केंद्र सरकार ने ओपन जरनल लाइसेंस (ओजीएल) के तहत गैर-बासमती चावल के निर्यात की जो अनुमति दी है, इसका निर्यात इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज (ईडीआई) बंदरगाहों के जरिये ही किया जाएगा। निर्यातक इस चावल की खरीद खुले बाजार से करेंगे। लेकिन घरेलू बाजार में स्टॉक ज्यादा होने और नई फसल की पैदावार में बढ़ोतरी होने की संभावना से इसकी कीमतों में ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गैर-बासमती चावल का निर्यात ईडीआई बंदरगाहों के माध्यम से ही किया जाएगा, ताकि सरकार के पास निर्यात के पंजीकरण की पूरी जानकारी रहे। इस चावल की खरीद निर्यातकों को खुले बाजार से करनी होगी।
खुरानिया एग्रो के मैनेजिंग डायरेक्टर आर. खुरानिया ने बताया कि घरेलू बाजार में गैर-बासमती चावल का स्टॉक ज्यादा है जबकि अगले महीने से नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी। बुवाई में बढ़ोतरी और अनुकूल मौसम से पैदावार भी बढऩे की संभावना है।
इसलिए मौजूदा कीमतों में ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है। दिल्ली में परमल कच्चा चावल की कीमतें 1,825 से 1,875 रुपये प्रति क्विंटल व परमल वंड की कीमतें 1,925 से 1,975 रुपये प्रति क्विंटल है। आईआर-8 चावल की कीमतें 1,850 से 1,800 रुपये प्रति क्विंटल है। कृषि मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2010-11 में चावल का उत्पादन अनुमान 953.2 लाख टन होने का अनुमान है।
जबकि चालू खरीफ में धान की रोपाई में 32.55 लाख हैक्टेयर की बढ़ोतरी होकर कुल रोपाई 369 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। अभी तक मौसम भी फसल के अनुकूल है इसीलिए चावल का रिकार्ड उत्पादन होने का अनुमान है। पहली सितंबर को केंद्रीय पूल में भी 227.14 लाख टन चावल का स्टॉक बचा हुआ है जो तय मानकों बफर के मुकाबले ज्यादा है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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