नई दिल्ली। अगस्त में देश से कैस्टर तेल का निर्यात 17.95 फीसदी घटकर 40,592 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले साल अगस्त में इसका निर्यात 49,473 टन का हुआ था।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार चालू वर्ष 2025 के पहले 8 महीनों जनवरी से अगस्त के दौरान कैस्टर तेल का निर्यात 477,409 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले साल की समान अवधि के दौरान इसका निर्यात 500,221 टन का हुआ था।
एसईए के अनुसार मूल्य के हिसाब से अगस्त में कैस्टर तेल का निर्यात 561.96 करोड़ रुपये का हुआ है, जो कि पिछले साल अगस्त के 607.55 करोड़ रुपये की तुलना में कम है। चालू वर्ष 2025 के पहले 8 महीनों जनवरी से अगस्त के दौरान मूल्य के हिसाब से कैस्टर तेल का निर्यात 6,331.03 करोड़ रुपये का हुआ है।
गुजरात में कैस्टर सीड के भाव शनिवार को 15 रुपये तेज होकर 1,250 से 1,280 रुपये प्रति 20 किलो हो गए, जबकि दैनिक आवक 25 हजार बोरियों की हुई। राजकोट में कैस्टर तेल के भाव 2 रुपये नरम होकर 1,303 रुपये और एफएसजी के 2 रुपये घटकर 1,313 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। 20 सितंबर को गुजरात में कैस्टर सीड के भाव 1,285 से 1,300 रुपये प्रति 20 किलो थे, जबकि इस दौरान राजकोट में कैस्टर तेल कमर्शियल के दाम 1,327 रुपये एवं एफएसजी के भाव 1,337 रुपये प्रति 10 किलो थे।
व्यापारियों के अनुसार शनिवार को तो कैस्टर सीड के दाम तेज हुए, लेकिन सप्ताह भर में कैस्टर सीड एवं तेल की कीमतों में गिरावट आई है, जिसका प्रमुख कारण चीन की आयात मांग में कमी आना है।
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2024-25 के दौरान कैस्टर सीड का उत्पादन 17.30 लाख टन का ही होने का अनुमान है, जोकि इसके पिछले फसल सीजन के दौरान उत्पादन 19.59 लाख टन का हुआ था।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में देशभर में कैस्टर सीड की बुआई 19 सितंबर तक बढ़कर 8.75 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 7.94 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।

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