नई दिल्ली September 21, 2011
प्याज के निर्यात पर रोक हटने के बावजूद घरेलू बाजार में इसके सस्ता होने की संभावना है। कारोबारियों का कहना है कि पिछले 10-12 दिनों से महाराष्ट्र में हड़ताल के चलते प्याज बाजार में नहीं आ पाया और अब हड़ताल समाप्त होने से मंडियों में इसकी आवक का दबाव बढ़ेगा। साथ ही अगले 10 दिनों में महाराष्ट्र में प्याज की नई आवक भी शुरू हो जाएगी, जिससे इसके दामों में और गिरावट आ सकती है। निर्यातकों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाकिस्तान और चीन के प्याज की तुलना में भारतीय प्याज ज्यादा होने से निर्यात गिरेगा। निर्यातक सरकार से प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी)में कमी की मांग कर रहे हैं। नासिक जिला कांदा (प्याज) कारोबारी संघ के सदस्य और पिंपलगांव मंडी के प्याज कारोबारी महेंद्र ठक्कर ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि निर्यात खुलने के पहले दिन पिंपलगांव, लासलगांव, नासिक की मंडियों में प्याज के दाम 1000-1050 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर खुले। निर्यात खुलने के बारे में सभी किसानों को जानकारी न होने के कारण जिले की अलग-अलग मंडियों में 150-200 ट्रॉली (प्रत्येक ट्रॉली करीब 3 टन)की आवक हुई है। उनका कहना है कि किसान बीते 12 दिनों से प्याज मंडियों में नहीं ला पाए हैं। ऐसे में गुरुवार को मंडियों में आवक बढ़कर 500 ट्राली तक हो सकती है और भारी आवक के दबाव में प्याज के दाम 50 रुपये प्रति क्ंिवटल तक गिर सकते हैं। दिल्ली की आजादपुर मंडी स्थित आलू-प्याज कारोबारी संघ(पोमा) के महासचिव राजेंद्र शर्मा का कहना है कि वैसे तो इन दिनों महाराष्ट्र से दिल्ली में प्याज नहीं आती है। फिर भी वहां हड़ताल के चलते मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान से बीते दिनों में प्याज की आवक कम हुई थी, लेकिन अब हड़ताल समाप्त होते ही मंडी में प्याज की आवक 70 गाड़ी से बढ़कर 115 गाड़ी हो गई है। आजादपुर मंडी में इसके थोक भाव 700-1600 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। (BS Hindi)
22 सितंबर 2011
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