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05 दिसंबर 2012

हल्दी का रंग हुआ फीका

हल्दी का देश में इस समय करीब 50-55 लाख कट्टा (1 कट्टे में 60 किलोग्राम) स्टॉक मौजूद है, जबकि नई फसल आने में महज 3 महीने रह गए हैं। इसकी खपत 60 से 65 लाख कट्टा है। जाहिर है नई फसल आने पर खपत से काफी ज्यादा हल्दी जमा हो जाएगी। इसलिए स्टॉकिस्ट हल्दी बेच रहे हैं और भाव लुढ़क रहे हैं। 27 नवंबर को नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव एक्सचेंज पर हल्दी अप्रैल अनुबंध का अधिकतम भाव 5,728 रुपये प्रति क्विंटल था, जो आज 5,490 रुपये प्रति क्विंटल ही रह गया। कमोडिटीइनसाइटडॉटकॉम के वरिष्ठï जिंस विश्लेषक प्रशांत कपूर कहते हैं कि भारी स्टॉक के कारण नई फसल के समय देश में 1 करोड़ कट्टे से ज्यादा हल्दी होगी, जबकि घरेलू खपत 60 से 65 लाख कट्टा है। ऐसे में अगले साल भी जरूरत से ज्यादा हल्दी रहेगी, लिहाजा आगे दाम चढऩे की उम्मीद कम है। इसलिए स्टॉकिस्टों ने बिकवाली बढ़ा दी है और हल्दी में गिरावट आई है। इंडियाबुल्स कमोडिटी लिमिटेड के सहायक उपाध्यक्ष (शोध) बदरुद्दीन का कहना है कि ज्यादा स्टॉक के दबाव में बाजार से हल्दी खरीददार नदारद हैं और इसकी निर्यात मांग भी कमजोर है। बहरहाल नई फसल पिछले साल से कम रहने का अनुमान है। (BS Hindi)

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