कुल पेज दृश्य

06 अक्टूबर 2025

प्रतिकूल मौसम से महाराष्ट्र में चीनी की रिकवरी घटने की आशंका, 7 अक्टूबर तक बारिश की संभावना

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के कई जिलों में हाल ही हो रही अत्याधिक बारिश से चीनी की रिकवरी की में कमी आने की आशंका है। अत: रिकवरी में गिरावट से राज्य भर में चीनी का उत्पादन कम होने की संभावना है, जिससे किसानों और मिल मालिकों, दोनों को भारी आर्थिक नुकसान होगा।


भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने महाराष्ट्र के कुछ जिलों के लिए चक्रवात ‘शक्ति’ की चेतावनी जारी की है, जिसमें 7 अक्टूबर तक उच्च से मध्यम चक्रवात की चेतावनी दी गई है।

आईएमडी ने महाराष्ट्र के आंतरिक भागों, विशेष रूप से पूर्वी विदर्भ और मराठवाड़ा के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। साथ ही, घने बादलों के निर्माण और वातावरण में नमी के प्रवेश के कारण उत्तरी कोंकण के निचले इलाकों में बाढ़ आने की संभावना है।

महाराष्ट्र सरकार की मंत्रिस्तरीय समिति ने 1 नवंबर से गन्ना पेराई सत्र शुरू करने को मंज़ूरी दे दी है। समिति ने कई क्षेत्रों में बाढ़ से गन्ने की खेती को हुए नुकसान की भी समीक्षा की।

मिल मालिकों ने कहा कि रिकवरी दर में गिरावट से चीनी उत्पादन प्रभावित होगा और उन्होंने राज्य सरकार से सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए सहायता देने का आग्रह किया। कई मिल मालिकों ने कहा कि वित्तीय संकट के कारण उन्होंने अभी तक किसानों को पिछले सीजन का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) भी नहीं दिया है, और आने वाले सीजन में उनका बोझ और बढ़ जाएगा।

इन चिंताओं के बावजूद सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए चीनी मिलों पर 10 रुपये प्रति टन और बाढ़ प्रभावित किसानों की सहायता के लिए 5 रुपये प्रति टन का शुल्क लगाने का फैसला किया। मिल मालिकों ने इस कदम का विरोध करते हुए तर्क दिया कि गन्ना किसानों पर भी भारी असर पड़ा है, क्योंकि उनकी फसल का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अतिरिक्त शुल्क गन्ना किसानों पर दोहरा प्रहार होगा।

राज्य में गन्ने का नया पेराई सत्र दीपावली के बाद शुरू होगा, क्योंकि गन्ना काटने वाले किसान त्योहार से पहले काम शुरू करने के लिए तैयार नहीं है।

कोई टिप्पणी नहीं: