26 फ़रवरी 2013
निर्यात में बढ़ेगी कृषि क्षेत्र की भूमिका
वाणिज्य संवाददाता नई दिल्ली, 5 जनवरी। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का कहना है कि समावेशी विकास के लिए कृषि और इससे जुड़े क्षेत्र बहुत मायने रखते हैं। घरेलू मांग की पूर्ति करने के अलावा निर्यात के लिहाज से भी कृषि उत्पादन को बढ़ाने की आवश्यकता है। 2012-13 के बजट से पहले कृषि से जुड़े विभिन्न पक्षों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श के दौरान वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र से जुड़ी मांगों पर ध्यान दिए जाने का भरोसा जताया। किसान संगठनों की ओर से भी चावल, गेहूं, चीनी और कपास के निर्यात को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। बैठक में शामिल हुए भारतीय किसान संघों के परिसंघ (सीआईएफए) के महासचिव चेंगल रेड्डी ने बताया कि आगामी बजट में कृषि क्षेत्र से जुड़ी कई मांगें वित्त मंत्री के सामने रखी गईं। इसमें किसानों के लिए पेंशन, मनरेगा को कृषि कार्यों से जोडऩे, कृषि क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाने के साथ-साथ चावल, कपास, चीनी और गेहूं के निर्यात को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया। वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र के विकास के लिए सभी जरूर कदम उठाने का आश्वासन दिया है। (Mahanagar Times)
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