चंडीगढ़ September 27, 2011
पंजाब के किसान चांदी काट रहे हैं, क्योंकि राज्य की मंडियों में कपास की कम आवक के कारण इसके भाव पिछले साल की समान अवधि की तुलना में काफी ऊंचे बने हुए हैं। 26 सितंबर 2011 तक राज्य की मंडियों में कपास की आवक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 32 फीसदी कम रही है। मंडी बोर्ड द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, लॉन्ग स्टेपल कपास की औसत कीमत 2,800-4,865 रुपये और मीडियम स्टेपल की कीमत 3,400-4,345 रुपये के बीच चल रही है।इस साल 26 सितंबर तक के आंकड़ों के अनुसार, राज्य की मंडियों में 74,197 क्विंटल (करीब 14,839 गांठों) की आवक हुई है, जबकि पिछले वर्ष समान अवधि तक 1.09 लाख क्विंटल ( 21,779 गांठों) की आवक हो चुकी थी।इन आंकड़ों के हिसाब से आवक में पिछले साल के मुकाबले 32 फीसदी गिरावट रही है। विशेषज्ञों ने कहा कि कम आवक और अधिक मांग की वजह से किसानों को उनकी उपज की अच्छी कीमत मिल रही है। वर्तमान में राज्य में कपास की खरीद निजी 'खिलाडिय़ों' के अलावा सरकारी एजेंसी भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा की जाती है। मार्कफेड द्वारा राज्य की मंडियों में खरीद शुरू की जानी बाकी है। निजी खरीदारों में कपड़ा मिलों और निजी कारोबारियों का दबदबा बना हुआ है। निजी कारोबारी और मिल मालिकों द्वारा इस साल 26 सितंबर तक 74,197 क्विंटल कपास की खरीद की गई है। जबकि पिछले साल की समान अवधि तक वे 1.09 लाख क्विंटल कपास की खरीद कर चुके थे। कारोबारियों का अनुमान है कि आने वाले समय में कपास की कीमतें और बढ़ेंगी, क्योंकि बारिश से फसल प्रभावित हुई है।यह उल्लेखनीय है कि इस साल पंजाब में कपास की बुआई 5.50 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल 4.83 लाख हेक्टेयर रही थी। भारी बारिश और खराब मौसम के कारण राज्य के कुछ हिस्सों में कपास की फसल प्रभावित हुई है। मोटे अनुमानों के मुताबिक, पंजाब में कपास का 90,000 हेक्टेयर रकबा प्रभावित हुआ है। हालांकि नुकसान के सही आंकड़े अभी आने बाकी हैं।इस साल अगस्त के अंतिम और सितंबर के पहले सप्ताह में बारिश से पंजाब में कपास की फसल को नुकसान पहुंचा है। इससे पहले बिजनेस स्टैंडर्ड ने खबर प्रकाशित की थी कि लगातार बारिश से कपास की फसल को नुकसान होने के साथ ही चुनने के काम में देरी होगी। इससे बाजार में कपास की आवक में भी देरी होगी। (BS Hindi)
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