बढ़ती आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी - शिवराज सिंह चौहान
नई दिल्ली, 26 सितंबर। देश की आबादी 140 करोड़ है, जो कि 2050 तक बढ़कर 170 करोड़ होने का अनुमान है, तब के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही लगभग 46 फीसदी आबादी, जो आज भी खेती पर निर्भर करती है, उनकी आजीविका भी चलाना है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में क्रॉप लाइफ इंडिया के राष्ट्रीय सम्मेलन (विकसित भारत 2047 अर्थव्यवस्था में कृषि का एक ट्रिलियन का योगदान: फसल संरक्षण उद्योग की भूमिका) में सहभागिता की।
उन्होंने कहा कि यूएसए, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया में विशेष परिस्थितियां हैं, एक किसान के पास 10-15 हजार हेक्टेयर जमीन है। हमारे किसान के पास ढाई एकड़, तीन एकड़ व इससे कम
भूमि वाले भी किसान हैं, तो हमें इन तथ्यों को ध्यान में रखकर खेती की नीति बनानी पड़ेगी। दुनिया की केवल 4 फीसदी कृषि योग्य भूमि है हमारे पास, उसमें हम अपना पेट भर रहे हैं और दुनिया को खिलाने का काम भी कर रहे हैं।
शिवराज सिंह ने कहा कि हम सब गंभीरता से विचार करें व सरकार के साथ मिलकर काम करें। मैं सरकार नहीं, सेवक हूं अपने किसानों, अपने लोगों का। नवाचार व अनुसंधान को कैसे हम बढ़ावा दे सकते हैं। प्राइवेट सेक्टर की भी जरूरत है, शोध और अनुसंधान की ज़रूरत है, तभी हम तेजी से आगे बढ़ जाएंगे। शिवराज सिंह ने कहा घटिया पेस्टिसाइड के कारण किसान बर्बाद होता है। पैसा लग गया, फायदा हुआ नहीं, यहां तक कि फर्टिलाइजर भी नकली बना दिया, राजस्थान में तो नकली फर्टिलाइजर पकड़ा गया, जहां पत्थरों का काम होता है, उसका पाउडर भर-भरकर बोरियों में बेच दिया। इससे किसान त्रस्त है, सरकार का भी काम है साथ ही इंडस्ट्री का भी काम है जो ईमानदारी से काम करें। किसान कहते हैं कि ऐसा कोई उपकरण बन जाएं, हम उसमें डालें तो पता चल जाए कि यह असली है या नकली है।
देश के किसानों के हितों की चिंता करते हुए उन्होंने कहा कि घटिया पेस्टिसाइड, फर्टिलाइजर से किसानों को बचाने के लिए इंडस्ट्री को पूरी ईमानदारी से काम करने का आह्वान किया। सरकार अपने स्तर पर इस संबंध में कड़ी कार्रवाई कर रही है और किसानों की भलाई के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा, और कृषि मंत्री के रूप में किसानों की सेवा मेरे लिए भगवान की पूजा है।
उन्होंने कहा कि आज सरकार के सामने समस्या है कि चावल और गेहूं रखें कहां, अन्न के भंडार भरे हैं। कई चीजों का उत्पादन अभी भी बढ़ाता है, वो एक अलग विषय है। अप्रैल से अगस्त के दौरान हमारा कृषि निर्यात 10 फीसदी बढ़ा है तथा हमारा बासमती चावल धूम मचा रहा है।
शिवराज सिंह ने कहा कि मैंने वैज्ञानिकों को टास्क दिया है, आईसीएआर व बाकी संस्थानों के वैज्ञानिक रिसर्च करते थे, लेकिन कई बार उस रिसर्च का जमीनी नाता नहीं रहता था। हमने विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया, उसमें किसानों की समस्याएं देखी। मेरठ का किसान कहता है-लाल सड़न नामक बीमारी ने गन्ना बेकार कर दिया, कहीं गुलाबी सुंडी कपास पर कहर बनकर टूट पड़ी, उत्पादन घट गया, हमें उसमें रिसर्च चाहिए। एलोमोजिक ने सोयाबीन बर्बाद कर दिया हमें उस पर रिसर्च चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन किसानों को रिसर्च की जरूरत है, मैंने कहा वन टीम-वन टास्क, वैज्ञानिकों की टीम बनाओ और इस पर रिसर्च करो व रिसर्च को जमीन पर ले जाओ। रिसर्च और अनुसंधान का लाभ जब तक किसान को ना मिले, कैसे काम चलेगा।

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