नई दिल्ली/मुंबई September 09, 2011
प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगाने के केंद्र सरकार के कदम से देश भर में आज प्याज के थोक दाम 20 फीसदी नीचे आ गए। लेकिन महाराष्टï्र के प्याज कारोबारियों के तेवर ऊंचे हो गए। देश के कुल प्याज उत्पादन में 30 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले नासिक जिले की मंडियों में सरकारी कदमों के विरोध में आज से 16 सितंबर तक के लिए हड़ताल कर दी गई। मांग नहीं माने जाने पर कारोबारी हड़ताल आगे बढ़ाने की धमकी दे रहे हैं, जिसमें किसान भी उनके साथ हो गए हैं।मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह ने प्याज के निर्यात पर गुरुवार को अगले आदेश तक के लिए पाबंदी लगा दी। इसी मंगलवार को सरकार ने प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 175 डॉलर बढ़ाकर 475 डॉलर प्रति टन किया था।नासिक जिला कांदा (प्याज) कारोबारी संघ के सदस्य और पिंपलगांव मंडी के प्याज कारोबारी महेंद्र ठक्कर ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि प्याज निर्यात पर पांबदी के विरोध में शुक्रवार को नासिक जिले की नासिक, लासलगांव, पिंपलगांव, मनवाड़, कलवल समेत तमाम मंडियों में कारोबारियों ने हड़ताल कर दी। किसानों के संगठन इंडो ऐग्रो प्रोड्यूस एक्सपोर्टर्स चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अजित शाह ने बताया कि हड़ताल नासिक की सभी मंडियों में फैल सकती है। उन्होंने कहा कि सितंबर और अक्टूबर में आम तौर पर आपूर्ति कम ही होती है, लेकिन सरकार उसी को आधार बनाकर निर्यात पर पाबंदी लगा रही है। किसान अपना नुकसान देखकर इस हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं क्योंकि निर्यात बंद होने से दाम गिरे तो उनका जबरदस्त नुकसान होगा। अखिल भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष और महाराष्टï्र के किसान श्रीराम गढ़वे के मुताबिक देश में अभी 18 लाख टन प्याज का भंडार मौजूद है और किसानों के लिए भंडारण की लागत बढ़ गई है। ऐसे में किसान दाम गिरने पर घाटे में रहेंगे।शाह ने बताया कि किसान आम तौर पर अप्रैल में 5-6 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर प्याज खरीद कर बिक्री सत्र (जुलाई-अक्टूबर) के लिए भंडारण करते हैं। भंडारण का खर्च 1 रुपये प्रति किग्रा होता है और सूखने पर प्याज का 30 फीसदी वजन कम हो जाता है। इस तरह प्याज की लागत 8 से 9 रुपये प्रति किग्रा बैठती है और अभी इसका दाम 10 रुपये प्रति किग्रा ही मिल रहा है। अगर निर्यात पर पाबंदी जारी रही तो दाम गिरेंगे और किसानों का भïा बैठ जाएगा।मुंबई में रिजवी एक्सपोट्र्स के मालिक यूसुफ रिजवी ने बताया कि 10-15 दिन में छुट्टिïयों की वजह से आवक घटी है। लेकिन सरकार ने कारोबारियों का पहलू जाने बिना कठोर निर्णय ले लिया। कारोबारी बताते हैं कि इस सीजन में आम तौर पर भंडारण के बाद प्याज की कीमत 10 से 11 रुपये प्रति किग्रा होती है। निर्यात पर पाबंदी से दाम गिरे हैं कि स्टॉकिस्ट अब भंडारण ही नहीं करेंगे। दिल्ली की आजादपुर मंडी में आम दिनों की तरह काम चला, लेकिन कीमतें नीचे आईं। प्याज कारोबारी रवींद्र शर्मा ने बताया कि प्याज के थोक भाव 200 रुपये गिरकर 500 से 1,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। ठक्कर के मुताबिक पिंपलगांव, नासिक, लासलगांव में प्याज के दाम 2 दिन में 200-250 रुपये गिरकर 800-1,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। (BS Hindi)
10 सितंबर 2011
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