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31 मई 2021

गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद 406 लाख टन के पार, पिछले साल से 13 फीसदी ज्यादा

नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 30 मई 2021 तक देशभर की मंडियों से भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई ने 406.76 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जोकि  पिछले रबी सीजन की समान अवधि के 360.28 लाख टन की तुलना में 13 फीसदी ज्यादा है।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 132.1 लाख टन की है, जबकि हरियाणा से चालू रबी में 84.93 लाख टन और मध्य प्रदेश से 127.08 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है।

अन्य राज्यों में राजस्थान से चालू रबी में अभी तक 19.14 लाख टन और उत्तर प्रदेश से 39.51 लाख टन तथा अन्य राज्यों से 4.01 लाख टन गेहूं की खरीद एमएसपी पर की जा चुकी है।

केंद्र सरकार ने चालू रबी में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि पिछले रबी में एमएसपी 1,925 रुपये प्रति क्विंटल था।

नेपाल से शून्य शुल्क पर खाद्य तेल के आयात से भारतीय उद्योग को नुकसान : एसईए

नई दिल्ली। दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (साफ्टा) समझौते के तहत शून्य शुल्क पर रिफाइंड सोयाबीन तेल और आरबीडी पामोलिन का अत्यधिक आयात घरेलू रिफाइनरियों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा रहा है।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए ने सोमवार को एक बयान में कहा कि शीर्ष खाद्य तेल उद्योग निकाय ने केंद्र सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाते हुए एसईए के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, रेलवे और वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि एवं किसान कल्याण, भारत सरकार को एक पत्र लिखा है।

नेपाल से भारत में सोयाबीन तेल का बड़े पैमाने पर आयात हो रहा है, जिसका जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा है कि इससे, घरेलू रिफाइनरियों एवं किसानों को गंभीर रूप से नुकसान हो रहा है, साथ ही केंद्र सरकार को भी राजस्व का नुकसान हुआ है। उद्योग ने केंद्र सरकार से इस आयात को रोकने के लिए कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया है।

एसईए ने लिखा है कि शुरुआत में सीमित मात्रा में ही इसका आयात हो रहा है, जोकि अब काफी बढ़ गया है, यह न केवल पूर्वी और उत्तरी भारत में वनस्पति तेल रिफाईनरियों के अस्तित्व के लिए खतरा है, बल्कि भारत सरकार को भारी राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। इन नुकसानों के अलावा यह तिलहन किसानों के हितों को नुकसान पहुंचा रहा है क्योंकि इससे हमारे बाजार प्रभावित हो रहे हैं और खाद्य तेलों पर उच्चे आयात शुल्क रखने का उद्देश्य भी बेअसर हो रहा है।

केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना संख्या 99/2011-सीमा शुल्क के तहत दिनांक 9 नवंबर 2011 के तहत सार्क देशों से पांच उत्पादों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी गई है।

इस छूट का लाभ उठाकर नेपाल और बांग्लादेश से पाम तेल और सोयाबीन तेल का आयात शून्य शुल्क पर बड़ी मात्रा में हो रहा है।

नेपाल में सोयाबीन का कोई उत्पादन नहीं होता है और आयातित सोयाबीन की पेराई की क्षमता बहुत कम है। नेपाल किसी भी पाम तेल का उत्पादन नहीं करता। नेपाल से आयात किया जा रहा पामोलिन इंडोनेशियाई और मलेशियाई मूल का है और सोयाबीन तेल दक्षिण अमेरिकी मूल का है, इस तरह के आयात के लिए शुल्क छूट प्राप्त करने के लिए मूल के नियमों का उल्लंघन करके नेपाल या बांग्लादेश के माध्यम से भेजा जाता है।

बर्मा उड़द की कीमतें मुंबई में नरम, अन्य दालों के दाम स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से सोमवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में बर्मा की उड़द की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि अन्य दालों के दाम स्थिर बने रहे।

कोरोना के प्रतिबंधों और प्रमुख खपत केंद्रों में लॉकडाउन के कारण व्यापार सीमित मात्रा में हो रहा है, जिसके कारण दालों में थोक के साथ ही खुदरा बाजार में ग्राहकी कमजोर बनी हुई है।

मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव मुंबई में क्रमश: 6,900 रुपये और 6,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान आयात में अच्छी पैरिटी बनी हुई है।

मुंबई में लेमन अरहर के साथ अरुषा अरहर की कीमतें क्रमश: 6,200 रुपये और 6,075 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।

दाल मिलों की मांग कमजोर होने से कनाडा लाईन की मसूर के दाम मुंबई, कांडला, मुंद्रा और हजीरा बंदरगाह के साथ ऑस्ट्रेलिया की मसूर के भाव मुंबई में स्थिर बने रहे।

दाल मिलों की सीमित मांग से रुस के काबूली चना की कीमतें 5,200 रुपये, सूडान के काबलूी चना के दाम 4,850 से 5,000 रुपये और तंजानियां के चना के दाम 4,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जून वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 49 रुपये की तेजी आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 46 रुपये का सुधार आया।

28 मई 2021

अरहर और मसूर की कीमतें दिल्ली में तेज, उड़द एसक्यू में नरमी, बर्मा में उड़द तेज

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से शुक्रवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर के साथ ही मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई, जबकि उड़द एसक्यू के भाव नरम हो गए। उधर बर्मा में उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 30-30 डॉलर प्रति टन की तेजी आई।

स्थानीय मांग बढ़ने से बर्मा की लेमर अरहर की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6,540 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चेन्नई हाजिर में लेमन अरहर की कीमतें 50 रुपये बढ़कर 6,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। बर्मा लाईन की नई लेमन अरहर के आगे के सौदे जून-जुलाई शिपमेंट के करीब 100 रुपये तेज होकर भाव 6,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

बर्मा से अरहर नई और पुरानी के करीब 25 से 30 कंटेनरों का भारत के लिए व्यापार 670 डॉलर प्रति टन एफओबी के आधार पर हुआ।

आयातित मसूर का स्टॉक कम होने से एवं नीचे दाम पर मिलों की मांग सुधरने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 50-50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 6,600 से 6,625 रुपये और 6,750 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मसूर की आवक मंडियां बंद होने के साथ ही लॉकडाउन के कारण सीमित मात्रा में ही हो रही है जबकि आयात शुल्क ज्यादा होने के कारण आयात में पड़ते भी नहीं लग रहे हैं, ऐसे में मसूर की कीमतों मेंं नीचे भाव में मांग सुधरने की उम्मीद है। हालांकि, बाजार में इस बात का डर है कि कहीं सरकार जल्द ही मसूर पर आयात शुल्क कम कर सकती है या समाप्त कर सकती है।

बढ़े दाम पर मिलों की मांग कम होने एवं आगे चेन्नई में उड़द की आवक बढ़ने की संभावना से दिल्ली में बर्मा उड़द एसक्यू के दाम 50 रुपये घटकर 7,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि, एफएक्यू की कीमतें 6,950 रुपये प्रति​ क्विंटल पर स्थिर बनी रही। बर्मा से उड़द एफएक्यू-एसक्यू किस्मों के लगभग 50-50 कंटेनरों का भारत में (चेन्नई) पहुंच व्यापार क्रमश: 830 डॉलर एवं 940 डॉलर प्रति टन, सीएनएफ के आधार पर कारोबार हुआ।

बर्मा के स्थानीय व्यापारी के अनुसार, उड़द और अरहर में कोई भी बिकवाली नीचे दाम पर बिकवाली नहीं कर रहा है, क्योंकि स्थानीय मुद्रा, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूत है। निकट भविष्य में उड़द और अरहर की कीमतों में और तेजी आने की संभावना है।

इस बीच, कंटेनरों की कमी के कारण शुल्क अधिक है।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जून डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 44 रुपये की तेजी आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 41 रुपये का सुधार आया।

गेहूं की खरीद 400 लाख टन के पार, अभी तक की रिकार्ड

नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 27 मई 2021 तक देशभर की मंडियों से भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई ने 400.45 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जोकि अभी का रिकार्ड है। पिछले रबी सीजन की समान अवधि के 253.9 लाख टन की खरीद हुई थी, जब​कि इससे पहले रिकार्ड खरीद 2020-21 में कुल 389.92 लाख टन की खरीद हुई थी।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 132.1 लाख टन की है, जबकि हरियाणा से चालू रबी में 84.93 लाख टन और मध्य प्रदेश से 124.99 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है।

अन्य राज्यों में राजस्थान से चालू रबी में अभी तक 18.14 लाख टन और उत्तर प्रदेश से 36.55 लाख टन तथा अन्य राज्यों से 3.74 लाख टन गेहूं की खरीद एमएसपी पर की जा चुकी है।

केंद्र सरकार ने चालू रबी में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि पिछले रबी में एमएसपी 1,925 रुपये प्रति क्विंटल था।

27 मई 2021

मुंबई में दाल मिलों की मांग बढ़ने से आयातित दालों के दाम तेज

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से गुरूवार को मुंबई में आयातित दालों की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। हालांकि खुदरा के साथ ही थोक बाजारों में प्रोसेस दालों की मांग अभी भी कमजोर बनी हुई है।

व्यापारियों के अनुसार नीचे भाव में मांग निकलने से अगले महीने अरहर की कीमतों में हल्का सुधार बन सकता है, माना जा रहा है कि कोरोना के मामलों में आई कमी के कारण राज्य सरकारें लॉकडाउन में जून के पहले सप्ताह मेमं छूट देना शुरू कर देंगी।

दाल मिलों की मांग कमजोर होने से कनाडा लाईन की मसूर के दाम मुंबई, कांडला, मुंद्रा और हजीरा बंदरगाह के साथ ऑस्ट्रेलिया की मसूर के भाव मुंबई में 50 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। व्यापारी इस समय देखो ओर इंतजार करों की नीति का पालन कर रहे हैं क्योंकि बाजार में इस बात का डर बना हुआ है कि कहीं सरकार मसूर के आयात शुल्क में कमी या फिर समाप्त कर कर सकती है।

मुंबई में लेमन अरहर के साथ अरुषा अरहर की कीमतों में 100-100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,150 रुपये और 6,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

मिलों की मांग बढ़ने से बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की के दाम 100-100 रुपये तेज होकर क्रमश: 6,800 रुपये और 6,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। बर्मा उड़द की मौजूदा कीमतों में ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है क्योंकि जून और जुलाई शिपमेंट के सौदे नीचे दाम पर हो रहे है तथा करीब 1,700-1,800 कंटेनर लेकर 27 मई से 18 जून के बीच बर्मा से 8-9 सीधे जहाजों आने वाले हैं।

मुंबई में तजांनिया लाईन के चना के दाम 50 रुपये बढ़कर 4,850 से 4,900 रुपये, रुस के काबली चना के दाम भी 50 रुपये तेज होकर 5,150 रुपये और सूडान के काबूचना के दाम भी 50 रुपये तेज होकर 4,850 से 5,050 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।  

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जून वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 74 रुपये की तेजी आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 76 रुपये का सुधार आया।

26 मई 2021

मुंबई में मसूर की कीमतों में गिरावट, अरहर और उड़द के दाम स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से बुधवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में कनाडा के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि अरहर के साथ ही उड़द की कीमतें स्थिर बनी रही।

दिल्ली के साथ ही मध्य प्रदेश सरकार सरकार द्वारा व्यापारियों, मिल मालिकों और आयातकों को, केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए पोर्टल पर दलहन के स्टॉक की साप्ताहिक देने की घोषणा से, कीमतों पर दबाव बना है।

दाल मिलों की मांग कमजोर होने से कनाडा लाईन की मसूर के दाम मुंबई, कांडला, मुंद्रा और हजीरा बंदरगाह के साथ ऑस्ट्रेलिया की मसूर के भाव मुंबई में 50 रुपये प्रति क्विंटल नरम हो गए।

व्यापारी इस समय देखो ओर इंतजार करों की नीति का पालन कर रहे हैं क्योंकि बाजार में इस बात का डर बना हुआ है कि कहीं सरकार मसूर के आयात शुल्क में कमी या फिर समाप्त कर कर सकती है।

वैसे भी कोरोना मामलों के कारण दालों में व्यापार सीमित मात्रा में ही हो रहा है क्योंकि दालों के कई प्रमुख खपत केंद्रों पर पूर्ण लॉकडाउन के कारण मांग में कमी आई है।

मुंबई में लेमन अरहर के साथ अरुषा अरहर की कीमतें क्रमश: 6,000 रुपये और 5,850-5,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।

मिलों की मांग कमजोर होने के कारण बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की के दाम क्रमश: 6,700 रुपये और 6,600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। बर्मा उड़द की मौजूदा कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है क्योंकि जून और जुलाई शिपमेंट के सौदे नीचे दाम पर हो रहे है तथा करीब 1,700-1,800 कंटेनर लेकर 27 मई से 18 जून के बीच बर्मा से 8-9 सीधे जहाजों आने वाले हैं।

मिलों की कमजोर मांग से उड़द के दाम दिल्ली में घटे, अन्य दालों के दाम स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से बुधवार को दिल्ली के नया बाजार में बर्मा उड़द की कीमतों में गिरावट आई, जबकि अन्य दालों के दाम स्थिर बने रहे।

राज्य सरकार के खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग ने व्यापारियों, मिल मालिकों और आयातकों को केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए पोर्टल पर दालों की साप्ताहिक स्टॉक पोजीशन देने को कहा है जिससे दलहन की कीमतों पर दबाव है।

आयात पड़ते सस्ते होने के कारण बर्मा लाईन की एफएक्यू और एसक्यू उड़द के दाम 50-50 रुपये कम होकर भाव क्रमश: 6,800 रुपये और 7,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

घरेलू बाजार में बर्मा उड़द की मौजूदा कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है क्योंकि जून और जुलाई शिपमेंट के सौदे नीचे दाम पर हो रहे है तथा करीब 1,700-1,800 कंटेनर लेकर 27 मई से 18 जून के बीच बर्मा से 8-9 सीधे जहाजों आने वाले हैं। बर्मा स्थित व्यापारी के अनुसार, इस बीच, बर्मा में कोई भी बिकवाली सक्रिय नहीं है क्योंकि स्थानीय मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूत हुई है।

बर्मा की लेमन अरहर भाव 6,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। सरकार द्वारा अरहर, उड़द और मूंग के आयात को फ्री करने के बाद अगले महीने सस्ती दालों के आयात से कीमतों पर दबाव बना हुआ है।

चेन्नई हाजिर बाजार में लेमन अरहर की कीमतें 6,000 रुपये प्रति क्विंटल टिकी रही।

बर्मा लाईन की नई लेमन अरहर के आगे के सौदे जून-जुलाई शिपमेंट के करीब 6,150 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं।

आयातित मसूर का स्टॉक कम होने के बावजूद भी मिलों की मांग घटने से कनाडा लाईन की मसूर की मसूर के दाम 6,500 रुपये प्रति क्विंटल स्थिर बने रहे, जबकि मध्य प्रदेश की मसूर के दाम 6,650 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

मसूर की आवक मंडियां बंद होने के साथ ही लॉकडाउन के कारण सीमित मात्रा में ही हो रही है जबकि आयात शुल्क ज्यादा होने के कारण आयात में पड़ते भी नहीं लग रहे हैं, ऐसे में मसूर की कीमतों मेंं नीचे भाव में मांग सुधरने की उम्मीद है।

