18 दिसंबर 2012
नई ऊंचाई पर पहुंचा मूंगफली तेल
ज्यादातर मिलों में पेराई के लिए मूंगफली की किल्लत के चलते सोमवार को मूंगफली तेल की कीमतें अब तक के सर्वोच्च स्तर 2200 रुपये प्रति टिन (15 किलो) पर जा पहुंचीं। पिछले तीन दिनों में तेल की कीमतें 50 रुपये प्रति टिन बढ़ी हैं। मिल मालिकों ने जहां राज्य में मूंगफली की कम पैदावार को बढ़ती कीमतों की वजह बताया, वहीं देसी बाजार में खुदरा मांग भी कमजोर रही।
गोंडल ऑयल मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रावजीभाई मंडानका ने कहा, 'इस साल कमजोर मॉनसून के चलते गुजरात में मूंगफली की फसल करीब-करीब खराब रही है, ऐसे में आवक भी काफी कमजोर है। इस समय रोजाना बमुश्किल 15,000 बोरी (प्रति बोरी 40 किलो) मूंगफली की आवक हो रही है, जो मिलों के लिए नाकाफी है। मूंगफली कारोबारी भी इस आवक का करीब आधा हिस्सा खरीद रहे हैं। इसलिए पेराई के लिए मूंगफली की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।'
मूंगफली तेल (लूज) फिलहाल 1300-1310 रुपये प्रति 10 किलो पर बिक रहा है जबकि गैर-रिफाइंड का भाव 1995-2,000 रुपये प्रति टिन (15 किलोग्राम) है। रिफाइंड मूंगफली तेल का भाव हालांकि राजकोट में सोमवार को 2200 रुपये प्रति टिन (15 किलोग्राम) रहा। रोजाना 80-100 टन तेल सौराष्ट्र की मिलों से आता है और इसका कारोबार होता है।
अक्टूबर से शुरू होने वाले खाद्य तेल वर्ष की शुरुआत में मूंगफली की आवक रोजाना 7,000-8,000 बोरी रही थी और धीरे-धीरे यह बढ़कर 60,000-70,000 बोरी तक पहुंच गई है। लेकिन अब यह घटकर महज 15,000-17,000 बोरी रोजाना रह गई है। कम आवक से भी मूंगफली की कीमतें बढ़कर 1100-1150 रुपये प्रति 20 किलोग्राम पर पहुंच गई हैं।
सौराष्ट्र ऑयल मिल्स एसोसिएशन (सोमा) के अध्यक्ष समीर शाह ने कहा कि मूंगफली तेल की कीमतें बढ़ गई हैं क्योंकि विक्रेता मांग पूरी करने में सक्षम नहीं हैं। इसकी वजह यह है कि उनके पास पेराई के लिए पर्याप्त मूंगफली नहीं है। मूंगफली की कम उपलब्धता के चलते सौराष्ट्र क्षेत्र की महज 25-30 मिलें ही फिलहाल चल रही हैं। समीर शाह और रावजीभाई के मुताबिक निकट भविष्य में मूंगफली तेल की कीमतें 2300 रुपये प्रति टिन (15 किलोग्राम) तक जा सकती हैं। (BS Hindi)
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