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30 अक्टूबर 2025

ब्राजील में मक्का से एथेनॉल के बढ़ते उत्पादन से विश्व स्तर पर चीनी के भाव पर दबाव

नई दिल्ली। ब्राजील में मक्का से एथेनॉल के उत्पादन में बढ़ोतरी से विश्व स्तर पर चीनी की कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है। चालू सप्ताह के अंत में आईसीई व्हाइट शुगर की कीमत 4 साल के निचले स्तर पर और रॉ शुगर के दाम 4.5 साल के निचले स्तर के करीब पहुंच गई। विश्व स्तर पर बढ़ते उत्पादन आउटलुक और बकाया अनुमानों ने मार्केट सेंटीमेंट को कमजोर किया।


चालू सप्ताह के अंत में आईसीई व्हाइट शुगर 6.50 डॉलर यानी 1.5 फीसदी गिरकर 431.30 डॉलर प्रति टन पर बंद हुई, जो कि जुलाई 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर है। इसी तरह से आईसीई रॉ शुगर के दाम भी 2.1 फीसदी गिरकर 14.97 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुई। सप्ताह भर में रॉ शुगर में करीब 3.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

ब्राजील में मक्का से एथेनॉल के बढ़ते उत्पादन ने गन्ना प्रसंस्करणकर्ताओं को जैव ईंधन बाजार से दूर कर दिया है, जिससे उन्हें अपनी फसल का एक बड़ा हिस्सा चीनी बनाने में लगाना पड़ रहा है। इस बदलाव ने चीनी की कीमतों को चार साल के निचले स्तर पर ला दिया है। यह बदलाव कभी शक्तिशाली रहे ब्राजीलियाई गन्ना उद्योग के सामने बढ़ती चुनौतियों को रेखांकित करता है। रायजेन और साओ मार्टिन्हो सहित मिलें आमतौर पर अधिक लाभ के आधार पर अधिक चीनी या इथेनॉल के उत्पादन के बीच बदलाव करती हैं। अब मक्का-आधारित जैव ईंधन से बढ़ती प्रतिस्पर्धा का मतलब है कि उनमें से कई को चीनी के साथ ही बने रहना पड़ सकता है, भले ही कीमतें कम रहें।

आमतौर पर चीनी की कीमतों में गिरावट आने पर ब्राजील के मुख्य उत्पादक क्षेत्र में गन्ना मिलें अधिक एथेनॉल का उत्पादन शुरू कर देती है, लेकिन परामर्श फर्म डेटाग्रो के अनुसार वे अगले साल की फसल से रिकॉर्ड 4.3 करोड़ टन चीनी का उत्पादन करने के लिए तैयार हैं, जो पिछले साल की तुलना में 4.6 फीसदी अधिक है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मक्के से ईंधन बनाने वाली कंपनियों की बढ़ती संख्या ब्राजील में एथेनॉल की बाढ़ ला रही है, जिसकी लागत गन्ने से बनने वाले एथेनॉल से कम है।

स्टोनएक्स ग्रुप सर्विसेज इंक के अनुसार गन्ने से एथेनॉल का उत्पादन अभी भी प्रमुख है, लेकिन अप्रैल से शुरू होने वाले स्थानीय सीजन में दक्षिण अमेरिकी देश में उत्पादित गैसोलीन के विकल्प में मक्का-आधारित उत्पादन का हिस्सा 32 फीसदी होगा, जो वर्तमान सीजन में 23 फीसदी से ज्यादा है। स्टोनएक्स की विश्लेषक कैमिला लीमा ने कहा कि अगले सीजन में रिकॉर्ड एथेनॉल आपूर्ति की संभावना से कीमतों में गिरावट का खतरा है, जिससे गन्ना मिलों के लिए विशेष रूप से सबसे ज्यादा उत्पादन वाले राज्य साओ पाउलो में चीनी एक बेहतर विकल्प बन जाएगा।

ब्राजील के सबसे बड़े गन्ना प्रसंस्करणकर्ता रायजेन के शेयरों में इस साल 56 फीसदी की गिरावट आई है। छोटे प्रतिद्वंद्वियों जालेस मचाडो एसए और साओ मार्टिन्हो में क्रमशः 42 फीसदी और 37 फीसदी की गिरावट आई है। गन्ना प्रसंस्करणकर्ताओं ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी चीनी उत्पादन क्षमता का विस्तार किया है क्योंकि उन्हें मक्का से इथेनॉल से बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।

दिल्ली में चीनी की थोक कीमत कमजोर होकर शनिवार को 4,320 रुपये प्रति क्विंटल रह गई, जबकि 10 अक्टूबर को इसका दाम 4,370 रुपये प्रति क्विंटल था। इसी तरह से मुंबई में शनिवार को चीनी के दाम कमजोर होकर 4,120 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि 10 अक्टूबर को इसका भाव 4,180 रुपये प्रति क्विंटल था।

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