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30 अक्टूबर 2025

पहली से बीस अक्टूबर के दौरान मलेशिया से पाम तेल का निर्यात 3.4 फीसदी बढ़ा

नई दिल्ली। पहली से बीस अक्टूबर के दौरान मलेशिया से पाम तेल के निर्यात में 3.4 फीसदी बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 10,44,784 टन का हुआ है। मंलगवार को मलेशियाई पाम तेल वायदा में तेजी दर्ज की गई।


कार्गो सर्वेयर इंटरटेक टेस्टिंग सर्विसेज (आईटीएस) के आंकड़ों के अनुसार, 1–20 अक्टूबर के बीच मलेशियाई पाम तेल का निर्यात 3.4 फीसदी बढ़कर 10,44,784 टन का हुआ है, जबकि सितंबर की समान अवधि में इसका निर्यात 10,10,032 टन का हुआ था।

मंगलवार को मलेशियाई पाम तेल वायदा की कीमतें तेल होकर बंद हुई। डालियान के साथ शिकागो में सोया तेल मार्केट में मजबूती से कीमतों को सपोर्ट मिला है, हालांकि इस दौरान क्रूड तेल के दाम कमजोर होने के साथ ही भारत की पाम तेल की आयात मांग कमजोर होने के कारण निर्यात की ग्रोथ धीमी रही।

बुरसा मलेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज, (बीएमडी) पर जनवरी 2026 डिलीवरी वायदा अनुबंध में क्रूड पाम तेल (सीपीओ) वायदा 43 रिंगिट बढ़कर 4,556 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुआ, जो 4,508 से 4,572 रिंगिट के दायरे में व्यापार कर रहा है। इसी तरह से दिसंबर 2025 वायदा अनुबंध में 44 रिंगिट की तेजी आकर दाम 4,520 रिंगिट प्रति टन और फरवरी 2026 वायदा अनुबंध में 39 रिंगिट की तेजी आकर भाव 4,566 रिंगिट प्रति टन हो गए।

आईटीएस के आंकड़ों के अनुसार पहली से बीस अक्टूबर के दौरान मलेशियाई पाम तेल का निर्यात तो सितंबर की समान अवधि की तुलना में बढ़ा है, लेकिन इस दौरान इसकी गति धीमी पड़ गई है, जिसकी वजह भारत की आयात मांग में कमी आना है। आईडीएस के मुताबिक मलेशिया को अक्टूबर के बाकी बचे 10 दिनों में लगभग 5.48 लाख टन का निर्यात करना होगा ताकि सितंबर के निर्यात के आंकड़ों की बराबरी हो सके। इस समय भारत की आयात मांग कमजोर बनी हुई है, जिस कारण यह आंकड़ा पार करना मुश्किल माना जा रहा है।

डालियान मार्केट में खाद्य तेलों में मजबूती देखने को मिली। डालियान कमोडिटी एक्सचेंज पर जनवरी के सोया तेल वायदा अनुबंध में 0.36 फीसदी और पाम तेल वायदा अनुबंध में 0.26 फीसदी की तेजी दर्ज की गई, जबकि शिकागो में दिसंबर का सोया तेल वायदा अनुबंध 0.03 सेंट बढ़कर 51.34 सेंट प्रति पाउंड हो गया।

हालांकि इस दौरान, क्रूड तेल मार्केट में गिरावट दर्ज की गई। डब्ल्यूअीआई दिसंबर का क्रूड तेल 0.13 डॉलर गिरकर 56.89 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट दिसंबर क्रूड 0.18 डॉलर घटकर 60.83 डॉलर प्रति बैरल रह रहा, जिससे खाद्य तेलों की कीमतों को हल्का सपोर्ट मिला।

जानकारों का मानना है कि विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में मजबूत के साथ ही शुरुआती स्तर पर निर्यात मांग में हुई बढ़ोतरी से पाम तेल की कीमतों को हल्का सुधार मिल सकता है। हालांकि जिस तरह से भारत की आयात मांग में कमी आई है, उसे देखते हुए बड़ी तेजी के आसार नहीं है। वैसे भी घरेलू बाजार में खरीफ सीजन की तिलहनी फसलों की आवक आगामी दिनों में बढ़ेगी।

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