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18 अक्टूबर 2025

सितंबरी में डीओसी के निर्यात में 40 फीसदी की बढ़ोतरी - एसईए

नई दिल्ली। देश से सितंबरी में डीओसी के निर्यात में 40 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 299,252 टन का हुआ है, जबकि पिछले साल सितंबर में इसका निर्यात 213,744 टन का ही हुआ था।


सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान डीओसी के निर्यात में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 2,093,067 टन का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात  2,082,533 टन का हुआ था।

केंद्र सरकार ने अधिसूचना संख्या 37/2025-26 के तहत दिनांक 3 अक्टूबर, 2025 से तेल रहित चावल की भूसी के निर्यात पर लगी रोक को हटा लिया है। इस कदम से निर्यात के अवसर खुलने से चावल मिलिंग उद्योग को लाभ होने की उम्मीद है, साथ ही किसानों और प्रसंस्करणकर्ताओं को चावल की भूसी के उप-उत्पादों की बेहतर कीमत मिलने में मदद मिलेगी। इससे चावल की भूसी के प्रसंस्करण और चावल की भूसी के तेल के उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार के इस कदम से उद्योग के साथ ही किसानों को लाभ होगा। अब डीओआरबी के निर्यात की अनुमति मिलने से भारत के कृषि-प्रसंस्करण निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और वैश्विक बाजारों में एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में देश की प्रतिष्ठा मजबूत होगी।

देश में पिछले दो वर्षों से मूंगफली के उत्पादन में वृद्धि के कारण मूंगफली डीओसी के निर्यात में वृद्धि हुई है और पिछले वर्ष की इसी अवधि के 5,090 टन की तुलना में इस वर्ष 15,967 टन मूंगफली डीओसी का उत्पादन हुआ है। एसईए के खरीफ मूंगफली फसल सर्वेक्षण के अनुसार, गुजरात में मूंगफली की खेती का क्षेत्रफल पिछले वर्ष के 19.09 लाख हेक्टेयर से लगभग 3.0 लाख हेक्टेयर बढ़कर 22.02 लाख हेक्टेयर हो गया है और मूंगफली का उत्पादन 46.07 लाख टन होने का अनुमान है। देशभर में मूंगफली की बुवाई का कुल क्षेत्रफल पिछले वर्ष के 49.96 लाख हेक्टेयर से 1.60 लाख हेक्टेयर कम होकर 48.36 लाख हेक्टेयर का रह गया।

सोया डीओसी की कीमतों पर दबाव के कारण पहले छह महीनों (अप्रैल-सितंबर 2025) में सोया डीओसी का निर्यात पिछले वर्ष की इसी अवधि के 9.08 लाख टन से घटकर 8.39 लाख टन रह गया। भारतीय सोयाबीन खली की विश्व बाजार में मांग कमजोर है और दक्षिण एवं उत्तरी अमेरिकी उत्पादकों से बाजार हिस्सेदारी के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। घरेलू स्तर पर भी, चारा बाजार में डीडीजीएस की बढ़ती आपूर्ति के कारण सोया डीओसी की मांग कम हो रही है।

भारतीय बंदरगाह पर सितंबर में सोया डीओसी का भाव कमजोर होकर 398 डॉलर प्रति टन रह गए, जबकि अगस्त में इसका दाम 404 डॉलर प्रति टन था। इस दौरान सरसों डीओसी का मूल्य सितंबर में भारतीय बंदरगाह पर बढ़कर 198 डॉलर प्रति टन का हो गया, जबकि अगस्त में इसका भाव 195 डॉलर प्रति टन था। इस दौरान कैस्टर डीओसी का दाम अगस्त के 93 डॉलर प्रति टन से तेज होकर सितंबर में 101 डॉलर प्रति टन का हो गया।

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