06 दिसंबर 2012
एसएपी तय न होने से यूपी में चीनी उत्पादन धीमा
चालू पेराई सीजन 2012-13 (अक्टूबर से सितंबर) के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी तक गन्ने का राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी) तय नहीं किया है। इससे जहां गन्ना किसानों की परेशानी बढ़ रही है, वहीं चीनी का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है।
गन्ने के पेराई सीजन में देरी होने से उत्तर प्रदेश में अभी तक चीनी उत्पादन में 37 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। राज्य में अक्टूबर से शुरू हुए चालू पेराई सीजन में अभी तक केवल 3.9 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 6.2 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
उत्तर प्रदेश गन्ना कार्यालय के सूत्रों के अनुसार चालू पेराई सीजन में राज्य में अभी तक केवल 473 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 781 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हो चुकी थी। वर्तमान में राज्य में 106 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई शुरू हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 112 चीनी मिलों में पेराई शुरू हो गई थी।
सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार के शाहजहांपुर स्थित गन्ना शोध संस्थान ने प्रति क्विंटल गन्ने की लागत 228 रुपये और मेरठ सरदार पटेल कृषि विश्वविद्यालय ने 232 रुपये प्रति क्विंटल आंकी है। पिछले साल की तर्ज पर अगर एसएपी लागत से 33.64 फीसदी बढ़ाया जाए तो चालू पेराई सीजन के लिए राज्य में गन्ने का एसएपी लगभग 300 रुपये प्रति क्विंटल होगा।
(Business Bhaskar....R S Rana)
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