नई दिल्ली। खरीफ सीजन में जहां फसलों का उत्पादन अनुमान बढ़ने की संभावना है, वहीं रबी फसलों की बुआई शुरू हो चुकी है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान कृषि क्षेत्र में प्रगति की समीक्षा।
देश के कृषि क्षेत्र को इस बार अनुकूल मानसून, पर्याप्त वर्षा, जलाशयों में बेहतर जल संग्रहण के
चलते फायदा हुआ है। कृषि क्षेत्र की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रमुख जलाशयों में सामान्य या अधिक स्तर पर पानी संग्रहित है, जिससे सिंचाई संबंधी जरूरतें काफी हद तक पूरी हुई हैं व खरीफ की बुवाई समय पर पूरी हो सकी है। यह किसानों के लिए बड़ी राहत की बात रही, क्योंकि लगातार पर्याप्त नमी के कारण बुवाई में तेजी आई, पौधों की वृद्धि भी संतुलित रही हैं। पर्याप्त नमी से रबी बुवाई क्षेत्र में भी वृद्धि होगी।
उन्होंने बताया कि खरीफ-2025 के लिए धान की बुवाई का कुल आंकड़ा 441.58 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक है। वहीं, तिलहनी फसलों का अखिल भारतीय क्षेत्र 190.13 लाख हेक्टेयर तक दर्ज किया गया, जिसमें सोयाबीन एवं मूंगफली प्रमुख हैं। इसी तरह, दालों का क्षेत्र 120.41 लाख हेक्टेयर तक पहुंचा है, जो पोषण सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि है, वहीं गन्ने का क्षेत्र 59.07 लाख हेक्टेयर तक रहा हैं, जिससे गन्ना उत्पादक
किसान भाइयों-बहनों को सीधा फायदा होगा।
बैठक में मौजूद कृषि आयुक्त डा. पीके सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह को रिपोर्ट दी कि देशभर में सिंचाई परियोजनाओं एवं जलाशयों के लिए जल उपलब्धता में वृद्धि हुई हैं, जिससे सिंचाई आधारित कृषि क्षेत्रों में भी कृषि विकास संभव हुआ है। बैठक में बताया गया कि देश में पिछले वर्ष की तुलना में कुल जल संग्रहण की स्थिति बेहतर है, 161 जलाशयों में उपलब्ध संग्रहण 165.58 अरब घन मीटर (बीसीएम) है, जो गत वर्ष के मुकाबले 104.30 फीसदी और पिछले 10 वर्षों के औसत संग्रहण का 115.95 फीसदी है।
बैठक में यह जानकारी भी दी गई कि देश के कुछ क्षेत्रों में खरीफ की फसलों की कटाई शुरू हो गई है, अब तक कुल खरीफ क्षेत्र के लगभग 27 फीसदी भाग की कटाई हो चुकी है, साथ ही कुछ इलाकों में रबी फसलों की बुवाई भी प्रारंभ हो चुकी है, जो वर्तमान में प्रारंभिक चरण में है। देश में प्याज, आलू व टमाटर की फसलों की स्थिति भी औसतन अच्छी परिलक्षित हो रही है, वहीं चावल एवं गेहूं का वास्तविक स्टाक, बफर मानक की तुलना में ज्यादा है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि समय पर और अनुकूल मानसून, पर्याप्त जलाशय संसाधन, बढ़िया योजना प्रबंधन एवं डिजिटल नवाचार के चलते देश के कृषि क्षेत्र में रिकॉर्ड उपलब्धियां दर्ज हो रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, सरकार की किसान हितैषी नीतियों की वजह से ये उपलब्धियां किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठा रही है, वहीं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के लिए भी यह शुभ संकेत हैं। आगामी रबी मौसम में दलहनी और तिलहनी फसलों की ज्यादा बुवाई के लिए और रिकॉर्ड उत्पादकता प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार, प्रदेशों के साथ मिलकर हर संभव सहायता किसानों को उपलब्ध कराएगी। आज ही केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 38 हजार करोड़ रुपये खाद सब्सिडी के लिए जारी करने का फैसला लिया है, इसके लिए शिवराज सिंह ने प्रधानमंत्री के प्रति सभी किसानों की ओर से आभार व्यक्त किया है।

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