हालांकि, बाजार में इस बात का डर है कि कहीं सरकार जल्द ही मसूर पर आयात शुल्क कम कर सकती है या समाप्त कर सकती है।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जून डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें स्थिर बनी रही, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 7 रुपये का मंदा आया।

25 मई 2021

फसल सीजन 2020-21 में रिकार्ड 30.54 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन अनुमान

नई दिल्ली। फसल सीजन 2020-21 में देश में रिकार्ड 30.54 करोड़ टन खाद्यान्न के उत्पादन का अनुमान है जोकि पिछले फसल सीजन 2019-20 के 29.75 करोड़ टन से ज्यादा है।

कृषि मंत्रालय द्वारा जारी तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2020-21 में चावल के रिकार्ड उत्पादन अनुमान 12.14 करोड़ टन के साथ ही गेहूँ का भी रिकार्ड 10.87 करोड़ टन होने का अनुमान है। इसके अलावा इस दौरान मक्का का खरीफ और रबी सीजन को मिलाकर 302.4 लाख टन का रिकार्ड उत्पादन होने का अनुमान है। इसके साथ ही रबी दलहन की प्रमुख फसल चना का उत्पादन भी फसल सीजन 2020-21 में 126.1 लाख टन रिकार्ड होने का अनुमान हैं। तिलहन की फसल मूंगफली का उत्पादन अनुमान भी 101.2 लाख टन और रेपसीड एवं सरसों का भी 99.9 लाख टन रिकार्ड उत्पादन होने का अनुमान है।

मोटे अनाजों का उत्पादन 496.6 लाख टन होने का अनुमान है जिसमें ज्वार का उत्पादन 104.8 लाख टन और बाजरा का 209.5 लाख टन होने का अनुमान है।

मंत्रालय के अनुसार फसल सीजन 2020-21 में दालों का उत्पादन 255.8 लाख टन होने का अनुमान है जोकि इसके पिछले साल के 230.3 लाख टन से ज्यादा है। अरहर का उत्पादन अनुमान 41.4 ​लाख टन, उड़द का 23.7 लाख टन, मूंग का 26.4 लाख टन और मसूर का 12.6 लाख टन उत्पादन का अनुमान है।

तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार तिलहनी फसलों का उत्पादन फसल सीजन 2020-21 में 365.65 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले फसल सीजन 2019-20 के 332.19 लाख टन के मुकाबले ज्यादा है। ​इसमें मूंगफली का उत्पादन अनुमान 101.19 लाख टन, केस्टर सीड का 17.74 लाख टन, सोयाबीन का 134.14 लाख टन और सरसों का 99.87 लाख टन होने का अनुमान है।

उड़द एवं अरहर के दाम दिल्ली में घटे, कनाडा की मसूर के बढ़े

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मंगलवार को दिल्ली के नया बाजार में बर्मा उड़द के साथ ही अरहर की कीमतों में नरमी दर्ज की गई जबकि कनाडा की मसूर की कीमतों में तेजी आई।

बर्मा की लेमर अरहर की कीमतों में 100 रुपये का मंदा आकर भाव 6,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। सरकार द्वारा अरहर, उड़द और मूंग के आयात को फ्री करने के बाद अगले महीने सस्ती दालों के आयात से कीमतों पर दबाव बना हुआ है।

इसी तरह, चेन्नई हाजिर में लेमन अरहर की कीमतें 100 रुपये घटकर 6,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। बर्मा लाईन की नई लेमन अरहर के आगे के सौदे जून-जुलाई शिपमेंट के करीब 6,150 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं।

आयात पड़ते सस्ते होने के कारण बर्मा लाईन की एफएक्यू और एसक्यू उड़द के दाम 50-50 रुपये कम होकर भाव क्रमश: 6,850 रुपये और 7,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। घरेलू बाजार में बर्मा उड़द की मौजूदा कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है क्योंकि जून और जुलाई शिपमेंट के सौदे नीचे दाम पर हो रहे है तथा करीब 1,700-1,800 कंटेनर लेकर 27 मई से 18 जून के बीच बर्मा से 8-9 सीधे जहाजों आने वाले हैं। हालांकि, बर्मा स्थित व्यापारी के अनुसार, इस बीच, बर्मा में कोई भी बिकवाली सक्रिय नहीं है क्योंकि स्थानीय मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूत हुई है।

आयातित मसूर का स्टॉक कम होने से एवं नीचे दाम पर मिलों की मांग सुधरने से कनाडा लाईन की मसूर की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 6,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि मध्य प्रदेश की मसूर के दाम 6,650 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। मसूर की आवक मंडियां बंद होने के साथ ही लॉकडाउन के कारण सीमित मात्रा में ही हो रही है जबकि आयात शुल्क ज्यादा होने के कारण आयात में पड़ते भी नहीं लग रहे हैं, ऐसे में मसूर की कीमतों मेंं नीचे भाव में मांग सुधरने की उम्मीद है। हालांकि, बाजार में इस बात का डर है कि कहीं सरकार जल्द ही मसूर पर आयात शुल्क कम कर सकती है या समाप्त कर सकती है।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जून डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें में 37 रुपये की गिरावट आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 36 रुपये का मंदा आया।

24 मई 2021

गेहूं की सरकारी खरीद 388.94 लाख टन के पार, पिछले साल से 13.75 फीसदी ज्यादा

नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 23 मई 2021 तक देशभर की मंडियों से भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई ने 388.94 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जोकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि के 341.92 लाख टन से 13.75 फीसदी ज्यादा है।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 132.10 लाख टन की है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में राज्य से 125.68 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।

हरियाणा से चालू रबी में 84.93 लाख टन और मध्य प्रदेश से 118.18 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इन राज्यों से क्रमश: 74 लाख टन और 111.14 लाख टन की ही खरीद हो पाई थी।

अन्य राज्यों में राजस्थान से चालू रबी में अभी तक 16.68 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 33.69 लाख टन गेहूं की एमएसपी पर खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इन राज्यों से क्रमश: 10.61 और 19.76 लाख टन गेहूं खरीदा गया था।

गुजरात से चालू रबी में 48,901 टन, उत्तराखंड से 1.21 लाख टन, चंडीगढ़ से 16,943 टन, बिहार से 1.23 लाख टन, दिल्ली से 5,001 टन, हिमाचल प्रदेश से 7,224 टन और जम्मू-कश्मीर से 11,636 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है।

केंद्र सरकार ने चालू रबी में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि पिछले रबी में एमएसपी 1,925 रुपये प्रति क्विंटल था।

उड़द एवं अरहर के दाम दिल्ली में बढ़े, मसूर, चना और मूंग में मंदा

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से सोमवार को दिल्ली के नया बाजार में बर्मा उड़द के साथ ही अरहर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई जबकि मसूर, चना और मूंग की कीमतों में गिरावट आई।

दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से दिल्ली में बर्मा लाईन की नई लेमन अरहर की कीमतों में 100 रुपये की तेजी आकर भाव 6,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। व्यापारिक गतिविधियों कम होने के कारण चेन्नई हाजिर में लेमन अरहर की कीमतें 6,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। बर्मा लाईन की नई अरहर के आगे के सौदे जून-जुलाई शिपमेंट के करीब 6,300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं।

चेन्नई में दाम मजबूत होने के साथ ही हाजिर में स्टॉक कम होने से बर्मा लाईन की एफएक्यू और एसक्यू उड़द के दाम 100-100 रुपये तेज होकर क्रमश: 6,900 रुपये और 7,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 100-100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमशः 6,450 रुपये और 6,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गई, क्योंकि मिल की मांग कमजोर बनी रही।

वायदा में आई नरमी के साथ ही दाल मिलों की मांग कमजोर होने से दिल्ली में राजस्थानी चना के दाल 75 रुपये घटकर 7,375 रुपये एवं मध्य प्रदेश के चना के दाम भी 75 रुपये टूटकर 5,325 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मूंग की कीमतों में 50 रुपये का मंदा आकर दिल्ली में भाव 6,625 से 6,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जून डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें में 37 रुपये की गिरावट आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 36 रुपये का मंदा आया।

अरहर, उड़द के साथ ही मसूर के दाम मुंबई में कमजोर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से सोमवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में अरहर और उड़द के साथ ही कनाडा एवं आस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।

सरकार द्वारा हाल ही में दालों की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए उठाए गए कदमों के बाद से दलहन उद्योग में घबराहट देखी जा रही है। साबुत दालों के साथ-साथ ही प्रोसेस दाल की कीमतों में भी कमी आई है। जबकि पहले से ही, बढ़ते कोरोना के मामलों के कारण, कई प्रमुख खपत केंद्रों पर पूर्ण लॉकडाउन के कारण दाल की मांग में गिरावट आई थी। दालों में थोक साथ ही खुदरा में ग्राहकी सामान्य के मुकाबले कमजोर है।

आयातित हाजिर स्टॉक कम होने के बावजूद भी दाल मिलों की कमजोर मांग से मुंबई में लेमन अरहर की कीमतों में 50 रुपये का मंदा आकर भाव 6,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, इस बीच, आगे के व्यापार में, भारतीय खरीदार बर्मा से नई अरहर 2021 की खरीद कर रहे है, जिसके जून डिलीवरी और जुलाई शिपमेंट के भाव क्रमश: 6,150-6,250 रुपये प्रति क्विंटल हैं।

मिलों की मांग कमजोर होने के कारण बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 100-100 रुपये की गिरावट आकर भा क्रमश: 6,700 रुपये और 6,600 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गए। इस बीच आयात में अच्छे पड़ते लग रहे हैं तथा भारतीय खरीदार बर्मा से उड़द की जून और जुलाई शिपमेंट की खरीद सस्ते भाव पर कर रहे हैं।

कनाडा लाईन की मसूर के दाम मुंबई, कांडला, मुंद्रा और हजीरा बंदरगाह के साथ ऑस्ट्रेलिया की मसूर के भाव में मिलों की मांग कमजोर बनी रहने से 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। बाजार में व्यापारी इस समय देखो और प्रतीक्षा करों की नीति अपना रहे हैं, क्योंकि बाजार में इस बात का डर है कि कहीं सरकार जल्द ही मसूर पर आयात शुल्क कम कर सकती है या समाप्त कर सकती है।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जून वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 37 रुपये की नरमी आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 36 रुपये का मंदा आया।

22 मई 2021

उड़द, अरहर तथा मसूर की कीमतों में दिल्ली में मंदा, चना स्थिर और मूंग में सुधार

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से शनिवार को दिल्ली के नया बाजार में बर्मा उड़द के साथ ही अरहर और मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई जबकि चना के दाम स्थिर बने रहे तथा मूंग मेंं हल्का सुधार आया।

सरकार द्वारा अरहर, मूंग और उड़द के आयात पर प्रतिबंध हटाने से दालों की कीमतों पर प्रभाव पड़ा है, साबुत दालों के साथ प्रोसेस दालों की कीमतों में भी मंदा आया है, जिससे स्टॉकिस्टों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। मिल मालिकों, व्यापारियों और आयातकों के साथ ही सभी शेयरधारकों से दालों के स्टॉक की घोषणा करने के लिए केंद्र के कदम ने उद्योग में एक डर का माहौल पैदा कर दिया है। जबकि पहले से ही, बढ़ते कोरोना के मामलों के कारण, कई प्रमुख खपत केंद्रों पर पूर्ण लॉकडाउन के कारण दाल की मांग में गिरावट आई थी। दालों में थोक साथ ही खुदरा में ग्राहकी सामान्य के मुकाबले कमजोर है।

बर्मा लाईन की नई लेमन अरहर की कीमतों में 150 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। चेन्नई में आयातित स्टॉक कम होने के बावजूद भी बिकवाली जारी है, जबकि भारतीय खरीददार जून डिलीवरी के लिए अरहर की नई फसल के आयात सौदे सस्ती दरों पर कर रहे हैं।

व्यापारिक गतिविधियों कम होने के कारण चेन्नई हाजिर में लेमन अरहर की कीमतें 100 रुपये घटकर 6,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गई।

उड़द दाल में ग्राहकी कमजोर होने के कारण दिल्ली में बर्मा लाईन की एफएक्यू और एसक्यू उड़द के दाम 50—50 रुपये घटकर क्रमश: 6,800 रुपये और 7,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 50-100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमशः 6,550 रुपये और 6,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गई, क्योंकि मिल की मांग कमजोर बनी रही।

दिल्ली के लारेंस रोड पर राजस्थानी चना के दाम 5,425 से 5,450 रुपये और मध्य प्रदेश लाईन के चना के दाम 5,375 से 5,400 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

मूंग के दाम दिल्ली में 50 रुपये बढ़कर मध्य प्रदेश लाईन के 6,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।  

व्यापारी इस समय इंतजार करों एवं देखों की नीति अपना रहे हैं, क्योंकि बाजार में डर बना हुआ है कि कही सरकार मसूर पर आयात शुल्क कम ना कर दे।

गेहूं की सरकारी खरीद 382.35 लाख टन के पार, पिछले साल से 57.54 लाख टन ज्यादा

नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 20 मई 2021 तक देशभर की मंडियों से भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई ने 382.35 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जोकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि के 324.81 लाख टन से 57.54 लाख टन ज्यादा है।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 132.10 लाख टन की है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में राज्य से 124.78 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।

हरियाणा से चालू रबी में 84.93 लाख टन और मध्य प्रदेश से 115.95 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इन राज्यों से क्रमश: 74 लाख टन और 98.70 लाख टन की ही खरीद हो पाई थी।

अन्य राज्यों में राजस्थान से चालू रबी में अभी तक 15.42 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 30.85 लाख टन गेहूं की एमएसपी पर खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इन राज्यों से क्रमश: 8.95 और 17.71 लाख टन गेहूं खरीदा गया था।

गुजरात से चालू रबी में 48,901 टन, उत्तराखंड से 1.14 लाख टन, चंडीगढ़ से 16,943 टन, बिहार से 1.07 लाख टन, दिल्ली से 4,706 टन, हिमाचल प्रदेश से 6,419 टन और जम्मू-कश्मीर से 9,827 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है।

केंद्र सरकार ने चालू रबी में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि पिछले रबी में एमएसपी 1,925 रुपये प्रति क्विंटल था।

कनाडा और आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम मुंबई में कमजोर, अरहर और उड़द स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से शनिवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में कनाडा के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई जबकि अरहर के साथ ही बर्मा की उड़द के दाम स्थिर बने रहे।

व्यापारी इस समय इंतजार करो एवं देखों की नीति अपना रहे हैं, क्योंकि बाजार में इस बात का डर बना हुआ है कि सरकार जल्द ही मसूर पर आयात शुल्क कम कर सकती है या समाप्त कर सकती है। मिल मालिकों, व्यापारियों और आयातकों के साथ ही सभी शेयरधारकों से दालों के स्टॉक की घोषणा करने के लिए केंद्र के कदम ने उद्योग में एक डर का माहौल पैदा कर दिया है। जबकि पहले से ही, बढ़ते कोरोना के मामलों के कारण, कई प्रमुख खपत केंद्रों पर पूर्ण लॉकडाउन के कारण दाल की मांग में गिरावट आई थी। दालों में थोक साथ ही खुदरा में ग्राहकी सामान्य के मुकाबले कमजोर है।

कनाडा लाईन की मसूर के दाम मुंबई, कांडला, मुंद्रा और हजीरा बंदरगाह के साथ ऑस्ट्रेलिया की मसूर के भाव में मिलों की मांग कमजोर बनी रहने से 25-50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई।

दाल मिलों की सीमित मांग से बर्मा की लेमन अरहर और अरुषा अरहर की कीमतें क्रमश: 6,250 रुपये और 6,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी के दाम मुंबई में क्रमश: 6,800 रुपये और 6,700 रुपये प्रति क्विंटल पर टिके रहे।

व्यापारियों के अनुसार, दालों की कीमतों को आने वाले दिनों में सुधार आने की संभावना है क्योंकि कोरोना के मामलों में गिरावट आने के कारण राज्य सरकारें लॉकडाउन प्रतिबंधों में धीरे-धीरे छूट दे सकती हैं।

21 मई 2021

गुजरात सरकार ने मिलर्स, स्टॉकिस्ट एवं व्यापारियों से दलहन के स्टॉक की मांगी जानकारी

नई दिल्ली। राजस्थान के बाद अब गुजरात सरकार ने भी दालों की जमाखोरी रोकने के लिए दलहन के स्टॉक की जानकारी मांगी है। सूत्रों के अनुसार दालों के विक्रेताओं, मिल मालिकों व्यापारियों एवं आयातकों से दालों के स्टॉक की जानकारी दैनिक आधार पर पोर्टल पर अपडेट करने को कहां गया है तथा इस संबंध में राज्य सकरार ने आदेश भी जारी कर दिया है।

राज्य सरकार के ओदश के अनुसार विक्रेताओं, मिल मालिकों व्यापारियों एवं आयातकों को दलहन के स्टॉक कि जानकारी सरकारी पोर्टल पर दैनिक आधार पर अपडेट करनी होगी।

खरीफ फसलों की बुआई 80 लाख हेक्टेयर के पार, 21 फीसदी ज्यादा

नई दिल्ली। खरीफ फसलों की बुआई बढ़कर 80.46 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले खरीफ सीजन की तुलना में 21.10 फीसदी ज्यादा है, पिछले खरीफ की समान अवधि में फसलों की बुआई 66.44 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई थी।

कृषि मंत्रालय के अनुसार खरीफ की प्रमुख फसल धान की रोपाई चालू खरीफ में बढ़कर 39.61 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले खरीफ 34.35 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।

दालों की बुआई चालू खरीफ में बढ़कर 17.82 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इनकी बुआई 10.64 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई थी। खरीफ दलहन में मूंग की बुआई 14.45 लाख हेक्टेयर में, उड़द की 2.98 लाख हेक्टेयर में और अन्य दालों की 0.39 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 8.31, 2.01 और 0.32 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई थी।

मोटे अनाजों की बुआई चालू खरीफ में बढ़कर 12.15 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 11.67 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। मोटे अनाजों में मक्का की बुआई 7.85 लाख हेक्टेयर में और बाजरा की बुआई 3.42 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले खरीफ की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 7.23 और 3.46 लाख हेक्टेयर में हुई थी।

तिलहनी फसलों की बुआई चालू खरीफ में 10.87 लाख हेक्टेयर में हुई है जोकि पिछले खरीफ की समान अवधि के 9.78 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। मूंगफली की बुआई चालू खरीफ में 5.95 लाख हेक्टेयर में और शीसम सीड की बुआई 4.27 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है।

बर्मा उड़द और अरहर की कीमतों में दिल्ली में मंदा जारी, मसूर के दाम स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से शुक्रवार को दिल्ली के नया बाजार में बर्मा की उड़द के साथ ही अरहर की कीमतों में गिरावट जारी रही, जबकि मसूर के दाम स्थिर बने रहे।

सरकार द्वारा अरहर, मूंग और उड़द के आयात पर प्रतिबंध हटाने से दालों की कीमतों पर प्रभाव पड़ा है, साबुत दालों के साथ प्रोसेस दालों की कीमतों में भी मंदा आया है, जिससे स्टॉकिस्टों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। मिल मालिकों, व्यापारियों और आयातकों के साथ ही सभी शेयरधारकों से दालों के स्टॉक की घोषणा करने के लिए केंद्र के कदम ने उद्योग में एक डर का माहौल पैदा कर दिया है। जबकि पहले से ही, बढ़ते कोरोना के मामलों के कारण, कई प्रमुख खपत केंद्रों पर पूर्ण लॉकडाउन के कारण दाल की मांग में गिरावट आई थी। दालों में थोक साथ ही खुदरा में ग्राहकी सामान्य के मुकाबले कमजोर है।

बर्मा लाईन की नई लेमन अरहर की कीमतों में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,450 से 6,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। चेन्नई में आयातित स्टॉक कम होने के बावजूद भी बिकवाली बढ़ी है, जबकि भारतीय खरीददार जून डिलीवरी के लिए अरहर की नई फसल के आयात सौदे सस्ती दरों पर कर रहे हैं। व्यापारिक गतिविधियों कम होने के कारण चेन्नई हाजिर में लेमन अरहर की कीमतें 50 रुपये घटकर 6,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गई।

उड़द दाल में ग्राहकी कमजोर होने के कारण दिल्ली में बर्मा लाईन की एफएक्यू और एसक्यू उड़द के दाम 100-100 रुपये घटकर क्रमश: 6,850 से 6,900 रुपये और 7,250 से 7,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दिल्ली में कनाडा की मसूर के दाम 6,600 रुपये और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के भाव 6,850 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें में 44 रुपये की तेजी आई, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 47 रुपये का सुधार आया।

सरकार ने चीनी निर्यात पर सब्सिडी 6,000 रुपये से घटाकर 4,000 रुपये प्रति टन की

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को चीनी निर्यात पर सब्सिडी 6,000 रुपये प्रति टन से घटाकर 4,000 रुपये प्रति टन कर दी। यह कटौती वैश्विक बाजारों में कीमतों में आई तेजी को देखते हुए तत्काल प्रभाव से की गयी है।

सरकार ने चीनी मिलों की नकदी की स्थिति में सुधार तथा गन्ना किसानों को बकाये के भुगतान में उनकी मदद करने के इरादे से पेराई सीजन वर्ष 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान चीनी निर्यात पर 6,000 रुपये प्रति टन की दर से सब्सिडी तय की थी।

चीनी मिलों को पहली अक्टूबर 2020 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2020-21 में 60 लाख टन चीनी निर्यात करना है जिसमें से अब तक 57 लाख टन चीनी निर्यात के अनुबंध हो चुके हैं, अत: तय कोटे में से केवल 3 लाख टन चीनी का ही निर्यात बचा हुआ है।

सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार चीनी के दाम में वैश्विक बाजारों में आई मजबूती को देखते हुए तत्काल प्रभाव से चीनी निर्यात पर सब्सिडी 2,000 रुपये प्रति टन कम करके 4,000 रुपये प्रति टन कर दी है। तथा खाद्य मंत्रालय ने इस संदर्भ में 20 मई 2021 को अधिसूचना भी जारी कर दी। घटी हुइ सब्सिडी दर 20 मई 2021 या उसके बाद के निर्यात अनुबंधों पर लागू होगी।

जानकारों के अनुसार इससे भारत से चीनी निर्यात के निर्णय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। क्योंकि चीनी के वैश्विक स्तर पर बढ़ रहे है। कीमतों में तेजी का प्रमुख कारण विश्व स्तर पर चीनी की कमी को माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार अगर वैश्विक दाम और बढ़ेंगे तो, सरकार सब्सिडी में और कमी कर सकती है।

चीनी का उत्पादन बढ़कर चालू पेराई सीजन 2020-21 में देश में 300 लाख टन से ज्यादा का हो चुका है जोकि पेराई सीजन 2019-20 की समान अवधि के उत्पादन 274 लाख टन टन से भी अधिक है।

20 मई 2021

राजस्थान में दलहन के स्टॉक की जानकारी 21 मई तक देनी होगी

नई दिल्ली (कमोडिटीज कंट्रोल) जमाखोरी रोकने के लिए राजस्थान के खाद्य विभाग के अनुसार दलहन के स्टॉक की जानकारी देनी होगी। राज्य के खाद्य सचिव नवीन जैन के अनुसार दालों के विक्रेताओं, मिल मालिकों व्यापारियों एवं आयातकों को 20 मई की सायं तक उपलब्ध दालों के वास्तविक अंतिम स्टॉक की घोषणा 21 मई 2021 तक देनी होगी।

दालों का स्टॉक रजिस्टर को सत्यापित कराया जाना जरुरी है।

अरहर, उड़द के साथ ही चना और काबूली चना के दाम मुंबई में घटे

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से गुरूवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित अरहर, उड़द के साथ ही चना और काबूली चना की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।

अरहर, मूंग और उड़द के आयात पर प्रतिबंध हटाने के भारत सरकार के फैसले के बाद चना वायदा में गिरावट आई है, इसके साथ ही केंद्र सरकार ने स्टॉकहोल्डर्स को अपने स्टॉक की घोषणा करने और साप्ताहिक आधार पर कीमतों की निगरानी करने का निर्देश दिया है।

इसके अलावा, बढ़ते कोरोना के मामलों के कारण, कई प्रमुख खपत केंद्रों
पर पूर्ण लॉकडाउन के कारण दाल की मांग में गिरावट आई है। दालों में थोक साथ ही खुदरा में ग्राहकी सामान्य के मुकाबले कमजोर है।

दाल मिलों की खरीद कमजोर होने के कारण बर्मा की लेमन अरहर के की कीमतों में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, इस बीच नई फसल लेमन अरहर के आगे के जून डिलीवरी के सौदे 6,300-6,350 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुए। अरुष अरहर के दाम 6,150 रुपये प्रति क्विंटल प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

मिलों की सुस्त मांग के कारण बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 100-100 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 6,900 रुपये और 6,800 प्रति क्विंटल रह गए। इस बीच आयात में अच्छी समानता देखने को मिली।

बढ़े भाव में दाल मिलों की मांग कमजोर होने से मुंबई में तंजानिया लाईन के चना के साथ ही सूडान एवं रूस के काबुली चना की कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।

बाजार में इस बात का डर बना हुआ है कि सरकार चना पर आयात सीमा शुल्क कम कर सकती है।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 5 रुपये की तेजी आई, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसके भाव में 6 रुपये का सुधार आया।

टीएनसीएससी ने 20,000 टन अरहर दाल/मसूर दाल खरीदने के लिए निविदा जारी की

नई दिल्ली। तमिलनाडु नागरिक आपूर्ति निगम (टीएनसीएससी) ने 20,000 टन दो तरह की दालों अरहर दाल (Split - Husked & Fatka) और कनाडा की पीली मसूर (Split – Husked & Laired No.2) में से किसी एक की खरीद के लिए ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक निविदा आमंत्रित की है, जोकि एगमार्क होनी चाहिए।

निविदा ऑनलाइन जमा करने की अंतिम तिथि 26.5.2021 है।

ग्वार गम उत्पादों का निर्यात वित्त वर्ष 2020-21 में 38 फीसदी घटकर 2.34 लाख टन हुआ

नई दिल्ली। कोविड -19 महामारी के के कारण अमेरिका और अन्य देशों की मांग में कमी आने के कारण वित्त वर्ष 2020-21 में देश से ग्वारगम उत्पादों का निर्यात 38 फीसदी से अधिक घटकर 2.34 लाख टन का ही हुआ।

कोविड -19 महामारी के कारण, तेल अन्वेषण क्षेत्र से ग्वारगम पाउडर की मांग कम रही, यही कारण है कि सबसे बड़े निर्यातक भारत से ग्वार गम उत्पादों के निर्यात में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में गिरावट आई है।

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में भारत का ग्वारगम निर्यात 2,34,821 टन हुआ, जो एक साल पहले की इसी अवधि के 3,81,878 टन के मुकाबले कम है। देश से ग्वारगम उत्पादों का निर्यात पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 1.47 लाख टन या 38.50 कम हुआ।

एपीडा के आंकड़ों के मुताबिक, मूल्य के हिसाब से देश का ग्वारगम उत्पादों का निर्यात वित्त वर्ष 2020-21 में 42.44 फीसदी घटकर 1,120 मिलियन डॉलर रह गया। अमेरिका भारत से ग्वारगम उत्पादों के सबसे बड़े खरीदारों में से एक है क्योंकि यह तेल और गैस निकालने के लिए हाइड्रोलिक फ्रैक्चरिंग प्रक्रिया में ग्वार गम पाउडर का उपयोग करता है।

19 मई 2021

मध्य प्रदेश में चना की समर्थन मूल्य पर खरीद अब 05 जून तक

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में चना की न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर खरीद की तारिख को राज्य सरकार ने बढ़ाकर 05 जून 2021 तक कर दिया है, जबकि एमएसपी पर खरीद की अंतिम तिथि 15 मई 2021 तक थी। राज्य के किसानों की मांग पर यह निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में किसी भी किसान का चना समर्थन मूल्य से नीचे नहीं बिकने देंगे। उन्होंने संबंधित विभागों को बढ़ाई गई तिथि के अनुसार व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 के लिए केंद्र सरकार ने चना एमएसपी 5,100 रुपये प्र​ति क्विंटल तय किया हुआ है।

घरेलू बाजार में दाम तेज होने से अप्रैल में डीओसी का निर्यात मार्च के मुकाबले घटा

नई दिल्ली। घरेलू बाजार में कीमतें तेज होने के कारण अप्रैल-21 में डीओसी का निर्यात, मार्च-21 के मुकाबले कम हुआ है। अप्रैल में देश से 303,458 टन डीओसी का ही निर्यात हो पाया है, जबकि मार्च में इसका निर्यात 321,435 टन का और फरवरी में 393,309 टन का हुआ था।

साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार घरेलू बाजार में कीमतें ज्यादा होने के कारण डीओसी के निर्यात में कमी आई है। वर्ष 2020-21 डीओसी के निर्यात के लिए एक अच्छा साल रहा है, जिसमें निर्यात इसके पिछले साल के 24.3 लाख टन से बढ़कर 36.8 लाख टन का हुआ है, जबकि मूल्य के हिसाब से यह लगभग दोगुना हुआ है। वर्ष 2019-20 में देश से 4,450 करोड़ रुपये का डीओसी का निर्यात हुआ था, जोकि ​वर्ष 2020-21 में बढ़कर 8,850 करोड़ रुपये का हो गया।  चालू वर्ष (2021-22) में, पहली छमाही के दौरान निर्यात कम होने की संभावना है क्योंकि सोयाबीन की कीमतें घरेलू बाजार में उच्चस्तर पर होने के कारण भारतीय डीओसी अंतरराष्ट्रीय बाजार में पूरी तरह से बाहर है। ऐसा लगता है कि सोयाबीन डीओसी के कम निर्यात को देखते हुए घरेलू पशुआहार उद्योग के लिए डीओसी की उपलब्धता अधिक होगी। सरसों डीओसी का निर्यात पिछले वर्ष के समान ही होने की संभावना है, क्योंकि भारत दक्षिण कोरिया, वियतनाम, थाईलैंड और अन्य सुदूर पूर्व के देशों के लिए प्रतिस्पर्धी आपूर्तिकर्ता है। भारत ने 2020-21 के दौरान 5.76 लाख टन राइसब्रान डीओसी की रिकॉर्ड मात्रा का निर्यात किया था, इसकी वजह बंग्लादेश में चावल की फसल कम होने के कारण मांग में तेजी आई थी। कैस्टर डीओसी का निर्यात भी पिछले साल की समान अ​वधि के बराबर ही होने की संभावना है।

