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31 मई 2021

नेपाल से शून्य शुल्क पर खाद्य तेल के आयात से भारतीय उद्योग को नुकसान : एसईए

नई दिल्ली। दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (साफ्टा) समझौते के तहत शून्य शुल्क पर रिफाइंड सोयाबीन तेल और आरबीडी पामोलिन का अत्यधिक आयात घरेलू रिफाइनरियों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा रहा है।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए ने सोमवार को एक बयान में कहा कि शीर्ष खाद्य तेल उद्योग निकाय ने केंद्र सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाते हुए एसईए के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, रेलवे और वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि एवं किसान कल्याण, भारत सरकार को एक पत्र लिखा है।

नेपाल से भारत में सोयाबीन तेल का बड़े पैमाने पर आयात हो रहा है, जिसका जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा है कि इससे, घरेलू रिफाइनरियों एवं किसानों को गंभीर रूप से नुकसान हो रहा है, साथ ही केंद्र सरकार को भी राजस्व का नुकसान हुआ है। उद्योग ने केंद्र सरकार से इस आयात को रोकने के लिए कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया है।

एसईए ने लिखा है कि शुरुआत में सीमित मात्रा में ही इसका आयात हो रहा है, जोकि अब काफी बढ़ गया है, यह न केवल पूर्वी और उत्तरी भारत में वनस्पति तेल रिफाईनरियों के अस्तित्व के लिए खतरा है, बल्कि भारत सरकार को भारी राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। इन नुकसानों के अलावा यह तिलहन किसानों के हितों को नुकसान पहुंचा रहा है क्योंकि इससे हमारे बाजार प्रभावित हो रहे हैं और खाद्य तेलों पर उच्चे आयात शुल्क रखने का उद्देश्य भी बेअसर हो रहा है।

केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना संख्या 99/2011-सीमा शुल्क के तहत दिनांक 9 नवंबर 2011 के तहत सार्क देशों से पांच उत्पादों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी गई है।

इस छूट का लाभ उठाकर नेपाल और बांग्लादेश से पाम तेल और सोयाबीन तेल का आयात शून्य शुल्क पर बड़ी मात्रा में हो रहा है।

नेपाल में सोयाबीन का कोई उत्पादन नहीं होता है और आयातित सोयाबीन की पेराई की क्षमता बहुत कम है। नेपाल किसी भी पाम तेल का उत्पादन नहीं करता। नेपाल से आयात किया जा रहा पामोलिन इंडोनेशियाई और मलेशियाई मूल का है और सोयाबीन तेल दक्षिण अमेरिकी मूल का है, इस तरह के आयात के लिए शुल्क छूट प्राप्त करने के लिए मूल के नियमों का उल्लंघन करके नेपाल या बांग्लादेश के माध्यम से भेजा जाता है।

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