नई दिल्ली।। एनडीसी
की 52वीं बैठक घोर विवादों में घिर गई है। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री
जयललिता बैठक से वॉकआउट कर गई हैं। जयललिता ने कहा कि मुझे अपनी बात रखने
का मौका नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि मैं जब बात रख रही थी तब 10 मिनट
के बाद ही बजर बजने लगा। जयललिता ने कहा कि ऐसी हरकत मेरा अपमान है जो कि
मुझे बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री को बात रखने का
मौका नहीं दिया जाएगा? यदि ऐसा ही था तो बुलाया क्यों गया था? उन्होंने कहा
कि मैं यहां आकर अपमानित महसूस कर रही हूं। जयललिता ने कहा कि असम के
मुख्यमंत्री को 35 मिनट का समय दिया गया। मेरे साथ ऐसा क्यों किया गया?
उन्होंने कहा कि मुझे केंद्र सरकार से कई मुद्दों पर करनी थी। मुझे उम्मीद
थी कि केंद्र सरकार मेरी बातों और समस्याओं को सुनेगी ले्किन इस सरकार के
पास सुनने तक का वक्त नहीं है।
जयललिता के आहत होने के बाद केंद्र सरकार की तरफ से केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि एक दिन में ही बैठक खत्म करनी होती है इसलिए वक्त का अभाव होता है। इसलिए समय का निर्धारण किया जाता है। राजीव शुक्ला ने कहा कि 396 मिनट में सभी मुख्यमंत्रियों को बात रखनी होती है। समय का पर्याप्त अभाव होता है। इस मुद्दे पर पर जयललिता जी राजनीति कर रही हैं। शुक्ला ने कहा कि जयललिता जैसी सीनियर नेता को इस तरह की बात कहना शोभा नहीं देता है। उनका आरोप बिल्कुल बेबुनियाद है। ऐसा केवल उनके साथ ही नहीं किया गया है। देश के सारे मुख्यमंत्रियों को भी इतना ही समय दिया गया है।
हालांकि इसकी उम्मीद पहले से ही की जा रही थी कि राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक तल्ख रहेगी। गैरकांग्रेसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की कई शिकायतें पहले से ही हैं। उम्मीद है कि ममता बनर्जी भी केंद्र सरकार पर जोरदार हमला करेंगी। बीजेपी शासित राज्य भी भेदभाव के आरोप लगाते रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार से विशेष राज्य का दर्जा मांग रहे हैं। उन्होंने भी कई बार इस मांग के लिए केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
जयललिता के आहत होने के बाद केंद्र सरकार की तरफ से केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि एक दिन में ही बैठक खत्म करनी होती है इसलिए वक्त का अभाव होता है। इसलिए समय का निर्धारण किया जाता है। राजीव शुक्ला ने कहा कि 396 मिनट में सभी मुख्यमंत्रियों को बात रखनी होती है। समय का पर्याप्त अभाव होता है। इस मुद्दे पर पर जयललिता जी राजनीति कर रही हैं। शुक्ला ने कहा कि जयललिता जैसी सीनियर नेता को इस तरह की बात कहना शोभा नहीं देता है। उनका आरोप बिल्कुल बेबुनियाद है। ऐसा केवल उनके साथ ही नहीं किया गया है। देश के सारे मुख्यमंत्रियों को भी इतना ही समय दिया गया है।
हालांकि इसकी उम्मीद पहले से ही की जा रही थी कि राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक तल्ख रहेगी। गैरकांग्रेसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की कई शिकायतें पहले से ही हैं। उम्मीद है कि ममता बनर्जी भी केंद्र सरकार पर जोरदार हमला करेंगी। बीजेपी शासित राज्य भी भेदभाव के आरोप लगाते रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार से विशेष राज्य का दर्जा मांग रहे हैं। उन्होंने भी कई बार इस मांग के लिए केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
इससे
पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एनडीसी(राष्ट्रीय विकास परिषद) की बैठक
ने कहा कि हम आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं। देश की आर्थिक हालत ठीक नहीं है।
मंदी से निपटना हमारी पहली प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने
12वीं योजना में 8 फीसदी ग्रोथ रेट का टारगेट रखा है। उन्होंने कहा कि हमने
आर्थिक हालत सुधारने के लिए कुछ सख्त कदम उठाए हैं। आने वाले वक्त में
इसका असर भी साफ दिखेगा।
कृष क्षेत्र में हमारा प्रदर्शन बढ़िया है। बिजली प्रॉजेक्ट पर तेजी से काम करना है। बिना बिजली उत्पादन बढ़ाए विकास की गति को बढ़ा नहीं सकते। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया आर्थिक मंदी से जूझ रही है इसके बावजूद हम थोड़े बेहतर हालत में हैं। प्रधानमंत्री ने दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय विकास परिषद के 52वीं बैठक में देश की आर्थिक हालत और रणनीति पर कई अहम बातें कहीं। उन्होंने कहा कि डायरेक्ट कैश ट्रांसफर योजना से सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और जरूरतमंदों की जरूतें सुनिश्चित होंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम महिलाओं को पूरा हक नहीं दे पाए हैं। रेप की बढ़ती घटनाएं और पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाना देश के लिए बेहद चिंता का विषय है। हमने जस्टिस वर्मा की अध्यक्षता में रेप कानून को और सख्त बनाने के लिए कमिटी गठित की है। सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित और प्रतिबद्ध है। हम हर हाल में महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि रेप कानून की गंभीर समीक्षा की जाएगी। समीक्षा के बाद हम बदलाव को अंतिम रूप देंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा पर केंद्र और राज्य दोनों को मिलकर काम करने की जरूरत है। (Navbharat)
कृष क्षेत्र में हमारा प्रदर्शन बढ़िया है। बिजली प्रॉजेक्ट पर तेजी से काम करना है। बिना बिजली उत्पादन बढ़ाए विकास की गति को बढ़ा नहीं सकते। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया आर्थिक मंदी से जूझ रही है इसके बावजूद हम थोड़े बेहतर हालत में हैं। प्रधानमंत्री ने दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय विकास परिषद के 52वीं बैठक में देश की आर्थिक हालत और रणनीति पर कई अहम बातें कहीं। उन्होंने कहा कि डायरेक्ट कैश ट्रांसफर योजना से सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और जरूरतमंदों की जरूतें सुनिश्चित होंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम महिलाओं को पूरा हक नहीं दे पाए हैं। रेप की बढ़ती घटनाएं और पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाना देश के लिए बेहद चिंता का विषय है। हमने जस्टिस वर्मा की अध्यक्षता में रेप कानून को और सख्त बनाने के लिए कमिटी गठित की है। सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित और प्रतिबद्ध है। हम हर हाल में महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि रेप कानून की गंभीर समीक्षा की जाएगी। समीक्षा के बाद हम बदलाव को अंतिम रूप देंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा पर केंद्र और राज्य दोनों को मिलकर काम करने की जरूरत है। (Navbharat)
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