सोया डीओसी का मूल्य भारतीय बंदरगाह पर अप्रैल-21 में बढ़कर 781 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि मार्च में इसका दाम 579 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से सरसों डीओसी का मूल्य अप्रैल में बढ़कर 311 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि मार्च में इसका भाव 274 डॉलर प्रति टन था। केस्टर डीओसी का भाव भारतीय बंदरगाह पर मार्च के 67 डॉलर प्रति टन से बढ़कर मार्च में 72 डॉलर प्रति टन हो गया।

बर्मा उड़द के साथ अरहर की कीमतों में दिल्ली में गिरावट, मसूर के दाम स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से बुधवार को दिल्ली के नया बाजार में बर्मा की उड़द के साथ ही अरहर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई जबकि मसूर के दाम स्थिर बने रहे।

खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अरहर, उड़द और मूंग के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दिए जाने के बाद से दलहन की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। केंद्र सरकार ने ट्रेडर्स, मिलर्स और आयातकों के पास दलहन के स्टॉक का ब्यौरा भी मांगा है। कोरोना के मामलों के कारण व्यापार कम हो रहा है जबकि दालों के कई प्रमुख खपत केंद्रों में पूर्ण तालाबंदी के परिणामस्वरूप भी मांग में गिरावट आई है। कुल मिलाकर दालों में खुदरा के साथ ही थोक मांग कमजोर है।

बर्मा लाईन की नई लेमन अरहर की कीमतों 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। व्यापारिक गतिविधियों कम होने के कारण चेन्नई हाजिर में लेमन अरहर की कीमतें 6,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। हरियाणा लाईन की नई अरहर के दाम भी मांग कमजोर होने से 5,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

उड़द दाल में ग्राहकी कमजोर होने के कारण दिल्ली में बर्मा लाईन की एफएक्यू और एसक्यू उड़द के दाम 50 से 100 रुपये घटकर क्रमश: 7,150 से 7,200 रुपये और 7,550 से 7,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दिल्ली में मध्य प्रदेश की मसूर के दाम 6,800 रुपये और कनाडा लाईन की मसूर के भाव 6,625 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।  

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें में 32 रुपये की तेजी आई, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 6 रुपये का सुधार आया।

आयातित अरहर के दाम मुंबई में घटे, चना और काबूली चना में सुधार, उड़द के दाम स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से बुधवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित अरहर की कीमतों में गिरावट आई, जबकि चना और काबूली चना की कीमतों में सुधार देखा गया। उड़द की कीमतें स्थिर बनी रही।

बढ़ते कोरोना के मामलों के कारण, कई प्रमुख खपत केंद्रों पर पूर्ण लॉकडाउन के कारण दाल की मांग में गिरावट आई है। दालों में थोक साथ ही खुदरा में ग्राहकी सामान्य के मुकाबले कमजोर है।

दाल मिलों की खरीद कमजोर होने के कारण बर्मा की लेमन अरहर के साथ ही अरुषा अरहर की कीमतों में 50 से 100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमशः 6,300 रुपये और 6,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

अरहर, मूंग और उड़द के आयात पर प्रतिबंध हटाने के भारत सरकार के फैसले के बाद दालों की कीमतों पर दबाव है, इसके साथ ही केंद्र सरकार ने ट्रेडर्स, मिलर्स और आयातकों के पास दलहन के स्टॉक का ब्यौरा भी मांगा है। जानकारों के अनुसार सरकार कोरोना आपदा में सप्लाई आर डिमांड पर नजर रख रही है।

नीचे दाम पर दाल मिलों की मांग निकलने से मुंबई में तंजानिया लाईन के चना के साथ ही सूडान एवं रूस के काबुली चना की कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी दर्ज की गई। तंजानिया के चना का भाव मुंबई में 4,950 रुपये, रुस के काबूली चना का 5,250 रुपये और सूडान के काबूली चना का दाम 4,950 से 5,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।

मुंबई में एफएक्यू उड़द नई के दाम 7,000 और पुरानी के 6,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।  

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 32 रुपये की तेजी आई, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसके भाव में दो रुपये का सुधार आया।

18 मई 2021

चक्रवात ताक्ते से गुजरात की मूंग, उड़द की बंपर फसल को भारी नुकसान की आशंका

नई दिल्ली। गुजरात में चक्रवाती तूफान ताक्ते से मूंग और उड़द की फसल को भारी नुकसान होने की आशंका है। गंभीर चक्रवाती तूफान जो वर्तमान में वेरावल से लगभग 700 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में केंद्रित है - गर्मियों में तैयार होने वाली मूंग और उड़द की फसल कटाई के लिए तैयार है।

सौराष्ट्र के तटीय जिलों में ज्यादात    र किसान तिल, मूंग, उड़द, बाजरा और मूंगफली उगाते हैं। किसानों ने तिल, मूंग के साथ ही उड़द और बाजारा की फसल को भी चक्रवात से नुकसान होने की आशंका जाहिर की है।

पिछले साल अच्छे मॉनसून के बाद पानी की उपलब्धता अच्छी होने के कारण गुजरात में गर्मियों की फसलों की अच्छी बुआई हुई है। 10 मई, 2021 तक मूंग का रकबा लगभग 59,200 हेक्टेयर और उड़द का लगभग 17,900 हेक्टेयर है।

मूंग उत्पादकों के लिए बहुत कुछ दांव पर है क्योंकि वे अच्छी फसल और बेहतर रिटर्न की उम्मीद कर रहे थे क्योंकि मूंग के क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है।

प्रमुख बाजारों में देसी के साथ ही आयातित अरहर की कीमतों में मंदा, चना और मसूर भी नरम

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से प्रमुख बाजारों में मंगलवार को देसी अरहर की कीमतों में क्वालिटीनुसार 50 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई, दिल्ली में चना के साथ ही मसूर की कीमतों में भी मंदा आया।

खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अरहर, उड़द और मूंग के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दिए जाने के बाद से दलहन की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देश दिया है कि स्टॉकहोल्डर्स अपने स्टॉक की घोषणा करें और साप्ताहिक आधार पर कीमतों की निगरानी भी करें।

मुंबई में दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से लेमन अरहर और अरुषा अरहर की कीमतें 50 से 100 रुपये घटकर भाव क्रमश: 6,400 और 6,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। बर्मा में, अरहर लेमन और लिंकी किस्मों की कीमतें आज स्थिर बनी रही क्योंकि भारत से आज कोई नई खरीद नहीं देखी गई। बर्मा में, अरहर का स्टॉक लगभग 2.5 लाख टन का है, जिसमें से पुरानी अरहर का स्टॉक लगभग 50,000 टन और नई का लगभग 2 लाख टन है।

हालांकि, अरहर में नीचे दाम पर मांग निकलने की संभावना है क्योंकि कम पैदावार और सरकार के पास स्टॉक कम होने के कारण अरहर के फंडामेंटल मजबूत हैं। हालांकि, विदेशी आयात नियमित अंतराल पर पहुंचेगा। जून में लगभग 30,000-40,000 टन सूडान की नई अरहर और 20,000-25,000 टन अफ्रीका की पुरानी अरहर का आयात होने की उम्मीद है।

चना की कीमतों में दिल्ली में 100 रुपये का मंदा आकर राजस्थानी चना के दाम 5,350 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के भाव 5,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मसूर की कीमतों में 100 रुपये का मंदा आकर भाव 6,750 से 6,775 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

उड़द एसक्यू के दाम मुंबई में 50 रुपये घटकर 6,950 रुपये प्रति क्विंटल रह गए जबकि एफएक्यू के दाम 6,600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दिल्ली में मसूर की कीमतों में मंदा, अरहर और उड़द के स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मंगलवार को दिल्ली के नया बाजार में कनाडा और मध्य प्रदेश की मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई जबकि अरहर के साथ ही उड़द की कीमतें स्थिर बनी रही।

खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अरहर, उड़द और मूंग के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दिए जाने के बाद से दलहन की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देश दिया है कि स्टॉकहोल्डर्स अपने स्टॉक की घोषणा करें और साप्ताहिक आधार पर कीमतों की निगरानी भी हो।

बाजार के लोग इस बात से डर रहे हैं कि सरकार मसूर पर आयात सीमा शुल्क को भी आगे चलकर कम कर सकती है। कोरोना के मामलों के कारण व्यापार कम हो रहा है जबकि दालों के कई प्रमुख खपत केंद्रों में पूर्ण तालाबंदी के परिणामस्वरूप भी मांग में गिरावट आई है। कुल मिलाकर दालों में खुदरा के साथ ही थोक मांग कमजोर है।

हालांकि प्रतिबंधों के साथ ही मंडियां बंद होने के कारण दालों की आवक भी कम हो रही है, जिस कारण मौजूदा कीमतों में बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं है, क्योंकि स्टॉकिस्ट और मिलर्स इन भाव में बिकवाली नहीं कर रहे हैं।

दाल मिलों की मांग सीमित होने के कारण दिल्ली में बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव क्रमश: 7,200 और 7,650 से 7,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दाल मिलों की खरीद कम होने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 50-100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,650 रुपये और 6,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। देशभर की मंडियां लॉकउाडन या फिर स्वयं बंद होने के कारण मसूर की दैनिक आवक कम हो रही है जबकि आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। बड़े खरीददार तथा स्टॉकिस्ट, जिनके पास मसूर का बकाया स्टॉक है, वह नीचे दाम पर बिकवाली नहीं कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में मसूर की कीमतें बढ़कर 880 से 900 डॉलर प्रति टन सीएंडएफ हो गई है।

लेमन अरहर के दाम दिल्ली में नई के 6,600 रुपये और पुरानी के 6,300 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए, जबकि हरियाणा लाईन की अरहर के दाम 5,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें में 143 रुपये की गिरावट आई, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 145 रुपये का मंदा आया।

17 मई 2021

गेहूं की सरकारी खरीद 371.92 लाख टन के पार, पिछले साल से 25 फीसदी ज्यादा

नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 16 मई 2021 तक देशभर की मंडियों से भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई ने 371.92 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जोकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि के 296.70 लाख टन से 25.35 फीसदी ज्यादा है।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 132.10 लाख टन की है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में राज्य से 122.49 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।

हरियाणा से चालू रबी में 84.76 लाख टन और मध्य प्रदेश से 111 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इन राज्यों से क्रमश: 65.11 लाख टन और 86.08 लाख टन की ही खरीद हो पाई थी।

अन्य राज्यों में राजस्थान से चालू रबी में अभी तक 14.70 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 27.08 लाख टन गेहूं की एमएसपी पर खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इन राज्यों से क्रमश: 7 लाख टन और 15.43 लाख टन गेहूं खरीदा गया था।

गुजरात से चालू रबी में 48,901 टन, उत्तराखंड से एक लाख टन, चंडीगढ़ से 16,943 टन, बिहार से 44,636 टन, दिल्ली से 4,524 टन, हिमाचल प्रदेश से 4,970 टन और जम्मू-कश्मीर से 7,438 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है।

केंद्र सरकार ने चालू रबी में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि पिछले रबी में एमएसपी 1,925 रुपये प्रति क्विंटल था।

केंद्र ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से दालों के स्टॉक और कीमतों की निगरानी करने को कहा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार दलहन कीमतों को पूरी तरह से सजग है, यही कारण की सरकार ने 15 मई 2021 को अरहर, उड़द और मूंग को प्रतिबंधित श्रेणी से हटा दिया था, साथ ही आज केंद्र सरकार ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से सभी स्टॉकहोल्डर्स मिल मालिकों, व्यापारियों, आयातकों आदि को दालों के स्टॉक की घोषणा करने का निर्देश देने को कहा है और इसे राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा सत्यापित किया जा सकता है।

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से साप्ताहिक आधार पर दालों के स्टॉक और कीमतों की निगरानी करने का अनुरोध किया है।

केंद्र सरकार ने राज्यों से आम लोगों को उचित मूल्य पर अनुसूचित आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसी अधिनियम), 1955 के प्रावधानों का उपयोग करने के लिए भी कहा है।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने आज मिल मालिकों, आयातकों, व्यापारियों आदि जैसे स्टॉकहोल्डर्स द्वारा दालों के स्टॉक का खुलासा करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आज खाद्य, नागरिक आपूर्ति और विभाग के प्रमुख सचिवों के साथ एक बैठक आयोजित की गई।

चीनी का उत्पादन 303.60 लाख टन के पार, पिछले पेराई सीजन से 14 फीसदी ज्यादा

नई दिल्ली। चालू पेराई सीजन 2020-21 के पहले सात महीनों में पहली अक्टूबर 2020 से 15 मई 2021 तक चीनी का उत्पादन 14.42 फीसदी बढ़कर 303.60 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान केवल 265.32 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। विदेशी बाजार में दाम तेज होने से चालू पेराई सीजन में 57 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे भी हो चुके हैं।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में 25 मई 2021 तक 106.16 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 61.35 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था। राज्य में 5 चीनी मिलों में पेराई चल रही है, जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल एक मिल में पेराई चल रही थी।

उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में 120 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी, जिसमें से 99 मिलों में पेराई बंद हो चुकी है। राज्य में 15 मई 2021 तक 108.70 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि के 122.28 लाख टन से 13.58 लाख टन कम है।

कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में 15 मई तक 41.67 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 33.82 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। राज्य की 66 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी, जोकि लगभग बंद हो चुकी है। अब केवल दक्षिण कर्नाटक में कुछ मिलें विशेष सत्र की पेराई कर रही हैं तथा पेराई पेराई सीजन में विशेष सत्र में 1.12 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।

गुजरात में चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 10.17 लाख टन और  तमिलनाडु में 6.33 लाख टन चीनी का उत्पादन 15 मई 2021 तक हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में इन राज्यों में क्रमश: 9.32 लाख टन और 5.80 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। पिछले साल तमिलनाडु में विशेष सत्र के दौरान 2 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।

देश के अन्य राज्यों आंध्रप्रदेश और तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा में 15 मई 2021 तक 30.57 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।

चालू पेराई सीजन में 15 मई 2021 तक देश से करीब 57 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हो चुके हैं, जोकि कुल निर्यात कोटा का 95 फीसदी है। केंद्र सरकार ने चालू पेराई सीजन में 60 लाख टन चीनी का निर्यात कोटा तय किया हुआ है। सूत्रों के अनुसार विदेशी बाजार में दाम तेज होने से मिलों को निर्यात में अच्छी पैरिटी लग रही है।

मुंबई में प्रमुख दालों की कीमतों में मंदा, केंद्र के शुल्क मुक्त आयात से कीमतों पर दबाव

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के साथ ही केंद्र सरकार द्वारा अरहर, उड़द और मूंग के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दिए से सोमवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में सभी प्रमुख दालों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।

इसके अलावा, चक्रवात ताक्ते के कारण मुंबई में अलर्ट के कारण व्यापार भी सीमित मात्रा में ही हुआ, जबकि कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए, देश के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन लागू होने की वजह से दालों की मांग में कमी आई है, क्योंकि लॉकडाउन होने के कारण दालों खुदरा मांग भी प्रभावित हुई है।

हालांकि साबूत दालों की आवक भी लॉकडाउन या मंडियां बंद होने के कारण नहीं हो रही है, इसलिए मौजूदा कीमतों में बड़ी गिरावट की उम्मीद भी कम है।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से लेमन अरहर के भाव में 100 रुपये का मंदा आकर भाव 6,500 रुपये और अरुषा अरहर की कीमतों में 150 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

बढ़े भाव में मांग कमजोर होने से तंजानिया लाईन के चना के साथ-साथ सूडान और रूस के काबुली चना में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। तंजानिया चना के भाव मुंबई में 5,000 रुपये, रुस के काबूली चना के 5,300 रुपये और सूडान के काबूली चना के दाम 5,000 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 94 रुपये का मंदा आया, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसके भाव में 82 रुपये की गिरावट आई।

15 मई 2021

बर्मा उड़द के साथ ही कनाडा, आस्ट्रलियाई मसूर के दाम मुंबई में बढ़े, अरहर एवं चना के दाम स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से शनिवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में बर्मा उड़द के साथ ही कनाडा और आस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई, जबकि अरहर एवं चना के दाम स्थिर बने रहे।

निकट भविष्य में आपूर्ति नहीं होने के साथ ही मिलों की मांग बढ़ने से बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 50—50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,650 रुपये और 7,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। व्यापारियों-मिलरों को आयात लाइसेंस के आवंटन में देरी होने की उम्मीद है क्योंकि मद्रास उच्च न्यायालय ने 28 जून, 2021 तक स्टे लगा रखा है।

आयातित स्टॉक कम होने एवं मिलों की मांग बढ़ने से कनाडा लाईन की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव मुंबई में 100 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। मिलर्स और स्टॉकिस्ट जिनके पास मसूर का स्टॉक है, उनकी बिकवाली नहीं आ रही है। जबकि, देश भर की मंडियां बंद होने से मसूर की आवक नहीं के बराबर हो रही है, साथ ही पड़ते नहीं लगने के कारण अभी आयातित मसूर नहीं आयेगी।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में मसूर की कीमतें बढ़कर 825 से 840 डॉलर प्रति टन सीएंडएफ हो गई हैं।

हालांकि, बाजार के लोग इस डर से सतर्क है कि सरकार मसूर पर आयात सीमा शुल्क को कम कर सकती है।

दाल मिलों की सीमित मांग बनी रहने से लेमन अरहर के दाम 6,600 रुपय और अरुषा अरहर के 6,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

तंजानिया के चना के भाव मुंबई में 5,100 रुपये, रुस का 5,400 रुपये और सूडान के चना का भाव 5,100 से 5,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बना रहा।

14 मई 2021

केरल में 31 मई को पहुंचेगा मानसून, सामान्य बारिश होने का अनुमान — आईएमडी

नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग, (आईएमडी) के अनुसार अनुसार इस साल दक्षिण पश्चिम मानसून केरल के तट पर 31 मई को पहुंचने का अनुमान है। मौसम विभाग ने इस साल मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान सामान्य बरसात की होने की संभावना जताई है और सामान्य से कम बरसात की आशंका कम है। मौसम विभाग के अनुसार इस साल मानसून सीजन के दौरान 96-104 फीसदी बरसात होने की संभावना है।

केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून समय पूर्व 31 मई को पहुंच सकता है। आमतौर पर राज्य में मानसून एक जून को आता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से बताया गया कि इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में 31 मई 2021 को पहुंच सकता है।

भारतीय मानसून क्षेत्र में, मानसून की शुरुआती बारिश दक्षिण अंडमान सागर से होती है और उसकी बाद मानसूनी हवाएं उत्तर पश्चिम दिशा में बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ती हैं। मानसून की नई सामान्य तारीखों के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून 22 मई के आसपास अंडमान सागर में पहुंचेगा। विभाग ने इस वर्ष मानसून सामान्य रहने का अनुमान जताया है। सामान्य मानसून से खरीफ फसलों को फायदा होगा, क्योंकि खरीफ सीजन में धान और गन्ने को छोड़ अन्य फसलों के उत्पादन अनुमान में मानसून की भूमिका अहम होती है। अत: सामान्य मानसून से खरीफ फसलों के उत्पादन अनुमान में बढ़ातरी की संभावना है।

मानसून की शुरुआती बारिश दक्षिण अंडमान सागर से होती है और उसकी बाद मानसूनी हवाएं उत्तर पश्चिम दिशा में बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ती हैं। मानसून की नई सामान्य तारीखों के मुताबिक दक्षिणपश्चिम मानसून 22 मई के आसपास अंडमान सागर में पहुंचेगा।

मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बीते अप्रैल में बताया था कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के इस साल सामान्य रहने की संभावना है। जून से सितंबर तक सामान्य बारिश होगी। मौसम विभाग के अनुसार मानसून की लंबी अवधि का औसत (एलपीए) 98 फीसदी होगा, जो सामान्य श्रेणी में आता है।

इस साल मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है, जोकि ​देश के किसानों के साथ ही अच्छी खबर है। एलपीए के 96-104 फीसदी के बीच वर्षा को सामान्य माना जाता है। आईएमडी ने आज 2021 दक्षिण पश्चिम मानसून वर्षा के लिए फर्स्ट स्टेज लॉन्ग रेंज पूर्वानुमान जारी किया है। पूरे देश में मौसमी वर्षा (जून से सितंबर) लंबी अवधि के औसत से 96 से 104 फीसदी के साथ सामान्य रहने की संभावना है।

दाल मिलों की मांग बढ़ने से दिल्ली में उड़द और मसूर में तेजी, चना नरम और अरहर स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से शुक्रवार को दिल्ली के नया बाजार में उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई जबकि चना की कीमतों में तेजी आई। अरहर के दाम दिल्ली में स्थिर बने रहे।

चेन्नई से मिले मजबूत संकेतों और निकट भविष्य में विदेश से आपूर्ति की उम्मीद नहीं होने के कारण, दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,900 रुपये और 8,400-8,450 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

केंद्र ने वित्त वर्ष 2020-21 की बची हुई 1.50 लाख टन उड़द के आयात की समयसीमा को बढ़ाकर 15 मई 2021 कर दिया है। पहले इसे अप्रैल 2021 तक बढ़ाया था। उड़द के आयात में देरी की आशंका है, क्योंकि मद्रास उच्च न्यायालय ने 28 जून, 2021 तक डीजीएफटी द्वारा दलहन के आयात कोटा लाइसेंस के खिलाफ स्टे आर्डर दिया है।

मध्य प्रदेश और कनाडा लाईन की मसूर की कीमत 50-150 रुपये बढ़कर क्रमश: 7,000 रुपये और 6,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। बड़े खरीददार तथा स्टॉकिस्ट, जिनके पास मसूर का बकाया स्टॉक है, वह नीचे दाम पर बिकवाली नहीं कर रहे हैं। वैसे भी, देशभर की मंडियां लॉकउाडन या फिर स्वयं बंद होने के कारण मसूर की दैनिक आवक कम हो गई है जबकि आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में मसूर की कीमतें बढ़कर 825 से 840 डॉलर प्रति टन सीएंडएफ हो गई है।

हालांकि, बाजार के लोग इस बात से डर रहे हैं कि सरकार मसूर पर आयात सीमा शुल्क को कम कर सकती है।

चना की कीमतों में 25 रुपये की नरमी आकर राजस्थान लाईन के चना का भाव 5,575 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 5,500 से 5,525 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

बर्मा लाईन की नई अरहर के दाम दिल्ली में 7,000 रुपये और पुरानी के भाव 6,600 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। हरियाणा लाईन की अरहर के दाम 6,200 रुपये और महाराष्ट्र लाईन की अरहर के भाव 7,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें में 38 रुपये की गिरावट आई, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 18 रुपये का मंदा आया।

कनाडा एवं आस्ट्रलियाई मसूर मुंबई में लगातार दूसरे दिन तेज, अरहर और उड़द के दाम स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से शुक्रवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में कनाडा के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतों में लगातार दूसरे दिन भी तेजी दर्ज की गई जबकि अरहर के साथ ही उड़द और चना तथा काबूली चना के दाम स्थिर बने रहे।

आयातित स्टॉक कम होने एवं मिलों की मांग बढ़ने से कनाडा लाईन की मसूर के दाम  मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव मुंबई में 150 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए।

मिलर्स और स्टॉकिस्ट जिनके पास मसूर का स्टॉक है, उनकी बिकवाली नहीं आ रही है। जबकि, देश भर की मंडियां बंद होने से मसूर की आवक नहीं के बराबर हो रही है, साथ ही पड़ते नहीं लगने के कारण अभी आयातित मसूर नहीं आयेगी।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में मसूर की कीमतें बढ़कर 825 से 840 डॉलर प्रति टन सीएंडएफ हो गई।

हालांकि, बाजार के लोग इस डर से सतर्क है कि सरकार मसूर पर आयात सीमा शुल्क को कम कर सकती है। इसके अलावा, बढ़ते कोरोना के मामलों के कारण, कई प्रमुख खपत केंद्रों पर पूर्ण लॉकडाउन के कारण दाल की मांग में गिरावट आई है। दालों में थोक साथ ही खुदरा में ग्राहकी सामान्य के मुकाबले कमजोर है।

दाल मिलों की मांग सीमित होने से बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी के दाम क्रमश: 7,600 और 7,500 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

​लेमन अरहर के दाम मिलों की मांग कमजोर होने से मुंबई में 6,600 रुपये और अरुषा अरहर के 6,350 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

तंजानिया के चना के दाम मुंबई में 5,100 रुपये तथा रुस के काबूली चना के भाव 5,400 रुपये और सूडान के काबूली चना के दाम 5,100 से 5,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 24 रुपये की तेजी आई, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसके भाव में 20 रुपये का सुधार आया।

13 मई 2021

टीएनसीएससी ने 10,556 टन उड़द दाल और 5,278 टन चना दाल खरीदने के लिए निविदा जारी की

नई दिल्ली। तमिलनाडु नागरिक आपूर्ति निगम (टीएनसीएससी) ने पात्र बोलीदाताओं से प्रत्येक किट में 13 किराने की वस्तुओं वाली 2,11,12,798 किट की आपूर्ति के लिए दो कवर सिस्टम में सीलबंद निविदाएं आमंत्रित करता है।

500 ग्राम उड़द की दाल प्रति किट कुल 10,556 टन और 250 ग्राम चना दाल प्रति किट कुल 5,278 टन का वितरण।

13 मई से 19 मई तक टेंडर फॉर्म की उपलब्धता।

निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 19.5.2021 तक है।

कनाडा के साथ ही आस्ट्रलियाई मसूर के दाम मुंबई में तेज, अरहर, चना, काबूली चना और उड़द स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से गुरूवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में कनाडा के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई जबकि अरहर, उड़द के साथ ही चना और काबूली चना के दाम स्थिर बने रहे।

आयातित स्टॉक कम होने एवं मिलों की मांग बढ़ने से कनाडा लाईन की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव मुंबई में 50 से 75 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। देश भर की मंडियां बंद होने से मसूर की आवक नहीं के बराबर हो रही है, साथ ही पड़ते नहीं लगने के कारण आगे आयातित मसूर नहीं आयेगी, जबकि मिलर्स और स्टॉकिस्ट नीचे दाम पर बिकवाली नहीं कर रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में मसूर की कीमतें बढ़कर 825 से 840 डॉलर प्रति टन सीएंडएफ हो गई।

हालांकि, बाजार में लोगों में डरा बना हुआ है कि सरकार मसूर पर आयात सीमा शुल्क को कम कर सकती है। जबकि बढ़ते कोरोना के मामलों के कारण, कई प्रमुख खपत केंद्रों पर पूर्ण लॉकडाउन के कारण दाल की मांग में गिरावट आई है। दालों में थोक साथ ही खुदरा में ग्राहकी सामान्य के मुकाबले कमजोर है।

आज ईद-उल-फितर (रमजान ईद) के कारण नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) बंद है।

दाल मिलों की मांग कमजोर होने से बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी क्रमश: 7,500 और 7,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।

लेमन अरहर के दाम मुंबई में 6,600 रुपये और अरुषा अरहर के भाव 6,350 रुपये प्रति क्विंटल पर टिके रहे।

तंजानिया लाईन के चना के दाम 5,100 रुपये, रुस के काबूली चना के भाव 5,400 रुपये और सूडान के काबूली चना के दाम 5,100 से 5,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

12 मई 2021

खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात अप्रैल में 32 फीसदी बढ़ा, पहली छमाही में 1.7 फीसदी ज्यादा

नई दिल्ली। अप्रैल में खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात 32 फीसदी बढ़कर 1,053,347 टन का हुआ है, जबकि पिछले साल अप्रैल में इनका आयात 798,715 टन का ही हुआ था। चालू तेल वर्ष 2020-21 नवंबर-20 से अक्टूबर-21 की पहली छमाही नवंबर-20 से अप्रैल-21 के दौरान खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात 1.7 फीसदी बढ़कर 6,428,350 टन का हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की पहली छमाही में इनका आयात 6,317,928 टन का ही हुआ था।

साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार अप्रैल में खाद्य तेलों का आयात 1,029,912 टन का हुआ है जबकि 23,435 टन अखाद्य तेलों का आयात हुआ है जबकि मार्च 2021 में खाद्य तेलों का आयात 957,633 टन का ही हुआ था, इस दौरान अखाद्य तेलों का आयात 22,610 टन का हुआ था। सूरजमुखी तेल की उच्च कीमत ने इसके आयात को हतोत्साहित किया, जबकि सोयाबीन तेल ने समान स्तर बनाए रखा है। हालांकि, चालू तेल वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान नवंबर से अप्रैल के दौरान क्रूड पाम ऑयल का आयात 28.2 लाख टन से बढ़कर 36.8 लाख टन हो गया। सीपीओ के निर्यात में मलेशिया की हिस्सेदारी 5.01 लाख टन से बढ़कर 19.5 लाख टन हो गई है, जबकि इंडोनेशिया का हिस्सा पिछले तेल वर्ष की इसी अवधि में 23.1 लाख टन से घटकर 16.9 लाख टन रह गया।

एसईए के अनुसार मार्च के मुकाबले अप्रैल में आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में भारी तेजी आई है। अप्रैल में आरबीडी पॉमोलीन का भाव भारतीय बंदरगाह पर पहुंच 1,115 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि मार्च में इसका दाम 1,075 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से क्रुड पॉम तेल का भाव मार्च के 1,126 डॉलर से बढ़कर अप्रैल में 1,173 डॉलर प्रति टन हो गया। क्रुड सोयाबीन तेल का भारतीय बंदरगाह पर अप्रैल में बढ़कर 1,290 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि मार्च में इसका दाम 1,266 डॉलर प्रति टन था।

दिल्ली में बर्मा उड़द एसक्यू के साथ ही चना और मसूर में दूसरे दिन मंदा, अरहर स्थिर

नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से बुधवार को दिल्ली के नया बाजार में लगातार दूसरे दिन उड़द एसक्यू के साथ ही चना और मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई जबकि अरहर के दाम स्थिर बने रहे।

कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए, देश के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन लागू होने की वजह से दालों में मांग में काफी कमी आई है, दालों की थोक के साथ ही खुदरा मांग कमजोर बनी हुई है।

