प्याज की कीमतों में आई तेजी रोकने के लिए सरकार ने न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) में 175 डॉलर की बढ़ोतरी कर भाव 400 डॉलर प्रति टन तय कर दिया है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की अधिसूचना के अनुसार सामान्य किस्म के साथ ही बंगलुरू रोज और कृष्णापुरम प्याज का एमईपी 475 डॉलर प्रति टन होगा। अभी सामान्य किस्म के प्याज का एमईपी 300 डॉलर प्रति टन था।
उपभोक्ता मामले विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घरेलू बाजार में आपूर्ति बढ़ाने और निर्यात को हतोत्साहित करने के लिए एमईपी में बढ़ोतरी की गई है।
हालांकि चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में प्याज का निर्यात 33.7 फीसदी कम रहा है। अप्रैल से जुलाई के दौरान देश से 4.52 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 6.82 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ था। उन्होंने बताया कि कीमतों पर निगरानी रखने के लिए हर पंद्रह दिन बाद स्थिति की समीक्षा की जायेगी।
अगस्त महीने में भी सरकार ने प्याज के एमईपी में दो बार बढ़ोतरी की थी। प्रतिकूल मौसम के कारण प्याज की फसल में एक माह की देरी होने से महीने भर में ही थोक कीमतों में लगभग 25 फीसदी की तेजी आई है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज की थोक कीमतें बढ़कर 600 से 1750 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। पिछले सप्ताहभर से खराब मौसम के कारण पड़ोसी राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा से भी आवक प्रभावित हुई है।
सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों में आई भारी तेजी के कारण दिसंबर 2010 में निर्यात पर रोक लगा दी थी। दिसंबर 2010 में खुदरा बाजार में प्याज का भाव बढ़कर 80 से 85 रुपये प्रति किलो हो गया था। तथा दाम घटने के बाद 17 फरवरी को प्याज के निर्यात पर लगी रोक को हटाया गया था। पाकिस्तान और चीन का प्याज सस्ता होने के कारण भारत से निर्यात कम हो रहा है। (Business Bhaskar)
08 सितंबर 2011
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