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08 मई 2021

बर्मा की अरहर और उड़द मुंबई में घटी, कनाडा और आस्ट्रेलिया की मसूर तेज

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से शनिवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित उड़द के साथ ही अरहर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि कनाडा के साथ ही आस्ट्रेलियां की मसूर के दाम तेज हुए।

वर्तमान हालात में, देश के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन की वजह से दालों में मांग सीमित ही बनी है, क्योंकि कोरोना के मामले में लगातार वृद्धि हो रही है। होटल, रेस्त्रां तथा सड़क किनारे खानपान वाली जगह बंद होने के कारण दालों खुदरा मांग बुरी तरह से प्रभावित हुई है। अगले दो सप्ताह में मांग में सुधार की संभावना नहीं है क्योंकि कोरोना के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है और कई राज्य लॉकडाउन बढ़ा रहे हैं। इस बीच, हाजिर मंडियों में साबूत दालों की आवक कम हो रही है, क्योंकि देशभर की मंडियां या तो लॉकडाउन के कारण बंद हैं, या फिर व्यापारियों ने बंद कर रखी हैं।

सीमित आयातित स्टॉक के बावजूद मिलों की कमजोर मांग के कारण बर्मा की लेमन अरहर के भाव में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि अरुषा अरहर के दाम 6,200 से 6,225 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दाल मिलों की मांग बढ़ने से बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,350 और 7,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

इसके अलावा, ट्रेडर्स-मिलर्स को आयात लाइसेंस के आवंटन में देरी होने की आशंका है क्योंकि डीजीएफटी द्वारा दलहन आयात के लिए लाइसेंस जारी करने पर मद्रास उच्च न्यायालय ने स्टे जारी कर रखा है। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार डीजीएफटी एक पखवाड़े के भीतर लाइसेंस जारी कर सकती है।

आयातित स्टॉक कम होने के साथ ही मिलों की मांग से कनाडा लाईन की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर तथा आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव मुंबई में 75-100 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए।

देश भर की मंडियां बंद होने से मसूर की आवक नहीं के बराबर हो रही है, साथ ही पड़ते नहीं लगने के कारण आगे आयातित मसूर नहीं आयेगी, जबकि मिलर्स और स्टॉकिस्ट नीचे दाम पर बिकवाली नहीं करेगे, इसलिए मसूर की कीमतों में सुधार आया है।

मांग बढ़ने से कनाडा में मसूर की कीमतों में सुधार आया है। कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के कुछ हिस्सों में सूखे जैसी स्थिति बनने से लगातार चिंता बनी हुई है, जिससे कीमतों को समर्थन मिलेगा।

तंजानिया लाईन के चना के साथ ही रूस-सूडान के काबूली चना की कीमतें मुंबई में स्थिर बनी रही।

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