निकट भविष्य में आयातित उड़द आने की संभावना अभी नहीं है, इसके बावजूद भी मिलों की कमजोर मांग बनी रहने से उड़द एसक्यू के भाव में 50 रुपये का मंदा आकर भाव 8,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि एफएक्यू के दाम 7,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 की बची हुई 1.50 लाख टन उड़द के आयात की समयसीमा को बढ़ाकर 15 मई 2021 कर दिया है। पहले इसे अप्रैल 2021 तक बढ़ाया था। हालांकि, ट्रेडर्स-मिलर्स को आयात लाइसेंस के आवंटन में देरी होने की आशंका है क्योंकि उच्च न्यायालय द्वारा स्टे आर्डर जारी किया हुआ है। हालांकि व्यापारिक सूत्रों के अनुसार एक पखवाड़े के भीतर DGFT द्वारा आयात लाइसेंस आवंटित किए जाने की उम्मीद है।

चना में हाजिर मांग कमजोर होने से 75 रुपये का मंदा आकर राजस्थानी चना के दाम 5,575 से 5,600 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के भाव 5,550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मसूर की कीमतों में 25 रुपये का मंदा आकर दिल्ली में भाव 6,975 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

लेमन अरहर के दाम दिल्ली में नई और पुरानी के क्रमश: 7,000 रुपये और 6,600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। हरियाणा लाईन की अरहर के दाम 6,200 रुपये और महाराष्ट्र लाईन के 7,100 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें में 36 रुपये की गिरावट आई, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 37 रुपये का मंदा आया।

गेहूं की सरकारी खरीद 341.77 लाख टन के पार, पिछले साल से 35 फीसदी ज्यादा

नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 10 मई 2021 तक देशभर की मंडियों से भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई ने 341.77 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जोकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि के 252.50 लाख टन से 35.35 फीसदी ज्यादा है।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 129.35 लाख टन की है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में राज्य से 114.90 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।

हरियाणा से चालू रबी में 80.80 लाख टन और मध्य प्रदेश से 97.54 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इन राज्यों से क्रमश: 57.64 लाख टन और 63.66 लाख टन की ही खरीद हो पाई थी।

अन्य राज्यों में राजस्थान से चालू रबी में अभी तक 11.68 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 20.45 लाख टन गेहूं की एमएसपी पर खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इन राज्यों से क्रमश: 3.99 और 11.84 लाख टन गेहूं खरीदा गया था।

गुजरात से चालू रबी में 48,891 टन, उत्तराखंड से 87,089 टन, चंडीगढ़ से 16,907 टन, बिहार से 28,006 टन, दिल्ली से 4,214 टन, हिमाचल प्रदेश से 3,437 टन और जम्मू-कश्मीर से 4,146 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है।

केंद्र सरकार ने चालू रबी में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि पिछले रबी में एमएसपी 1,925 रुपये प्रति क्विंटल था।

कनाडा के साथ ही आस्ट्रलियाई मसूर के दाम मुंबई में नरम, अरहर और उड़द के स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से बुधवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में कनाडा के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई जबकि अरहर के साथ ही उड़द के दाम स्थिर हो गए।

व्यापारियों के अनुसार बाजार में डर बना हुआ है कि केंद्र सरकार आगे चलकर मसूर के आयात शुल्क में कटौती कर सकती है, क्योंकि कल ही में सरकार ने 12 लाख टन शुल्क मुक्त सोयाबीन के आयात की अनुमति दी है। देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना के कारण लॉकडाउन लगने की वजह से दालों की खपत में कमी आई है, तथा दालों की खुदरा के साथ ही थोक में मांग कमजोर हुई है।

आयातित स्टॉक कम होने के बावजूद भी मिलों की मांग घटने से कनाडा लाईन की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव 50 से 75 रुपये प्रति क्विंटल नरम हो गए।

देश भर की मंडियां बंद होने से मसूर की आवक नहीं के बराबर हो रही है, साथ ही पड़ते नहीं लगने के कारण आगे आयातित मसूर नहीं आयेगी, जबकि मिलर्स और स्टॉकिस्ट नीचे दाम पर बिकवाली नहीं कर रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में मसूर की कीमतें बढ़कर 825 से 840 डॉलर प्रति टन सीएंडएफ हो गई।

दाल मिलों की मांग बढ़ने से बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतें क्रमश: 7,500 और 7,400 रुपये प्रति क्विंटल पर​ स्थिर बनी रही।

मिलों की मांग सीमित मात्रा में बनी रहने से लेमन अरहर के दाम 6,600 रुपये और अरुषा अरहर के 6,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

तंजानिया चना के भाव 5,100 रुपये, रशिया के काबूली चना के भाव 5,400 रुपये और सूडान के काबूली चना के दाम 5,100 से 5,300 रुपये प्रति क्विंटल पर टिके रहे।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 23 रुपये की तेजी आई, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसके भाव में 19 रुपये का सुधार आया।

11 मई 2021

दिल्ली में मसूर, उड़द एसक्यू और चना मंदा, मिलों की मांग कमजोर

नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण मंगलवार को दिल्ली के नया बाजार में उड़द एसक्यू के साथ ही कनाडा और मध्य प्रदेश की मसूर के साथ ही चना की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।

कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए, देश के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन लागू होने की वजह से दालों में आपूर्ति बाधिात हो रही है, इससे भविष्य में दालों की उपलब्धता में कमी आने की आशंका है। लॉकडाउन होने के कारण दालों खुदरा मांग प्रभावित हुई है।

निकट भविष्य में आयातित उड़द आने की संभावना नहीं है, इसके बावजूद भी मिलों की कमजोर मांग से उड़द एसक्यू के भाव में 50 रुपये का मंदा आकर भाव 8,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि एफएक्यू के दाम 7,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 की बची हुई 1.50 लाख टन उड़द के आयात की समयसीमा को बढ़ाकर 15 मई 2021 कर दिया है। पहले इसे अप्रैल 2021 तक बढ़ाया था।

हालांकि, ट्रेडर्स-मिलर्स को आयात लाइसेंस के आवंटन में देरी होने की आशंका है क्योंकि उच्च न्यायालय द्वारा स्टे आर्डर जारी किया हुआ है। हालांकि व्यापारिक सूत्रों के अनुसार एक पखवाड़े के भीतर DGFT द्वारा आयात लाइसेंस आवंटित किए जाने की उम्मीद है।

कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 75 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,625 रुपये और 6,950 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

चना की कीमतों में 75 रुपये का मंदा आकर लारेंस रोड़ पर राजस्थानी चना के दाम 5,650 से 5,675 रुपये एवं मध्य प्रदेश के चना के दाम 5,600 से 5,625 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मूंग में ग्राहकी कमजोर रही तथा जानकारों के अनुसार आगे मूंग की कीमतों में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आने की उम्मीद है।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें में 10 रुपये की गिरावट आई, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 34 रुपये का मंदा आया।

कॉटन का निर्यात 65 लाख गांठ होने का अनुमान, घरेलू खपत में कमी आयेगी - सीएआई

नई दिल्ली। कोरोना के कारण देशभर के अधिकांश राज्यों में लॉकडाउन लगने के कारण कॉटन की घरेलू खपत में 15 लाख गांठ की कमी आकर कुल 315 लाख गांठ होने का अनुमान है, जबकि चालू सीजन में कॉटन का निर्यात पहले के अनुमान से 5 लाख गांठ बढ़कर 65 लाख गांठ होने का अनुमान है।

कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया, सीएआई के अनुसार पहली अक्टूबर 2020 से शुरू हुए चालू फसल सीजन में कॉटन का निर्यात बढ़कर 65 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पहले 60 लाख गांठ निर्यात का अनुमान था। पिछले साल केवल 50 लाख गांठ का ही निर्यात हुआ था। चालू सीजन में 30 अप्रैल 2021 तक 50 लाख गांठ कपास का निर्यात हो चुका है।

विश्व बाजार में दाम तेज होने के कारण कॉटन का आयात भी चालू फसल सीजन में घटकर 11 लाख टन गांठ ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 15.50 लाख गांठ का आयात हुआ था। 30 अप्रैल 2021 तक देश में करीब 8 लाख गांठ कपास का आयात हो चुका है।

सीएआई के अनुसार चालू सीजन में 360 लाख गांठ कपास के उत्पादन का अनुमान है जोकि पिछले साल के लगभग बराबर है। कोरोना की रोक थाम के लिए देशभर में लॉकडाउन लगा हुआ है, जिस कारण कॉटन की घरेलू खपत आरंभिक अनुमान 330 लाख गांठ से घटकर 315 लाख गांठ ही होने का अनुमान है। 30 सितंबर 2021 को कॉटन का बकाया स्टॉक 116 लाख गांठ बचने का अनुमान है।

अप्रैल 2021 तक उत्पादक मंडियों में 336.37 लाख गांठ कॉटन की आवक हो चुकी है जोकि कुल उत्पादन का करीब 93.43 फीसदी है। अत: अब केवल 6.57 फीसदी कॉटन ही उत्पादक राज्यों में बची हुई है।

मिलों की कमजोर मांग से मुंबई में उड़द, चना और काबूली चना मंदा, अरहर के साथ मसूर स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की मांग कमजोर होने से मंगलवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में उड़द के साथ ही चना और काबूली चना की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई जबकि अरहर के साथ ही मसूर के दाम स्थिर बने रहे।

कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए, देश के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन लागू होने की वजह से दालों में आपूर्ति बाधिात हो रही है, इससे भविष्य में दालों की उपलब्धता में कमी आने की आशंका है। लॉकडाउन होने के कारण दालों खुदरा मांग प्रभावित हुई है।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव 7,500 और 7,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 की बची हुई 1.50 लाख टन उड़द के आयात की समयसीमा को बढ़ाकर 15 मई 2021 कर दिया है। पहले इसे अप्रैल 2021 तक बढ़ाया था।

बढ़े भाव में मांग कमजोर होने से तंजानिया लाईन के चना के साथ-साथ सूडान और रूस के काबुली चना में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।

लेमर अरहर के दाम मुंबई में 6,600 रुपये और अरुषा अरहर के 6,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

कनाडा की मसूूर के दाम मुंद्रा बंदरगाह पर 6,400 रुपये, हजिरा 6,450 रुपये ओर कांडला पर 6,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।  

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 12 रुपये का सुधार आया, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसके भाव में 1 रुपये की तेजी आई।

10 मई 2021

प्रमुख बाजारों में देसी के साथ ही आयातित अरहर की कीमतें तेज, दिल्ली में चना और मसूर बढ़े

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से सोमवार को प्रमुख बाजारों में क्वालिटीनुसार देसी अरहर की कीमतों में 50-200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। दिल्ली में चना के साथ मसूर के दाम भी बढ़कर बंद हुए।

कोरोना के कारण देशभर की मंडियों में अरहर की दैनिक आवक भी कम हो रही है। लेबर की समस्या के कारण पेराई कार्य भी धीमा हो गया था। तुअर दाल का स्टॉक थोक और खुदरा केंद्रों पर घट रहा है। अरहर दाल की थोक एवं खुदरा में हल्का सुधार आया है।  

मुंबई में दाल मिलों की हाजिर मांग बनी रहने से मुंबई में लेमन अरहर और अरुषा अरहर की कीमतों में 100 से 125 रुपये की तेजी आकर भाव 6,600 रुपये और 6350 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। बाजार सूत्रों के अनुसार, अरहर की कीमतों में नीचे भाव में सुधार आने की संभावना है क्योंकि कम पैदावार के कारण अरहर के फंडामेंटल मजबूत हैं, सरकार के पास पुराना स्टॉक कम है। हालांकि, विदेशी आयात नियमित अंतराल पर आयेगा, क्योंकि सरकार पहले ही कुल 6 लाख टन का कोटा जारी कर चुकी है। जून में लगभग 30,000-40,000 टन सूडान की नई अरहर और 20,000-25,000 टन अफ्रीका की पुरानी अरहर का आयात होने की उम्मीद है।

बर्मा आधारित स्थानीय व्यापारी के अनुसार, अरहर का स्टॉक 2.5 लाख टन के आसपास है इसमें 50,000 टन पुरानी और लगभग 2 लाख टन नई अरहर का स्टॉक है। इस बीच, भारत से कोई भी व्यापार नहीं हुआ क्योंकि मिलर्स-व्यापारी सरकार से आयात लाइसेंस के आवंटन की प्रतीक्षा कर रहे थे। हालांकि, बर्मा में कोई भी विक्रेता नीचे दाम पर बिकवाल नहीं है।


ट्रेडर्स और मिलर्स को आयात लाइसेंस के आवंटन में देरी होने की आशंका है। मद्रास हाईकोर्ट ने 28 जून, 2021 तक डीजीएफटी के आयात कोटा लाइसेंस के लिए तुअर, उड़द, मूंग के लिए वर्ष 2021-22 पर स्टे आर्डर जारी कर दिया है। जबकि व्यापारियों को उम्मीद है सरकारे एक पखवाड़े के भीतर आयात लाइेंसस जारी कर देगी।

दिल्ली में चना की कीमतों में 150 रुपये की तेजी आकर राजस्थानी चना के दाम 5,725 से 5,750 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 5,675 से 5,700 रुपये प्रति​ क्विंटल हो गए।

मसूर की कीमतों में 75 रुपये की तेजी आकर भाव 7,000 से 7,025 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मसूर के भाव मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर तथा आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम मुंबई में 50 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। मध्य प्रदेश के इंदौर बाजार में दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से देसी मसूर की कीमतों में 100 रुपये की तेजी आकर भाव 6,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

उड़द के भाव चेन्नई, दिल्ली, मुंबई और कोलकाता के बाजारों में स्थिर बने रहे। दाल मिलों की सीमित मांग बनी रहने से घरेलू बाजारों में गुणवत्ता के अनुसार देसी उड़द के दाम भी लगभग स्थिर बने रहे।

गेहूं की सरकारी खरीद 338 लाख टन के करीब, पिछले साल से 36 फीसदी ज्यादा

नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 9 मई 2021 तक देशभर की मंडियों से भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई ने 337.95 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जोकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि के 248.02 लाख टन से 36.25 फीसदी ज्यादा है।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 128.65 लाख टन की है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में राज्य से 113.39 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।

हरियाणा से चालू रबी में 80.76 लाख टन और मध्य प्रदेश से 94.89 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इन राज्यों से क्रमश: 57.61 लाख टन और 61.40 लाख टन की ही खरीद हो पाई थी।

अन्य राज्यों में राजस्थान से चालू रबी में अभी तक 11.68 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 20.11 लाख टन गेहूं की एमएसपी पर खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इन राज्यों से क्रमश: 3.93 और 11.23 लाख टन गेहूं खरीदा गया था।

गुजरात से चालू रबी में 48,891 टन, उत्तराखंड से 87,089 टन, चंडीगढ़ से 16,907 टन, बिहार से 20,740 टन, दिल्ली से 4,116 टन, हिमाचल प्रदेश से 3,138 टन और जम्मू-कश्मीर से 3,612 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है।

केंद्र सरकार ने चालू रबी में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि पिछले रबी में एमएसपी 1,925 रुपये प्रति क्विंटल था।

अरहर, मसूर के साथ ही चना और काबूली चना की कीमतें मुंबई में तेज, उड़द के दाम स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से सोमवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित अरहर, मसूर के साथ ही चना और काबूली चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई जबकि उड़द की कीमतें स्थिर हो गई।

वर्तमान हालात में, देश के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन की वजह से दालों में मांग सीमित ही बनी है, क्योंकि कोरोना के मामले में लगातार वृद्धि हो रही है। इससे दालों की सप्लाई प्रभावित होगी, तथा भविष्य में दालों की उपलब्धता में भी कमी आने की आशंका है।

मिलों की मांग बढ़ने से लेमन अरहर के साथ ही अरुषा अरहर की कीमतों में 50 से 75 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,550 रुपये और 6,250-6,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। ट्रेडर्स-मिलर्स को आयात लाइसेंस के आवंटन में देरी होने की आशंका है क्योंकि डीजीएफटी द्वारा दलहन आयात के लिए लाइसेंस जारी करने पर मद्रास उच्च न्यायालय ने स्टे जारी कर रखा है। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार डीजीएफटी एक पखवाड़े के भीतर लाइसेंस जारी कर सकती है।

आयातित स्टॉक कम होने के साथ ही मिलों की मांग से कनाडा लाईन की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर तथा आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव मुंबई में 50 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। देश भर की मंडियां बंद होने से मसूर की आवक नहीं के बराबर हो रही है, साथ ही पड़ते नहीं लगने के कारण आगे आयातित मसूर नहीं आयेगी, जबकि मिलर्स और स्टॉकिस्ट नीचे दाम पर बिकवाली नहीं करेगे, इसलिए मसूर की कीमतों में सुधार आया है।

कनाडा में मसूर के दाम तेज हुए हैं। कनाडा क्रिमसन किस्म की मसूर में व्यापार 740 से 775 डॉलर प्रति टन सीएंडएफ के आधार पर हो रहा था, जबकि अब इसका भाव 800 डॉलर प्रति टन सीएंडफ है। कनाडा की क्रिमसन किस्म की मसूर का व्यापार नेपाल के लिए 810 डॉलर प्रति टन सीएंडएफ के आधार पर कारोबार किया।

तंजानिया लाईन के चना के साथ ही रूस-सूडान के काबूली चना में मिलों की अच्छी बनी रही जिससे इनकी कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।

दाल मिलों की सीमित मांग बनी रहने से बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतें क्रमश: 7,550 और 7,450 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 129 रुपये की तेजी आई, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसके भाव में 127 रुपये का सुधार आया।

08 मई 2021

चना की कीमतोंं में नरमी, बर्मा उड़द के साथ ही मसूर के दाम तेज

नई दिल्ली। चना में दाल मिलों की कमजोर मांग जारी रहने से दिल्ली में 25 रुपये की गिरावट आकर राजस्थानी चना का भाव 5,575 से 5,600 रुपये और मध्य प्रदेश के चना का दाम 5,550 रुपये प्रति क्विंटल रह गया।

निकट भविष्य में आयातित माल नहीं आने एवं दाल मिलों की मांग बढ़ने से शनिवार को बर्मा उड़द के भाव चेन्नई, मुंबई और कोलकाता में 50 से 150 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए।

उड़द के आयात में देरी की आशंका है, क्योंकि मद्रास उच्च न्यायालय ने 28 जून, 2021 तक डीजीएफटी द्वारा दलहन के आयात कोटा लाइसेंस के खिलाफ स्टे आर्डर दिया है। हालांकि व्यापारिक सूत्रों के अनुसार एक पखवाड़े के भीतर DGFT आयात लाइसेंस आवंटित कर सकती है।

उड़द दाल में थोक एवं खुदरा बाजार में आज अच्छी मांग देखी गई। मिलों की सीमित मांग बनी रहने से बारसी, जलगांव, इंदौर और जयपुर बाजार में गुणवत्ता के अनुसार देसी उड़द के दाम लगभग स्थिर बने रहे।

बर्मा स्थित स्थानीय व्यापारी के अनुसार, बर्मा में उड़द का 6 लाख टन का स्टॉक है, जिसमें से 1.50 लाख टन पुरानी फसल का है। इस बीच, भारत से कोई भी व्यापार नहीं हुआ क्योंकि मिलर्स-व्यापारी सरकार से आयात लाइसेंस के आवंटन की प्रतीक्षा कर रहे है। हालांकि, बर्मा में कोई भी विक्रेता कम दरों पर बिकवाल नहीं देखा गया।

कनाडा की मसूर के भाव मुंबई, कोलकाता, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर तथा आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम मुंबई में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। मध्य प्रदेश के इंदौर बाजार में मिलों की हाजिर मांग बढ़ने ऐ देसी मसूर की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6,450 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मसूर दाल में ग्राहकी अच्छी होने से इसकी कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 7,350 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। 

बर्मा की अरहर और उड़द मुंबई में घटी, कनाडा और आस्ट्रेलिया की मसूर तेज

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से शनिवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित उड़द के साथ ही अरहर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि कनाडा के साथ ही आस्ट्रेलियां की मसूर के दाम तेज हुए।

वर्तमान हालात में, देश के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन की वजह से दालों में मांग सीमित ही बनी है, क्योंकि कोरोना के मामले में लगातार वृद्धि हो रही है। होटल, रेस्त्रां तथा सड़क किनारे खानपान वाली जगह बंद होने के कारण दालों खुदरा मांग बुरी तरह से प्रभावित हुई है। अगले दो सप्ताह में मांग में सुधार की संभावना नहीं है क्योंकि कोरोना के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है और कई राज्य लॉकडाउन बढ़ा रहे हैं। इस बीच, हाजिर मंडियों में साबूत दालों की आवक कम हो रही है, क्योंकि देशभर की मंडियां या तो लॉकडाउन के कारण बंद हैं, या फिर व्यापारियों ने बंद कर रखी हैं।

सीमित आयातित स्टॉक के बावजूद मिलों की कमजोर मांग के कारण बर्मा की लेमन अरहर के भाव में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि अरुषा अरहर के दाम 6,200 से 6,225 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दाल मिलों की मांग बढ़ने से बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,350 और 7,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

इसके अलावा, ट्रेडर्स-मिलर्स को आयात लाइसेंस के आवंटन में देरी होने की आशंका है क्योंकि डीजीएफटी द्वारा दलहन आयात के लिए लाइसेंस जारी करने पर मद्रास उच्च न्यायालय ने स्टे जारी कर रखा है। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार डीजीएफटी एक पखवाड़े के भीतर लाइसेंस जारी कर सकती है।

आयातित स्टॉक कम होने के साथ ही मिलों की मांग से कनाडा लाईन की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर तथा आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव मुंबई में 75-100 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए।

देश भर की मंडियां बंद होने से मसूर की आवक नहीं के बराबर हो रही है, साथ ही पड़ते नहीं लगने के कारण आगे आयातित मसूर नहीं आयेगी, जबकि मिलर्स और स्टॉकिस्ट नीचे दाम पर बिकवाली नहीं करेगे, इसलिए मसूर की कीमतों में सुधार आया है।

मांग बढ़ने से कनाडा में मसूर की कीमतों में सुधार आया है। कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के कुछ हिस्सों में सूखे जैसी स्थिति बनने से लगातार चिंता बनी हुई है, जिससे कीमतों को समर्थन मिलेगा।

तंजानिया लाईन के चना के साथ ही रूस-सूडान के काबूली चना की कीमतें मुंबई में स्थिर बनी रही।

07 मई 2021

गेहूं की सरकारी खरीद 323.66 लाख टन के पार, पिछले साल से 50 फीसदी ज्यादा

नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 6 मई 2021 तक देशभर की मंडियों से भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई ने 323.66 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जोकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि के 216.01 लाख टन से 49.83 फीसदी ज्यादा है।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 125.39 लाख टन की है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में राज्य से 104.28 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।

हरियाणा से चालू रबी में 80.74 लाख टन और मध्य प्रदेश से 88.72 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इन राज्यों से क्रमश: 50.56 लाख टन और 48.64 लाख टन की ही खरीद हो पाई थी।

अन्य राज्यों में राजस्थान से चालू रबी में अभी तक 10.32 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 16.74 लाख टन गेहूं की एमएसपी पर खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इन राज्यों से क्रमश: 2.70 और 9.41 लाख टन गेहूं खरीदा गया था।

गुजरात से चालू रबी में 48,881 टन, उत्तराखंड से 87,089 टन, चंडीगढ़ से 16,587 टन, बिहार से 12,494 टन, दिल्ली से 3,946 टन, हिमाचल प्रदेश से 2,579 टन और जम्मू-कश्मीर से 2,176 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है।

केंद्र सरकार ने चालू रबी में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि पिछले रबी में एमएसपी 1,925 रुपये प्रति क्विंटल था।

दिल्ली में चना और मसूर के दाम घटकर बंद, मुंबई में उड़द, अरहर स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की मांग कमजोर होने से शुक्रवार को दिल्ली में चना के साथ ही मसूर के दाम घटकर बंद हुए, जबकि मुंबई में उड़द के साथ ही अरहर की कीमतें स्थिर हो गई।

दिल्ली में राजस्थानी चना के दाम 50 रुपये घटकर 5,600 से 5,625 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए, जबकि मध्य प्रदेश के चना की कीमतों में 25 रुपये का मंदा आकर भाव 5,575 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मसूर की कीमतों में 50 रुपये का मंदा आकर भाव 6,850 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मुंबई में उड़द एफएक्यू के दाम 7,400 रुपये और एसक्यू के भाव 7,900 रुपये प्र​ति क्विंटल पर बंद हुए।

लेमन अरहर के दाम मुंबई में 6,550 रुपये और अरुषा अरहर के 6,300 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

चेन्नई में एसक्यू उड़द पुरानी के भाव 7,900 रुपये और नई के 8,250 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 24 रुपये की गिरावट आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 24 रुपये का मंदा आया।

दाल मिलों की कमजोर मांग से से मुंबई में उड़द, चना और काबूली चना मंदा, अरहर और मसूर स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की मांग कमजोर होने से शुक्रवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में उड़द के साथ ही चना और काबूली चना की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई जबकि अरहर और मसूर के दाम स्थिर बने रहे।

वर्तमान हालात में, देश के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन की वजह से दालों में मांग सीमित ही बनी है, क्योंकि कोरोना के मामले में लगातार वृद्धि हो रही है। होटल, रेस्त्रां तथा सड़क किनारे खानपान वाली जगह बंद होने के कारण दालों खुदरा मांग बुरी तरह से प्रभावित हुई है। अगले दो सप्ताह में मांग में सुधार की संभावना नहीं है क्योंकि कोरोना ​​के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है और कई राज्य लॉकडाउन बढ़ा रहे हैं। हाजिर मंडियों में साबूत दालों की आवक कम हो रही है, क्योंकि देशभर की मंडियां या तो लॉकडाउन के कारण बंद हैं, या फिर व्यापारियों ने बंद कर रखी हैं।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव 7,300 और 7,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हालांकि, ट्रेडर्स-मिलर्स को आयात लाइसेंस के आवंटन में देरी होने की आशंका है क्योंकि उच्च न्यायालय द्वारा स्टे आर्डर जारी किया हुआ है। हालांकि व्यापारिक सूत्रों के अनुसार एक पखवाड़े के भीतर DGFT द्वारा आयात लाइसेंस आवंटित किए जाने की उम्मीद है।

बढ़े भाव में मांग कमजोर होने से तंजानिया लाईन के चना के साथ-साथ सूडान और रूस के काबुली चना में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।

लेमन अरहर के दाम मुंबई में 6,550 रुपये और अरुषा अरहर के भाव 6,200 से 6,225 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

कनाडा की मसूर के दाम कांडाला बंदरगाह पर 6,200 से 6,225 रुपये, हजिरा पर 6,300 रुपये और मुंद्रा पर 6,250 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 53 रुपये की गिरावट आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 51 रुपये का मंदा आया।

06 मई 2021

बर्मा उड़द एफएक्यू चेन्नई में तेज, देसी में मिलाजुला रुख, दिल्ली में चना मसूर बढ़े

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने एवं आयातित माल नहीं आने से बर्मा उड़द एफएक्यू के भाव गुरूवार को चेन्नई 50 रुपये तेज होकर 7,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि एसक्यू के दाम 8,050 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

उड़द के आयात में देरी की आशंका है, क्योंकि मद्रास उच्च न्यायालय ने 28 जून, 2021 तक डीजीएफटी द्वारा दलहन के आयात कोटा लाइसेंस के खिलाफ स्टे आर्डर दिया है। हालांकि व्यापारिक सूत्रों के अनुसार एक पखवाड़े के भीतर DGFT आयात लाइसेंस आवंटित कर सकती है।

हालांकि, देश भर में बढ़ते कोरोना के मामलों के कारण दालों की थोक एवं खुदरा मांग में कमी आई है। रेस्त्रां के साथ ही होटल और सामाजिक समारोह तथा ब्याह शादियों में लोगों की संख्या कम होने से दाल की मांग प्रभावित हुई है। लॉकडाउन के कारण पापड़ बनाने वाली इकाइयों की मांग प्रभावित हुई है।

दूसरी और, दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से बारसी बाजार में गुणवत्ता के अनुसार देसी उड़द की कीमतों में 100 रुपये का मंदा आकर 7,100-7,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि स्थानीय मिलों की अच्छी मांग मांग से इंदौर में इसके दाम 200 रुपये तेज होकर 7,500 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।  

बर्मा आधारित स्थानीय व्यापारी के अनुसार, उड़द का कुल स्टॉक 6 लाख टन का है, जिसमें 1.5 लाख टन पुराना माल है। इस बीच, भारत से कोई भी व्यापार नहीं हुआ है, क्योंकि मिलर्स-व्यापारी सरकार से आयात लाइसेंस के आवंटन की प्रतीक्षा कर रहे है। हालांकि, बर्मा में कोई भी विक्रेता कम दरों पर बिकवाली नहीं कर रहा है।

राजस्थानी चना के दाम दिल्ली में 100 रुपये तेज होकर 5,650 से 5,675 रुपये और मध्य प्रदेश लाईन के चना के दाम 50 रुपये बढ़कर 5,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

मसूर के दाम दिल्ली में 75 रुपये तेज होकर 6,900 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

निर्यात मांग कमजोर होने से बर्मा में दलहन की कीमतें स्थिर

नई दिल्ली। निर्यात मांग कमजोर होने के कारण गुरुवार को बर्मा दाल बाजार में प्रमुख दालों की कीमतें स्थिर बनी रही।

हालांकि, भारत में ट्रेडर्स-मिलर्स को आयात लाइसेंस के आवंटन में देरी होने की आशंका है।

मद्रास उच्च न्यायालय ने वित्त वर्ष 2021-22, के लिए अरहर, उड़द, मूंग दलहन आयात पर 28 जून, 2021 तक डीजीएफटी के आयात कोटा पर स्टे दे रखा है, यह स्टे डीजीएफटी के ट्रेडर्स एंड लॉटरी सिस्टम पॉलिसी के खिलाफ है।

स्थानीय व्यापारी के अनुसार, अरहर का स्टॉक लगभग 2.5 लाख टन है। इसमें 50,000 टन पुरानी अरहर के साथ ही 2 लाख टन नई अरहर का स्टॉक है। उरद के स्टॉक लगभग 6 लाख टन का है, जिसमें 1.5 लाख टन पुराना है।

इस बीच, भारत से कोई भी व्यापार नहीं हुआ क्योंकि मिलर्स-व्यापारी सरकार से आयात लाइसेंस के आवंटन की प्रतीक्षा कर रहे थे। हालांकि, बर्मा में कोई भी विक्रेता कम दरों पर बिकवाली करते नहीं देखा गया।

मिलों की मांग बढ़ने से मुंबई में अरहर, मसूर, चना और काबूली चना तेज

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से गुरूवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में अरहर, मसूर, चना और काबूली चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।

हालांकि, देश भर के अधिकांश राज्यों में लॉकडाउन के कारण दालों की थोक और खुदरा मांग कमजोर बनी हुई है। हाजिर मंडियों में साबूत दालों की आवक कम हो रही है, क्योंकि देशभर की मंडियां या तो लॉकडाउन के कारण बंद हैं, या फिर व्यापारियों ने बंद कर रखी हैं।

दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से लेमन अरहर के साथ ही अरुषा अरहर की कीमतों में 50-50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,550 रुपये और 6,200 से 6,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। ट्रेडर्स-मिलर्स को आयात लाइसेंस के आवंटन में देरी होने की आशंका है क्योंकि उच्च न्यायालय द्वारा स्टे आर्डर जारी किया हुआ है। हालांकि व्यापारिक सूत्रों के अनुसार एक पखवाड़े के भीतर DGFT द्वारा आयात लाइसेंस आवंटित किए जाने की उम्मीद है।

कनाडा की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर तथा आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव मुंबई में मिलों की अच्छी मांग से 125 से 175 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। देशभर की अधिकांश मंडियां बंद होने के कारण मसूर की आवक नहीं के बराबर हो रही है जबकि आयातित मसूर का स्टॉक लगातार कम हो रहा है, वैसे भी मसूर में स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आ रही है, जिससे तेजी को बल मिल रहा है। कनाडा में मसूर की कीमतों में सुधार आया है, जबकि कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के कुछ हिस्सों में सूखेपन के कारण मसूर की कीमतों में तेजी बनी रहने का अनुमान है।

तंजानिया लाईन के चना के साथ-साथ सूडान और रूस के काबुली चना में लगातार दूसरे दिन अच्छी मांग बनी रहने से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 91 रुपये की तेजी आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 93 रुपये का सुधार आया।

05 मई 2021

देसी के साथ ही आयातित अरहर की कीमतों में नरमी, चना और मसूर में सुधार

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से प्रमुख बाजारों में देसी अरहर की कीमतों में बुधवार को क्वालिटीनुसार 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। कोरोना के कारण अरहर दाल की मांग कमजोर बनी रही।

हालांकि, कोरोना के कारण देशभर की मंडियों में अरहर की दैनिक आवक भी कम हो रही है। कोविड की दूसरी लहर के कारण कई राज्यों में आंशिक तथा कई में पूर्ण लाकडाउन के कारण अरहर दाल की मांग थोक के साथ ही खुदरा में कमजोर है।

हाजिर में मिलों की मांग कमजोर होने से मुंबई में लेमन अरहर की कीमतें  560 रुपये घटकर भाव 6,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, अरुषा अरहर के दाम 6150 से 6,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

बाजार सूत्रों के अनुसार, अरहर की कीमतों में नीचे भाव में सुधार आने की संभावना है क्योंकि कम पैदावार के कारण अरहर के फंडामेंटल मजबूत हैं, सरकार के पास पुराना स्टॉक कम है। हालांकि, विदेशी आयात नियमित अंतराल पर आयेगा, क्योंकि सरकार पहले ही कुल 6 लाख टन का कोटा जारी कर चुकी है। जून में लगभग 30,000-40,000 टन सूडान की नई अरहर और 20,000-25,000 टन अफ्रीका की पुरानी अरहर का आयात होने की उम्मीद है।

बर्मा आधारित स्थानीय व्यापारी के अनुसार, अरहर का स्टॉक 2.5 लाख टन के आसपास है इसमें 50,000 टन पुरानी और लगभग 2 लाख टन नई अरहर का स्टॉक है। इस बीच, भारत से कोई भी व्यापार नहीं हुआ क्योंकि मिलर्स-व्यापारी सरकार से आयात लाइसेंस के आवंटन की प्रतीक्षा कर रहे थे। हालांकि, बर्मा में कोई भी विक्रेता नीचे दाम पर बिकवाल नहीं है।

दिल्ली में मध्य प्रदेश लाईन के चना की कीमतों में 25 रुपये का सुधार आकर भाव 5,525 से 5,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि राजस्थानी चना के दाम 5,550 से 5,575 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

मसूर की कीमतों में 125 रुपये की तेजी आकर दिल्ली में भाव 6,800 से 6,825 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से बर्मा उड़द एफएक्यू के भाव बुधवार को चेन्नई और मुंबई में 50 से 150 रुपये प्रति क्विंटल तक तेज हो गए। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से इंदौर, कोटा, गुंटूर और विजयवाड़ा में देसी उड़द की कीमतों में क्वालिटीनुसार 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।

गेहूं की सरकारी खरीद 307.53 लाख टन के पार, पंजाब, मध्य प्रदेश और हरियाणा की हिस्सेदारी ज्यादा

नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 4 मई 2021 तक देशभर की मंडियों से भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई ने 307.53 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जोकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि के 190.14 लाख टन से ज्यादा है।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में अभी तक हुई कुल खरीद में ​पंजाब की हिस्सेदारी 120.63 लाख टन की है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में राज्य से 95.31 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।

हरियाणा से चालू रबी में 80.64 लाख टन और मध्य प्रदेश से 80.93 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इन राज्यों से क्रमश: 44.73 लाख टन और 39.64 लाख टन की ही खरीद हो पाई थी।

अन्य राज्यों में राजस्थान से चालू रबी में अभी तक 9.31 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 14.44 लाख टन गेहूं की एमएसपी पर खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इन राज्यों से क्रमश: 2.01 और 8.10 लाख टन गेहूं खरीदा गया था।

गुजरात से चालू रबी में 48,878 टन, उत्तराखंड से 74,143 टन, चंडीगढ़ से 16,578 टन, बिहार से 7,520 टन, दिल्ली से 3,846 टन, हिमाचल प्रदेश से 2,139 टन और जम्मू-कश्मीर से 1,587 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है।

केंद्र सरकार ने चालू रबी में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि पिछले रबी में एमएसपी 1,925 रुपये प्रति क्विंटल था।

आयातित उड़द, मसूर, चना और काबूली चना के दाम मुंबई में तेज, अरहर के स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से बुधवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित उड़द, मसूर के साथ ही चना और काबूली चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई जबकि अरहर के दाम स्थिर बने रहे।

हालांकि देश के कई राज्यों में पूर्ण लॉकडाउन लगा हुआ है, जिस कारण दालों के थोक एवं खुदरा मांग में भारी कमी आई है। उत्पादक मंडियों में दलहन की आवक कम हो रही है, क्योंकि करोनो के कारण अधिकांश मंडियां बंद है।

दाल मिलों की मांग बढ़ने से बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 100-100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,300 और 7,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। ट्रेडर्स-मिलर्स को आयात लाइसेंस के आवंटन में देरी होने की आशंका है क्योंकि डीजीएफटी द्वारा दलहन आयात के लिए लाइसेंस जारी करने पर मद्रास उच्च न्यायालय ने स्टे जारी कर रखा है। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार डीजीएफटी एक पखवाड़े के भीतर लाइसेंस जारी कर सकती है।

कनाडा लाईन की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर तथा आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव मुंबई में 75-100 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। देश भर की मंडियां बंद होने के कारण मसूर की दैनिक आवक नहीं के बराबर हो रही है, साथ ही पड़ते नहीं लगने के कारण आगे आयातित मसूर नहीं आयेगी, जबकि मिलर्स और स्टॉकिस्ट नीचे दाम पर बिकवाली नहीं करेगे, इसलिए मसूर की कीमतों में सुधार आया है। कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के कुछ हिस्सों में सूखे जैसी स्थिति बनने से लगातार चिंता बनी हुई है, जिससे कीमतों को समर्थन मिलेगा।

तंजानिया लाईन के चना के साथ ही रूस-सूडान के काबूली चना की कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।

मुंबई में लेमन अरहर के दाम 6,550 रुपये और अरुषा अरहर के भाव 6,150 से 6,200 रुपये प्रति क्विंटल पर​ स्थिर बने रहे।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 21 रुपये की तेजी आई, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसके भाव में 17 रुपये का सुधार आया।

04 मई 2021

दिल्ली में चना और मसूर तेज, मुंबई में अधिकांश दालों के दाम स्थिर

नई दिल्ली। नीचे दाम पर दाल मिलों की मांग निकलने से दिल्ली में चना और मसूर की कीमतों में तेजी आई, जबकि अन्य दालों के दाम स्थिर बने रहे। मुंबई में अधिकांश आयातित दालों की कीमतें स्थिर बनी रही।

दिल्ली में चना के भाव में 75 रुपये की तेजी आकर लारेंस रोड पर राजस्थानी चना के दाम 5,550 से 5,575 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 5,525 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

मसूर की कीमतों में 75 रुपये की तेजी आकर भाव 6,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

मुंबई में लेमन अरहर के दाम 6,500 से 6,550 रुपये और अरुषा अरहर के 6,150 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

उड़द एफएक्यू के दाम दाल मिलों की सीमित मांग से मुंबई में 7,200 रुपये और पुरानी के 7,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

तंजानियां के चना के भाव 5,000 रुपये, रुस का काबूली चना 5,300 रुपये और सूडान का काबूली चना 5,050 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल पर टिका रहा।
कनाडा की मसूर के दाम मुंबई में वेसल के भाव 6,050 रुपये और कंटेनर के 6,125 रुपये प्रति क्विंटल रहे। आस्ट्रेलिया की मसूर के दाम 6,175 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

कच्चे माल में दाल मिलों की कमजोर मांग अगले दो सप्ताह तक जारी रह सकती है, क्योंकि कई राज्यों ने आंशिक तो कई ने पूर्ण लॉकडाउन लगा रखा है। दालों में खुदरा के साथ ही थोक मांग लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुई है। हालांकि मंडियां बंद होने से दालों की दैनिक आवक भी कहीं बंद तो कहीं सीमित मात्रा में ही हो रही हो रही है।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 48 रुपये की तेजी आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 54 रुपये का सुधार आया।

03 मई 2021

दाल मिलों की कमजोर मांग से चना, मूंग, मसूर और अरहर में नरमी

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से प्रमुख बाजारों में चना, मूंग, मसूर और देसी अरहर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।

दिल्ली में राजस्थानी चना के दाम घटकर 5,475 से 5,500 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम घटकर 5,425 से 5,450 रुपये प्रति क्विंटल रहे गए।

मुंबई में तंजानिया के चना के दाम 50 रुपये घटकर 5,000 रुपये, सूडान के काबूली चना में 100 रुपये का मंदा आकर भाव 5,050 से 5,200 रुपये और रुस के काबूली चना के दाम भी 100 रुपये घटकर 5,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मसूर की कीमतों में 25 रुपये का मंदा आकर भाव 6,625 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कनाडा की मसूर के भाव मुंबई और हजीरा बंदरगाह 25 रुपये प्रति क्विंटल नरम हो गए।

मूंग की कीमतों में 100 रुपये का मंदा आकर भाव 6,500 से 7,400 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

दाल मिलों की खरीद कमजोर होने से जलगांव, इंदौर और जयपुर बाजार में देसी उड़द की कीमतों में क्वालिटीनुसार 50 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई, जबकि गुंटूर और विजयवाड़ा में हाजिर मांग बढ़ने से इसके भाव में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।

हालांकि, कोरोना के कारण देशभर की मंडियों में दालों की दैनिक आवक भी कम हो रही है। कोविड की दूसरी लहर के कारण कई राज्यों में आंशिक तथा कई में पूर्ण लाकडाउन के कारण अरहर दाल की मांग थोक के साथ ही खुदरा में कमजोर है।

हाजिर में मिलों की मांग कमजोर होने से मुंबई में लेमन अरहर की कीमतें 6,500 से 6,550 रुपये और अरुषा अरहर के दाम 6150 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

बाजार सूत्रों के अनुसार जून में लगभग 30,000-40,000 टन सूडान की नई अरहर और 20,000-25,000 टन अफ्रीका की पुरानी अरहर का आयात होने की उम्मीद है।

गेहूं की सरकारी खरीद 292.52 लाख टन के पार, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश का योगदान ज्यादा

नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर खरीद बढ़कर 292.52 लाख टन की हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 171.53 लाख टन से करीब 70 फीसदी ज्यादा है।

भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई के अनुसार चालू रबी में 2 मई तक पंजाब से 114.76 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है, जोकि कुल खरीद का 39.23 फीसदी है। इसी तरह से हरियाणा से चालू रबी में 80.55 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है तथा कुल खरीद में हरियाणा की हिस्सेदारी 27.53 फीसदी है। मध्य प्रदेश से चालू रबी में अभी तक 73.76 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है तथा राज्य की कुल खरीद में हिस्सेदारी 25.21 फीसदी है।

राजस्थान से चालू रबी में समर्थन मूल्य पर 8.79 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है।

चालू रबी में केंद्र सरकार ने गेहूं का एमएसपी 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है, जबकि पिछले रबी में एमएसपी 1,925 रुपये प्रति​ क्विंटल था।

चीनी का उत्पादन 299 लाख टन के पार, 54-55 लाख टन के निर्यात सौदे

नई दिल्ली। चालू पेराई सीजन 2020-21 के पहले सात महीनों में पहली अक्टूबर से 30 अप्रैल 2021 तक चीनी का उत्पादन 15.90 फीसदी बढ़कर 299.15 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान केवल 258.09 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। विदेशी बाजार में दाम तेज होने से चालू पेराई सीजन में 54 से 55 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे भी हो चुके हैं।

चालू पेराई सीजन में इस समय देशभर की 106 चीनी मिलों में पेराई चल रही है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 112 मिलों में ही पेराई चल रही थी।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में 30 अप्रैल 2021 तक 105.63 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 60.95 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था। राज्य में 23 चीनी मिलों में पेराई चल रही है, जोकि अगले 15 से 20 दिनों में बंद हो जायेगी।

उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में 120 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी, जिसमें से 75 मिलों में पेराई बंद हो चुकी है। राज्य में 30 अप्रैल 2021 तक 105.62 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि के 116.52 लाख टन से 10.90 लाख टन कम है।

कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में 30 अप्रैल तक 41.67 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 33.82 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। राज्य की 66 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी, जोकि लगभग बंद हो चुकी है। अब केवल दक्षिण कर्नाटक में कुछ मिलें विशेष सत्र की पेराई कर रही हैं।

गुजरात में चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 10.15 लाख टन और  तमिलनाडु में 6.04 लाख टन चीनी का उत्पादन 30 अप्रैल 2021 तक हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में इन राज्यों में क्रमश: 9.02 लाख टन और 5.45 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। पिछले साल तमिलनाडु में विशेष सत्र के दौरान 2 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।

देश के अन्य राज्यों आंध्रप्रदेश और तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा में 30 अप्रैल 2021 तक 30.04 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।

चालू पेराई सीजन में 30 अप्रैल 2021 तक देश से करीब 54 से 55 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हो चुके हैं, जबकि केंद्र सरकार ने चालू पेराई सीजन में 60 लाख टन चीनी का निर्यात कोटा तय किया हुआ है। सूत्रों के अनुसार विदेशी बाजार में दाम तेज होने से मिलों को निर्यात में अच्छी पैरिटी लग रही है।