एहतियात - सरकार ने पहले एमईपी बढ़ाया फिर निर्यात रोकाबाजार का हालसात सितंबर को लासलगांव और मनमांड़ मंडियों में प्याज का भाव 925 से 1,225 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि आठ सितंबर को भाव घटकर 675 से 1,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। दिल्ली की आजादपुर मंडी में शुक्रवार को प्याज का भाव घटकर 800 से 1,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गया।
केंद्र सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर रोक लगा देने से नाराज किसानों ने शुक्रवार को नासिक की मंडियों में प्याज की बिक्री नहीं की। नाराज किसानों ने प्याज की प्रमुख मंडियों लासलगांव, पिम्पलगांव, कलवान और मनमांड तथा एपीएमसी की अन्य मंडियों में भी प्याज की बिक्री नहीं होने दी। सरकार ने सात सितंबर को प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 175 डॉलर बढ़ाकर 475 डॉलर प्रति टन तय किया था जबकि आठ सितंबर को निर्यात पर पूरी तरह से रोक लगा दी।
लासलगांव के किसान दीपक बाजीराव ने बताया कि पिछले दो दिनों में प्याज की कीमतों में 200 से 250 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आ चुका है जबकि नई फसल की आवक शुरू ही हुई है। आगामी दिनों में आवक बढऩे पर कीमतों में और मंदा आएगा जिससे किसानों की लागत भी वसूल नहीं हो रही है। इसीलिए किसान ने शुक्रवार को मंडी में प्याज न बेचने का फैसला किया है।
सात सितंबर को लासलगांव और मनमांड़ मंडियों में प्याज का भाव 925 से 1,225 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि आठ सितंबर को भाव घटकर 675 से 1,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। दिल्ली की आजादपुर मंडी में शुक्रवार को प्याज का भाव घटकर 800 से 1,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। प्याज की आवक शुक्रवार को 85 मोटरों की रही। दिल्ली में आवक राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश से हो रही है।
महाराष्ट्र से दिल्ली में आवक चार-पांच मोटरों की हो रही है। मौसम साफ होने के बाद आगामी दिनों में महाराष्ट्र से प्याज की आवक बढऩे की संभावना है। प्याज का उत्पादन बढ़कर 151.3 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 145.6 लाख टन का उत्पादन हुआ था। (Business Bhaskar....R S Rana)
10 सितंबर 2011
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