19 दिसंबर 2012
ज्यादा आयात अनुमान से खाद्य तेल में गिरावट
विश्व के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश मलयेशिया से ज्यादा आयात की आशंका से खाद्य तेल की कीमतें मंगलवार को हाजिर व वायदा बाजार में फिसल गईं। दरअसल मलयेशिया ने कच्चे पाम तेल पर निर्यात शुल्क जनवरी से घटाकर शून्य करने का फैसला किया है। इस खबर के बाद एक ओर जहां कच्चा पाम तेल वायदा 1 फीसदी फिसल गया, वहीं सोयाबीन व रिफाइंड सोया तेल में भी गिरावट दर्ज की गई। एमसीएक्स पर जनवरी में डिलिवरी वाला सीपीओ 0.77 फीसदी फिसलकर कारोबार के दौरान 411.10 रुपये प्रति 10 किलो पर आ गया। इसी तरह अप्रैल में डिलिवरी वाला वायदा भी 0.75 फीसदी फिसलकर 434.20 रुपये प्रति 10 किलो पर आ गया।
स्पष्ट तौर पर रिफाइंड सोया तेल भी इसी अनुपात में नीचे आया। एनसीडीईएक्स पर निकट माह में डिलिवरी वाला वायदा 706.75 रुपये प्रति 10 किलो पर आ गया जबकि एक दिन पहले यह 715.8 रुपये प्रति 10 किलो पर बंद हुआ था। सोयाबीन के जनवरी सौदे में भी 2 फीसदी की गिरावट आई और यह 3374 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया। वाशी एपीएमसी में भी खाद्य तेल की कीमतों में 1 से 1.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
कीमतों में गिरावट मुख्य रूप से मलयेशिया सरकारी की तरफ से सीपीओ के निर्यात शुल्क को घटाकर शून्य करने के फैसले से हुई। इस फैसले से देसी खाद्य तेल कारोबारी भविष्य में इस्तेमाल के लिए भारी भरकम स्टॉक जमा कर सकते हैं क्योंकि इस पर आयात की लागत कम होगी। ऐंजल ब्रोकिंग के सहायक निदेशक नवीन माथुर ने कहा, ऐसे में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट शुरू हो गई है क्योंकि इसकी उपलब्धता बढऩे वाली है।
कच्चे पाम तेल के भारी भंडार के देखते हुए मलयेशिया की सरकार ने सोमवार को निर्यात शुल्क घटाकर शून्य करने का ऐलान किया था। इसके बाद हालांकि अस्थायी तौर पर स्थानीय बाजार में सीपीओ की कीमतें बढ़ गई थीं। लेकिन मुनाफावसूली ने इस जिंस को जल्द ही नीचे ला दिया। मार्च में डिलिवरी वाला सीपीओ बुरसा मलयेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज पर 0.4 फीसदी फिसलकर 2342 रिंगिट पर बंद हुआ। सोमवार को जारी मलयेशिया सरकार की अधिसूचना में कर का आकलन करने की खातिर जनवरी के लिए औसत कीमत 2147.81 रिंगिट प्रति टन तय की है। (BS Hindi)
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