08 फ़रवरी 2013
'आयात शुल्क में वृद्घि से बढ़ रही सोने की तस्करी'
अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण व्यापार परिसंघ (जीजेएफ) ने आज कहा कि सोने पर आयात शुल्क बढऩे से बहुमूल्य धातुओं की तस्करी बढ़ रही है और सर्राफा कारोबार के गलत हाथों में पहुंचने का खतरा है।
चालू खाते के बढ़ते घाटे को लेकर चिंतित सरकार ने पिछले महीने सोने पर आयात शुल्क 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले, वित्त वर्ष 2012-13 के बजट में सोने पर आयात शुल्क 2 से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया गया था।
जीजेएफ के अनुसार वर्ष 2012 में करीब 750 टन सोने का आयात हुआ। दूसरी तरफ लगभग 200 टन सोने की तस्करी हुई। 2011 में लगभग 969 टन सोने का आयात हुआ था। संगठन का यह भी कहना है कि तस्करी के आंकड़ों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
सोने के आयात शुल्क में कमी की मांग करते हुए संगठन के चेयरमैन बछराज बामलवा ने यहां एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकारी आंकड़ों में वही मामले आते हैं जो पकड़े जाते हैं।
बामलवा ने कहा, 'शुल्क में वृद्धि से भले ही वैध तरीके से आयात कम दिख रहा है, लेकिन इससे तस्करी बढ़ी है और उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि आयात में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।'
उन्होंने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष की पिछली तीन तिमाहियों के दौरान 660 टन सोने का आयात हुआ। वहीं अप्रैल-जून तिमाही के दौरान अवैध तरीके से लाए जा रहे 942 करोड़ रुपये मूल्य का सोना पकड़ा गया, जबकि इससे पहले के वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 243 करोड़ रुपये का था।
बहरहाल, जीजेएफ ने सरकार से सोने और चांदी पर आयात शुल्क घटाने की मांग की। करीब 3 लाख आभूषण निर्माताओं के इस संगठन ने बजट से पहले सरकार के समक्ष अपनी मांग रखते हुए सोने में निवेश से जुड़े एक्सचेंज ट्रेडेड फंड और म्युचुअल फंड जैसे साधनों पर प्रतिभूति कारोबार कर (एसटीटी) बढ़ाने का सुझाव भी दिया (BS Hindi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें