24 दिसंबर 2012
रबी की पैदावार से लबालब हो सकते हैं गोदाम
आर एस राणा नई दिल्ली | Dec 24, 2012
पिछले मानसून की हल्की बारिश से खरीफ फसलों का उत्पादन कम रहने के बाद कृषि क्षेत्र की अब बेहतर प्रगति
भरपूर खाद्यान्न
बुवाई की प्रगति
: 253 लाख हैक्टेयर में गेहूं की बुवाई, मध्य जनवरी तक जारी
: 128.26 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में दालों की बुवाई
: चना की बुवाई पिछले साल से ज्यादा 86.62 लाख हैक्टेयर में
: तिलहनों की बुवाई 79.58 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है
: सरसों की बुवाई बढ़कर 64.43 लाख हैक्टेयर में हुई
फसल से उम्मीद
: इस साल फिर गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन होने के आसार
: रबी दलहनों का कुल उत्पादन 105 लाख टन होने का अनुमान
: चालू रबी में 79.6 लाख टन चने के कुल उत्पादन का अनुमान
: 115 लाख टन तिलहनों की पैदावार का लक्ष्य तय
: इस साल 81.93 लाख टन सरसों के उत्पादन का अनुमान
देश में रबी फसलों यानि सर्दियों के सीजन की बुवाई काफी हद तक पूरी हो चुकी है। भले ही पिछला मानसून कमजोर रहने से खरीफ सीजन की फसलों का उत्पादन थोड़ा कम रहा लेकिन लेट मानसून से खेतों को मिली अच्छी नमी और अनुकूल मौसम से उम्मीद है कि रबी सीजन की फसलों के उत्पादन से देश के गोदाम फिर से लबालब भर जाएंगे। इस साल अच्छी बात यह है कि न सिर्फ अनाज बल्कि दलहन और तिलहनी फसलों की भी बुवाई अच्छी रही है।
इससे देश में दालों और खाद्य तेलों की सुलभता भी बढऩे की आस की जा सकती है। चालू रबी में दलहन और तिलहनों की पैदावार बढऩे का अनुमान है जिससे आयात पर निर्भरता में कमी आएगी। दलहन की बुवाई सामान्य क्षेत्रफल के लगभग बराबर हो चुकी है जबकि तिलहनों की बुवाई पिछले साल की समान अवधि से बढ़ी है। गेहूं और मोटे अनाजों का बुवाई भी कार्य भी संतोषजनक चल रहा है। रबी फसलों की पैदावार फरवरी-मार्च महीने में रहने वाले मौसम पर निर्भर करेगी।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चालू रबी में दलहन की बुवाई सामान्य क्षेत्रफल के लगभग बराबर हो गई है जबकि तिलहनों की बुवाई पिछले साल की तुलना में बढ़ी है। उन्होंने बताया कि दलहनी फसलों को ज्यादा जाड़े से नुकसान की आशंका बनी रहती है लेकिन अभी तक प्रमुख उत्पादक राज्यों में मौसम फसलों के अनुकूल ही बना हुआ है। तिलहनों के बुवाई क्षेत्रफल में 3.77 लाख हैक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में चालू रबी में दलहन और तिलहनों का उत्पादन बढऩे का अनुमान है।
देशभर में 128.26 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में दालों की बुवाई हो चुकी है जबकि रबी में 128.71 लाख हैक्टेयर में दलहन की बुवाई होती है। रबी दलहन की प्रमुख फसल चने की बुवाई बढ़कर 86.62 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 83.55 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी।
चालू रबी में 79.6 लाख टन चने के उत्पादन का अनुमान है जबकि रबी में दलहनों के कुल उत्पादन का अनुमान 105 लाख टन का है।
तिलहनों की बुवाई चालू रबी में 79.58 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल के 75.81 लाख हैक्टेयर से ज्यादा है। रबी तिलहनों की प्रमुख फसल सरसों की बुवाई बढ़कर 64.43 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 62.65 लाख हैक्टेयर में हुई थी।
कृषि मंत्रालय ने चालू रबी में 115 लाख टन तिलहनों की पैदावार का लक्ष्य तय किया है इसमें 81.93 लाख टन सरसों के उत्पादन का अनुमान है।
उन्होंने बताया कि पिछले साल फरवरी-मार्च में मौसम फसलों के अनुकूल रहा था। सर्दी का सीजन लंबा चला था, जिसकी वजह से वर्ष 2011-12 में देश में खाद्यान्न की रिकॉर्ड पैदावार 25.74 करोड़ टन की हुई थी।
चालू रबी में गेहूं की बुवाई अभी तक 253.17 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है तथा देशभर में 286.36 लाख हैक्टेयर में गेहूं की बुवाई होती है। बुवाई का कार्य जनवरी के प्रथम पखवाड़े तक चलेगा। ऐसे में गेहूं की पैदावार भी बढऩे का अनुमान है। चालू रबी में 860 लाख टन गेहूं की पैदावार का लक्ष्य तय किया है। मोटे अनाजों की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 54.81 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 53.75 लाख हैक्टेयर में हुई थी।
(Business Bhaskar....R S Rana)
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