19 फ़रवरी 2013
सोने के आयात पर शुल्क और बढऩे की संभावना
सरकार का रुख
सोने का आयात किसी भी तरह घटाया जाए
ड्यूटी बढ़ाकर आयात नियंत्रित करना प्रभावी उपाय
सोने के आयात की सीमा भी तय होने के आसार
सरकार आयातकों की संख्या में भी कर सकती है कटौती
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी के अधिकारियों ने दिए संकेत
अगले वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान करेंट एकाउंट डेफिसिट (सीएडी) पर नियंत्रण करने के लिए सरकार सोने के आयात पर शुल्क और बढ़ा सकती है या फिर सोने के आयात की सीमा तय कर सकती है। यह संकेत सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े सोना आयातक एमएमटीसी के शीर्ष अधिकारी ने दिया है।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोना आयातक देश है। सोने के भारी आयात के चलते देश का सीएडी तेजी से बढ़ रहा है। चालू वित्त वर्ष 2012-13 में जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) के मुकाबले सीएडी 5.4 फीसदी तक पहुंच गया है।
सरकार ने सोने के आयात पर अंकुश लगाने के लिए 21 जनवरी को शुल्क दो फीसदी बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया था। उसने यह भी कहा कि अगर अगले वित्त वर्ष 2013-14 के बजट की घोषणा के समय तक सोने के आयात में कमी नहीं आई तो वह आयातित सोने की सीमा तय कर सकती है या फिर सोना आयात करने के लिए अधिकृत कंपनियों की संख्या घटा सकती है।
एमएमटीसी के अधिकार ने कहा कि हमारे पोर्टफोलियो में सोने का आयात घटने से हम चिंतित हैं। लेकिन सरकार ही सोने का आयात घटाना चाहती है। इस वित्त वर्ष में एमएमटीसी का सोना आयात घटकर करीब 30-40 फीसदी रहने का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने कुल 160 लाख टन सोने का आयात किया था।
बांबे बुलियन एसोसिएशन के अनुसार पिछले जनवरी माह में भारत का कुल सोना आयात बढ़कर 100 टन हो गया। पिछले 18 माह में सोने के आयात का यह रिकॉर्ड था। दरअसल आयात शुल्क बढऩे की संभावना के चलते हुए ज्वैलर्स ने स्टॉक करने के लिए बड़ी मात्रा में सोने की खरीद की।
सोना आयात करने वाले एक प्राइवेट बैंक के डीलर ने कहा कि आयात शुल्क में और बढ़ोतरी होने की संभावना है। सोने को लेकर सरकार के रुख को देखते हुए चालू वर्ष 2013 के दौरान इसके मूल्य में करीब दो फीसदी की गिरावट आ चुकी है।
एक कारोबारी ने कहा कि ड्यूटी बढऩे के बावजूद घरेलू बाजार में सोने के दाम घटे हैं क्योंकि विदेशी बाजार में भी नरमी रही। सरकार सोने के प्रति खरीदारों का आकर्षण खत्म करना चाहती है। (Business Bhaskar)
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