मुंबई September 07, 2011
क्लाइंट कोड के मोडिफिकेशन की वर्तमान गतिविधियों को देखते हुए जिंस बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) क्लाइंट कोड मोडिफिकेशन के लिए संशोधित दिशानिर्देश इस माह के अंत तक जारी करने की योजना बना रहा है। इस मसले पर जिंस एक्सचेंजों के साथ हुई एफएमसी की बैठक में भाग लेने वाले दो लोगों ने बताया कि क्लाइंट कोड मोडिफिकेशन की तेज बढ़ोतरी को रोकने के लिए संशोधित दिशानिर्देश 1 अक्टूबर से पहले आने की संभावना है। अकेले 2010-11 में ही सभी जिंस एक्सचेंजों ने आश्चर्यजनक रूप से 30,000 करोड़ रुपये की ट्रेड वैल्यू में मोडिफिकेशन दर्ज की है, जो पिछले वित्त वर्ष में बहुत कम थी। दिशानिर्देशों में महत्वपूर्ण बदलाव आम गड़बडिय़ों में कमी के रूप में आने की संभावना है। उदाहरण के लिए टाइप की गलतियों के मामले में क्लाइंटों पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। इस समय ऐसा नहीं है। वर्तमान दिशानिर्देश 23 जुलाई 2007 को लागू किए गए थे। इनमें एफएमसी ने कारोबारी सत्र के समाप्त होने के बाद इंट्रा डे क्लाइंट कोड मोडिफिकेशन को 15 मिनट के लिए स्वीकृति देने का निर्देश दिया था। नियामक ने सभी प्रकार के क्लाइंट कोड मोडिफिकेशन के लिए मामूली जुर्माना तय किया था।एक्सचेंज के अधिकारियों के अनुसार, इस समय छोटी सी गलती के लिए भी जुर्माना लगाया जाता है। नए दिशानिर्देशों में इसमें छूट दी जा सकती है। खुद को सही साबित करने का बोझ संबंधित बदलावों के साथ खत्म हो जाएगा।वर्तमान में कुल ऑर्डरों के एक फीसदी से कम दैनिक क्लाइंट कोड चेंज पर जुर्माना नहीं लगाया जाता है। जबकि कुल मैच ऑर्डरों के 1-5 फीसदी होने पर एफएमसी 500 रुपये और 5-10 फीसदी होने पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाता है। दैनिक क्लाइंट कोड परिवर्तन कुल ऑर्डरों के 10 फीसदी से ज्यादा होने की दशा में नियामक ने 10,000 रुपये के जुर्माने का प्रïावधान रखा है। (BS Hindi)
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