शुरू किया था कि जल्द इसके लिए पंजीकरण प्रमाण-पत्र हासिल कर लेगी। पंजीकरण समिति ने भी सिनजेंटा के घोषित और वास्तविक आयात के स्रोतों में विसंगति पाई है। इमामेक्टिन बेनजोएट पर चल रही कानूनी लड़ाई सिनजेंटा दो वर्ष पहले ही हार चुकी है। उस समय इसने उत्तरी भारतीय कीटनाशक कंपनी द्वारा निर्मित कम कीमत वाले संस्करण को पंजीकरण समिति के मंजूरी देने का तर्क दिया था। मंत्रालय द्वारा यह कार्रवाई कीटनाशक अधिनियम, 1968 के प्रावधानों के उल्लंघन के तहत की गई है। (BS Hindi)
11 अक्तूबर 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें